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दिग्गज म्यूजिक डायरेक्टर और नेशनल अवॉर्ड विनर वनराज भाटिया का निधन, 93 साल की उम्र में दुनिया को कहा अलविदा

हिंदी सिनेमा जगत के जाने-माने संगीतकार वनराज भाटिया का शुक्रवार की सुबह निधन हो गया. 93 साल के वनराज भाटिया ने अपने मुंबई स्थित घर पर अंतिम सांस ली. उनकी तबीयत पिछले कुछ समय से ठीक नहीं थी. वो फाइनेंशियल क्राइसिस और उम्र संबंधी बीमारी से गुजर रहे थे. उन्होंने अपने घर के सामान को सेल के लिए भी लगाया था. एक्टर कबीर बेदी ने उनकी मदद भी की थी. वनराज सिंगल थे और साउथ मुंबई के घर में अकेले रहते थे. वनराज ने 70s,80s और 90s में एडवर्टाइजिंग जिंगल कंपोज किए. उन्होंने लगभग 7000 जिंगल कंपोज किए.

वनराज भाटिया का जन्म 31 मई 1927 को मुंबई में हुआ. उन्होंने लंदन के रॉयल एकेडमी ऑफ म्यूजिक से पढ़ाई की. 1959 में वो भारत लौटे थे. उन्होंने पहली बाहर श्याम बेनेगल की फिल्म ‘अंकुर’ के लिए बैकग्राउंड म्यूजिक तैयार किया था. वनराज भाटिया के निधन पर मनोरंजन उद्योग में शोक की लहर है. कई सेलेब्स ने दिग्गज संगीतकार को श्रद्धांजलि दे रहे है.

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वनराज भाटिया ने फिल्म ‘36 चौरंगी लेन’, ‘जाने भी दो यारो’, ‘तरंग’, ‘द्रोह काल’, ‘अजूबा’, ‘बेटा’, ‘दामिनी’, ‘घातक’, ‘परदेस’, ‘चमेली और ‘रुल्स: प्यार का सुपरहिट फॉर्मूला’ के लिए संगीत तैयार किया. उन्होंने सीरियल ‘खानदान’, ‘वागले की दुनिया’, ‘नकाब’ और ‘बनेगी अपनी बात’ सहित अन्य में संगीत दिया. वनराज भाटिया ने करीब सात हजार जिंगल्स बनाए जिनमें लिरिल और ड्यूलक्स जैसी कंपनियां हैं. भाटिया को 1988 में टेलीविजन पर रिलीज हुई फिल्म ‘तमस’ के लिए सर्वश्रेष्ठ संगीतकार का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला. इसके अलावा सृजनात्मक व प्रयोगात्मक संगीत के लिए 1989 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया. भारत सरकार ने उन्हें 2012 में पद्मश्री पुरस्कार दिया था.

(Source: Twitter)

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