By  
on  

PeepingMoon Exclusive : 'बॉलीवुड में रहकर सलमान खान के साथ काम नहीं किया तो मजा नहीं आता': राधे सॉन्ग ‘जूम-जूम’ लिरिसिस्ट कुणाल वर्मा

जयपुर के रहने वाले कुणाल वर्मा ने 'हमारी अधूरी कहानी' का 'हंसी बन गए', 'दे दे प्यार दे' का 'चले आना'  'तू मिला तो है ना',  मरजावां का 'तू ही आना' से लेकर कई दिल को छू लेने वाले गानें अपनी कलम से पन्‍ने पर उतारे है. कोई शक नहीं कि कुणाल इतना मीठा लिखते हैं कि उनके लिखे गीत दिल में घर कर जाते हैं.  वहीं अब कुणाल राधे फिल्म के रोमांटिक ट्रैक ‘जूम-जूम’ से तहलका मचता रहे है. वहीं हाल ही में कुणाल ने पीपिंगमून के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत की. इस दौरान उन्होंने अपने लेटेस्ट ट्रैक के अलावा सलमान खान के साथ काम करने से लेकर म्यूजिक डायरेक्टट वाजिद से जुड़ी यादें भी शेयर की. 

 

सवाल- राधे का ज़ूम ज़ूम रिलीज हो चुका है...और लोगो को ये रोमांटिक ट्रैक काफी पसंद आ रहा है, सबसे पहले ये ही कि आप इस गाने का हिस्सा कैसे बने ? 
जवाब- दरअसल मैं तब राजस्थान में था तब मुझे इस गाने को लेकर वाजिद सर का फोन मेरे पास आया था. उन्होंने मुझसे कहा कि कहां पर हो जल्दी से स्टूडियो आ जाओ, मैंने उनको बोला कि मैं राजस्थान में हूं तो उन्होंने मुझसे बोला कि जैसे ही आओ तुरंत मुझसे मिलना. फिर अगले ही दिन साजिद सर का फोन मेरे पास आया उन्होंने भी मुझे फटाफट मिलने के लिए बोला. तब उन्होंने मुझे बताया कि बहुत अर्जेंट काम है भाई की फिल्म का एक गाना लिखना है. तो फिर मैंने मुंबई पहुंचकर साजिद सर से मुलाकात की. तो हमारी इस गाने को लेकर बातचीत हुई. उसके बाद कई दिन इसकी हुक लाइन पर काम किया. और लोगों अब जैसा की यह गाना लोगों को काफी पसंद आ रहा है, तो हमारी मेहनत सफल हुई.

PeepingMoon Exclusive: 'बामिनी एंड ‘बॉयज़’ में अपने किरदार के लिए मैंने खुद को पूरी तरह बदल दिया था, इतना कि मैं खुद सरप्राइज हूं': विद्या मालवडे

सवाल- सलमान खान के लिए लिखना और उनके साथ काम करना, कैसा लग रहा है ?
जवाब-  ये मेरा सलमान सर के साथ दूसरा गाना था. वैसे मैं सबके साथ काम करना पसंद करता हूं लेकिन हां अगर आप बॉलीवुड इंडस्ट्री में और आपने सलमान खान के साथ काम नहीं किया तो मजा नहीं आता या कहें तो अगर आपने उनके साथ काम नहीं किया तो माना नहीं जाता कि आपने इंडस्ट्री में काम किया है. पर हां मैं कह सकते है कि कुछ किया है (हंसते हुए).

सवाल- म्यूजिक डायेक्टर साजिद-वाजिद के साथ ये आपका पहला और कह सकते है कि आखिरी collaboration था, वाजिद सर के साथ उनके आखिरी दिनो का कोई किस्सा जो हमेशा आपके दिल में रहेगा ?
जवाब- जब वाजिद सर को अगले दिन हॉस्पिट जाना था, उनको गले का इन्फेक्शन था. उसी दौरान का ये किस्सा है. दरअसल मैं और साजिद सर एक गाने पर काम कर रहे थे, तब वाजिद सर स्टूडियो में आए और उन्होने बहुत ध्यान से स्टूडियो को देखा. तब साजिद सर ने कहा कि यब लड़का बहुत टैलेंटेड है. तब वाजिद भाई ने भी मेरी तारीफ की. उसी दौरान...साजिद सर को किसी काम की वजह से बाहर जाना पड़ गया...तब वाजिद सर ने मुझसे कहा कि, मैं कल हॉस्पिटल जा रहा पता नहीं वापस आऊं या ना आऊं पर तुम हमेशा साजिद के साथ रहना ...उनको किसी की जरूरत है और तुम को भी अच्छी जगह चाहिए काम करने के लिए. उन्होने कहा कि वे चाहते है कि हम सब मिलकर अच्छा काम करें . फिर बोले कि पता नहीं आगे मिलेंगे या नहीं मिलेंगे पता ही नहीं तो स्टूडियों को देख लेता हूं एक बार. उस वक्त मैं कुछ बोल नहीं पाया पर शायद जीवन भर ये बात ना भूल पाउं. उनसे आखिरी मुलाकात हमेशा दिल में रहेगी. 

सवाल: गीत लिखने की शुरुआत कैसे हुई?
जवाब: मैं जब कॉलेज में था तो शायरी सुनने और उन्‍हें महसूस का शौक था. धीरे-धीरे कुछ कुछ लिखने लगा और वह दोस्‍तों को पसंद आने लगा.  एम फराज, निदा फाजली, मीर साहब की शायरियां मुझे बेहद पसंद हैं. मैंने लिखना शुरू किया और मेरा पहला गाना आया - हंसी बन गए. ये गाना सब लोगों के दिल के बहुत करीब है. इस गाने को भरपूर प्‍यार मिला और मेरा हौंसला बढ़ गया. उसके बाद मैंने ये राह पकड़ ली. एक बात और कहना चाहता हूं कि मैं यंग एज राइटिंग करता हूं लेकिन चलाऊ काम नहीं करता. मैं चाहता हूं कि जब गाना कोई सुने तो पूछे कि ये लिखा किसने है? यही वजह है कि मैं उर्दू का इस्‍तेमाल करता हूं और मेरे गीतों में शायरी दिखती है.


 

Author

Recommended

PeepingMoon Exclusive