दिग्गज एक्ट्रेस शबाना आज़मी ने कोविड -19 महामारी के दौरान सिने कार्यकर्ताओं को सरकार से कोई सहायता नहीं मिलने पर हाल ही में एक जाने माने वेब पोर्टल को दिए इंटरव्यू में बात की है.
सिंटा के सदस्यों के लिए अपना काम कर रही एक्ट्रेस को लगता है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है और कड़वा सच यह है कि M&E इंडस्ट्री के साथ एक अनाथ जैसा व्यवहार किया जा है. वह कहती हैं, "एक क्षेत्र के रूप में, हम राजकोष में लाखों का योगदान करते हैं. हर बार जब कोई राष्ट्रीय आपदा आई है, फिल्म इंडस्ट्री आगे आई है और सरकार को धन जमा करने के साथ-साथ व्यक्तिगत दान देने की भी मदद करती है. हालांकि, यह हमेशा ये हद तक एकतरफा संबंध रहा है. अफसोस की बात है कि हम किसी भी मंत्रालय के दायरे में नहीं आते हैं, चाहे वह मानव संसाधन विकास/श्रम/संस्कृति मंत्रालय हो या वास्तव में सूचना और प्रसारण भी."
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शबाना आज़मी जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय पोर्जेक्ट्स में काम किया है और फिलहाल लंदन में शूटिंग कर रही थीं, ने बताया है कि पिछले साल यूके सरकार के डिजिटल, कल्चर, मीडिया एंड स्पोर्ट्स को पिछली गर्मियों में महामारी से बचने में मदद करने के लिए 17 मिलियन पाउंड के फंड की घोषणा की थी.
दूसरी तरफ भारत के बारे में बात करते हुए, उन्होंने कहा, "हमारी सरकार की ओर से ऐसी कोई प्रतिक्रिया नहीं है. मुझे लगता है कि यह काफी हद तक इस धारणा के कारण है कि फिल्म इंडस्ट्री पैसे से भरा हुआ है और उसे मदद की ज़रूरत नहीं है. हम भारत के सांस्कृतिक राजदूत हैं - हम अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों में हम जो पुरस्कार जीतते हैं, उनके द्वारा हमारे देश में ख्याति लाते हैं. बॉलीवुड पूरी दुनिया में एक घरेलू नाम है."
वह आगे कहती हैं, "कोविड महामारी ने दैनिक वेतन भोगी और तकनीशियनों को गरीब बना दिया है. बहुत सारे सीनियर आर्टिस्ट बिना काम के हैं और उनके पास दूसरा कोई रास्ता नहीं है. हम में से कई लोगों ने अपने-अपने संघों में योगदान दिया है लेकिन इस पैमाने की आपदा के लिए सरकार से मदद की जरूरत है."
(Source: ETimes)