एक्ट्रेस-एनवीरोंमेंटलिस्ट जूही चावला ने देश में 5जी वायरलेस नेटवर्क स्थापित करने के खिलाफ सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. इसमें एक्ट्रेस ने नागरिकों, जानवरों, वनस्पतियों और जीवों पर विकिरण के प्रभाव से संबंधित मुद्दों को उठाया है.
न्यायमूर्ति सी हरि शंकर, जिनके समक्ष मामला सुनवाई के लिए आया, ने 2 जून को सुनवाई के लिए मामले को दूसरी पीठ को स्थानांतरित कर दिया है. जूही चावला ने कहा कि अगर 5जी के लिए दूरसंचार उद्योग की योजनाएं पूरी होती हैं, तो कोई भी व्यक्ति, कोई जानवर नहीं, कोई पक्षी नहीं, कोई कीट और कोई पौधा पृथ्वी पर 24 घंटे, साल में 365 दिन, जोखिम से बचने में सक्षम नहीं होगा. आरएफ विकिरण जो आज मौजूद है उससे 10x से 100x गुना अधिक है.
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उन्होंने यह भी कहा है कि ये 5G योजनाएं मनुष्यों पर गंभीर, अपरिवर्तनीय प्रभाव और पृथ्वी के सभी पारिस्थितिक तंत्रों को स्थायी नुकसान पहुंचा सकता है. एडवोकेट दीपक खोसला के माध्यम से दायर मुकदमे में, अधिकारियों को बड़े पैमाने पर जनता को सर्टिफाई करने के लिए निर्देश देने की मांग की गई है कि 5G तकनीक मानव जाति, पुरुष, महिला, वयस्क, बच्चे, शिशु, जानवरों और हर प्रकार के जीवों के लिए सुरक्षित है.