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दिल्ली हाईकोर्ट ने 5जी के खिलाफ की गई याचिका को लेकर जूही चावला को लगाई फटकार, कहा- 'मीडिया पब्लिसिटी के लिए दायर किया है केस'

जूही चावला ने देश में 5जी नेटवर्क रेडिएशन के खिलाफ याचिका दी थी. पर वहीं दिल्ली हाई कोर्ट ने इस पूरे मामले पर जूही चावला को फटकार लगाई है. दरअसल कोर्ट का कहना है कि टेक्नोलॉजी से संबंधित जूही के चिंताओं पर  सरकार को कोई प्रतिनिधित्व दिए बिना मुकदमा दायर करना सहीं नहीं है. कोर्ट ने एक्ट्रेस से ये केस मीडिया पब्लिसिटी के लिए दायर करने की बात कहते हुए फटकार लगाई. 

जूही चावला, जो सक्रिय रूप से रेडियोफ्रीक्वेंसी (आरएफ) के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता पैदा कर रही हैं. मुकदमा दायर करते हुए एक्ट्रेस ने कहा कि 5जी तकनीक लोगों और जानवरों को रेडियो फ्रीक्वेंसी के संपर्क में लाती है जो आज की तुलना में 10 से 100 गुना अधिक है. कोई भी व्यक्ति, कोई जानवर, कोई पक्षी, कोई कीट और पृथ्वी पर कोई भी पौधा, दिन के 24 घंटे, साल में 365 दिन, रेडियो फ्रीक्वेंसी में नहीं रह सकता. आने वाले समय में यह आज से 100 गुना तक अधिक हो जाएगी.' यही नहीं जूही ने 5जी से होने वाली बीमारियों बारे में भी जिक्र किया. चावला ने बयान में स्पष्ट किया कि वे वायरलेस टेक्नोलॉजी के खिलाफ नहीं हैं. वह कहती हैं, 'हम लगातार दुविधा में हैं, क्योंकि वायरफ्री गैजेट्स और नेटवर्क सेल टावरों से रेडियो फ्रीक्वेंसी के संबंध में अपने स्वयं के शोध और अध्ययन करने के बाद, हमारे पास यह मानने का पर्याप्त कारण है कि विकिरण लोगों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए बेहद हानिकारक है.'

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दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें सुनीं और पूछा कि वादी में 33 पक्ष क्यों जोड़े गए और कहा कि कानून के तहत इसकी अनुमति नहीं है. न्यायाधीश ने कहा कि मुक़दमा दायर करने वाला अपनी इच्छा से कई पार्टियों में शामिल हो और कार्रवाई हो जाए ऐसा नही होता है. कृपया पार्टियों के मेमो देखें. मुझे बताएं कि आप उनसे कैसे जुड़े हैं. हर पक्ष को सूट में नहीं रखा जा सकता है.
 

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