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रत्ना पाठक ने नसीरुद्दीन शाह के साथ अपने रिश्ते पर की बात, कहा- 'यह पूरी तरह से एक लॉटरी है, हम बस लकी हैं'

वर्सेटाइल कलाकारा रत्ना पाठक ने हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में, नसीरुद्दीन के साथ अपनी रिलेशनशिप के बारे में बात की. इसी के साथ रत्ना ने अपनी अब तक की जर्नी और अपने करियर चॉइसेज के बारे में बात की, साथ ही उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि वो बड़े ड्रैमेटिक रोल्स करने की इच्छा रखती हैं जो उनके कॉम्पटीटर्स शबाना आजमी और स्मिता पाटिल ने किए थे. 
नसीरुद्दीन के साथ अपनी रिलेशनशिप के बारे में बात करते हुए रत्ना ने कहा कि, 'हमने एक शानदार शादी की थी. हमारी शादी कुछ शादियों में से एक थी जिसमें मैं शामिल हुई, जहां दूल्हा और दुल्हन दोनों ने मस्ती की. हमारी शादी में एक पार्टी हुई थी. हम बीच के किनारे पर गए, वाइन पी, और बहुत अच्छा समय बिताया. हमारी शादी में कोई रिचुअल्स नहीं थे और कोई रोना धोना नहीं था. मुझे याद है जब मैंने अपनी मां का घर छोड़ा था, तब हम सब एक साथ विदाई सॉन्ग्स गा रहे थे. नसीर और मैं बहुत सारे बिदाई सॉन्ग्स भी गा रहे थे. तो, निश्चित रूप से, मैं अपने बच्चों के लिए भी यही चाहती हूं, लेकिन उन दोनों में शादी के कोई लक्षण नहीं दिख रहे हैं.' 


बता दें कि,  सत्यदेव दुबे के डायरेक्शन में बने 'संभोग से संन्यास तक' नामक प्ले में पहली बार रत्मा और नसीरुद्दीन ने साथ काम किया था. इस प्ले के रिहर्सल के दौरान इनकी पहली मुलाकात हुई थी. कुछ ही समय बाद दोनों ने डेटिंग शुरू कर दी और सात साल तक रिलेशनशिप में रहने के बाद 1982 में शादी कर ली थी. वहीं इंटरव्यू के दौरान रत्ना ने साथ में ये भी कहा कि, 'शादी पूरी तरह से एक लॉटरी है, हम बस लकी हैं.' 

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वहीं एक्ट्रेस रत्ना पाठक अपनी अब तक की जर्नी और अपने करियर चॉइसेज के बारे में बात करते हुए कहा कि, 'जब मैंने अपना करियर 80 के दशक में शुरू किया था, तब मैंने महिलाओं के ऊपर लिखे गए रोल्स किए थे. यहां तक कि बड़े ड्रैमेटिक रोल्स भी जो शबाना आजमी, स्मिता पाटिल जैसे लोगों ने किए थे, लेकिन मुझे मौका नहीं मिला. मुझे 'इधर उधर' मिला, जिससे मुझे लगता है कि इसने मुझे और मेरी लाइफ और काम के प्रति मेरे एटीट्यूड को बदल दिया. मैं बहुत भाग्यशाली थी कि लंबे समय में मेरा करियर काफी असाधारण रूप से समाप्त हो गया.'


रत्ना ने आगे कहा, 'मुझे सालों से कोई दिलचस्प काम नहीं मिला. लोगों को नहीं लगा कि मैं कास्ट किए जाने के लायक हूं. लेकिन एक तरह से यह मेरे लिए अच्छा साबित हुआ क्योंकि तब मैंने टेलीविजन करना ही बंद कर दिया था. यह उस तरह की पहली पैसे देने वाली नौकरी है जो मुझे वास्तव में मिली थी. मैंने एक टीवी शो किया था, जिसका नाम था 'इधर उधर', जो 1984-85 में प्रसारित हुआ, और एक सिटकॉम था जो काफी प्रोग्रेसिव था। मैंने सोचा था कि मैं ड्रैमेटिक रोल्स करूंगी, जब हम यंग होते हैं तो यही उम्मीद की जाती है और मुझे एक कॉमेडी मिली. मैं पूरी तरह से तैयार नहीं थी, लेकिन यह बहुत एक्साइटिंग था. हम सब काम सीख रहे थे. यह कॉमेडी का एक वंडरफुल इंट्रोडक्शन था, यह अभी भी एक्टिंग कर रहा था, लेकिन पूरी तरह से अलग संदर्भ में.'

(Source: E Times)

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