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TMC में शामिल हुए बाबुल सुप्रियो, 48 दिन पहले BJP से दिया था इस्तीफा, अब कहा- 'फैसला बदलने पर गर्व'

लगभग दो महीने पहले राजनीति छोड़ने का ऐलान कर चुके BJP के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने शनिवार को तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया है. बाबुल को मुख्यमंत्री  ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी और पार्टी सांसद डेरेक ओब्रायन ने TMC की सदस्यता दिलाई. 48 दिन पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल में हुए फेरबदल के बाद सुप्रियो ने BJP छोड़ दी थी.
वहीं TMC में शामिल होने के बाद बाबुल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने कहा, 'आज का दिन मेरे लिए बहुत बड़ा है. मुझे जनता की सेवा करने का मौका मिला है। ये सब पिछले 4 दिन में हुआ है. बाबुल ने कहा कि ममता पर बंगाल की जनता को भरोसा है. मैं काम करने के लिए TMC से जुड़ा हूं. उन्होंने कहा कि मुझे अपने इस फैसला बदलने पर गर्व है.' वहीं उन्होंने ये भी कहा कि वह सोमवार को ममता बनर्जी से मुलाकात करेंगे और पार्टी जो भी निर्णय करेगी वह उसके मुताबिक ही चलेंगे.

बता दें कि, बाबुल ने अपने करियर की शुरुआत एक बड़े मल्टीनेशनल बैंक के साथ की थी. वहां पर उन्हें बैंकर की नौकरी मिल गई थी. कुछ समय बाद नौकरी को छोड़ बाबुल सुप्रियो ने खुद को संगीत क्षेत्र में डाल लिया. अब क्योंकि उनका पूरा परिवार भी गायकी से जुड़ा रहा है. बाबुल ने बॉलीवुड फिल्मों में गाना गाया, बंगाली संगीत में अपना योगदान दिया और कई फिल्मों में बतौर एक्टर भी काम किया. राजनीति में आने से पहले ही बाबुल सुप्रियो अपने करियर में कई एक्सपेरिमेंट कर चुके थे.

 

गायक और भाजपा के पूर्व सांसद बाबुल सुप्रियो ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से हटाए जाने के कुछ दिनों बाद राजनीति को कहा अलविदा

फिर साल 2014 बीजेपी से नरेंद्र दामोदरदास मोदी पीएम पद के उम्मीद्वार...मोदी लहर का दौर में सिंगर बाबुल सुप्रियो ने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ले ली और फिर बंगाल की आसनसोल सीट से चुानव भी लड़ा. उस समय बंगाल में ममता का ही दबदबा था, वहां पर बीजेपी बतौर विपक्ष भी मजबूत नहीं थी, लेकिन तब बाबुल ने टीएमसी के गढ़ में कमल खिलाने का काम कर दिया. 2014 के चुनाव में बाबुल सुप्रियो ने आसनसोल सीट को 70 हजार वोटों से जीत लिया था. तब उन्होंने टीएमसी की डोला सेन को बुरी तरह हराया था. मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में सबसे पहले बाबुल सुप्रियो को शहरी विकास, आवास मंत्रालय में राज्यमंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. फिर 2016 में उन्हें भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम में बतौर राज्यमंत्री बनाया गया था.


फिर साल 2021 यानि इस साल हुए बंगाल विधानसभा चुनाव में बीजेपी की हार नसीब हुई. हालांकि बीजेपी के हाथ सीटें जरूर आईं, लेकिन ममता दोबारा सत्ता पर काबिज हो गईं. बाबुल सुप्रियो भी अपनी सीट आसनसोल हार बैठे. इसके बाद हाल ही में नरेंद्र मोदी कैबिनेट का विस्‍तार हुआ था. इसमें बाबुल सुप्रियो को केंद्रीय मंत्री पद से हटा दिया गया था. इससे सुप्रियो केंद्रीय नेतृत्‍व से नाराज चल रहे थे. BJP से इस्तीफे के ऐलान के बाद बाबुल ने कहा था, 'मैं किसी दूसरी पार्टी में नहीं जा रहा हूं. हमेशा से भाजपा का सदस्य रहा हूं और रहूंगा.' लेकिन कुछ देर बाद ही उन्होंने अपनी पोस्ट एडिट कर दी और उससे हमेशा BJP में रहने वाली लाइन हटा दी थी'. 

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