रामायण में सीता का रोल करने वाली दीपिका चिखलिया आज अपना 54 वां जन्मदिन मना रही हैं. कोरोना वायरस के चलते हुए लॉक डाउन के बीच दूरदर्शन पर 'रामायण' का फिर से प्रसारित होना एक्ट्रेस के पॉपुलैरिटी में फिर से चारचांद लगा रहा है. ऐसे में आज 29 अप्रैल के दिन अपना जन्मदिन मना रही, एक्ट्रेस से जुड़ी उन्हीं की जुबानी कुछ दिलचस्प बातें बताते हैं.
आज अपने जन्मदिन के मौके पर एक्ट्रेस ने PeepingMoon को दिए अपने खास इंटरव्यू में अपने करियर की शुरुआत से लेकर सीता के किरदार के मिलने के अलावा आने वाले समय में किस तरह का किरदार करना चाहती हैं, इन सभी चीजों से पर्दा उठाया है.
प्र. आपने अपने करियर की शुरुआत 14 साल की उम्र में की थी, तो तब क्या आपको अपने माता-पिता का सहयोग मिला था?
उ: जी हां, उनका पूरा सहयोग मिला था. उनका सहयोग था इसलिए मैं इतनी छोटी उम्र में यह कर पाई. मेरे फादर इसके थोड़े अगेंस्ट थे, लेकिन मुझे मेरी मम्मी का पूरा सपोर्ट मिला क्योंकि मेरी मम्मी भी चाहती थी कि मैं कुछ बनु अपनी लाइफ में, कला के क्षेत्र से लगके. इस तरह से मम्मी का तो सपोर्ट हमेशा रहा लेकिन पापा भी आगे चलकर मान गए और इस तरह से उन्होंने मेरे पूरे करियर में हमेशा मेरा साथ दिया और उन्हें हमेशा मुझ पर गर्व रहा.
प्र. राजश्री प्रोडक्शन जैसे बड़े बैनर के साथ अपना फिल्मी डेब्यू करना आपके लिए कैसा अनुभव था?
उ: बहुत ही अच्छा अनुभव था तब मैं बहुत कम उम्र की थी. उन्होंने ने मुझे बहुत अच्छे से संभाला समझाया हर चीज सिखाई बहुत सारी चीजें मुझे राजा बाबू ने बताई जो आज तक मेरे ध्यान में है और वह बहुत अच्छी बातें हैं. मुझे बहुत रिस्पेक्ट मिला था उन्हें पता था कि मेरा फिल्मी बैकग्राउंड नहीं है, तो उन्होंने मुझे एक्टिंग के मामले में हो और हर एक चीज के मामले में काफी ध्यान दिया, कि भाई ऐसी होती है इंडस्ट्री और यह सब होता है. तो यह सब बहुत अच्छा था सभी ने मेरे साथ बहुत अच्छे से व्यवहार किया था.
फिल्मों में डेब्यू करने के बाद आपने अचानक से टीवी की दुनिया की तरफ अपना रुख किया जिसकी कोई वजह?
हां, वह भी मैंने राजश्री की वजह से ही की थी, उन्होंने एक सीरियल बनाई थी 'पेइंग गेस्ट' और उसके लिए मैंने एक एपिसोड किया था, जिसके बाद लगातार काम शुरू हो गया मेरे लिए.
रामानंद सागर के साथ आपने कई शोज किए लेकिन आपको सीता का किरदार रामायण में कैसे मिला ?
उनके साथ शोज करते करते हुए ही उन्होंने मुझे देखा और स्क्रीन टेस्ट लिया और फिर उन्हें लगा कि यह सबसे अच्छी सीता है तो मुझे दे दिया रोल.
इस किरदार से जुडी सबसे बड़ी मुश्किल बात आपको क्या लगी थी?
सबसे बड़ी मुश्किल यह रही कि जो इमेज है वह अच्छी भी है और मुश्किल भी, क्योंकि जो इमेज है मेरी सीता के तौर पर जो उन्होंने मुझे भगवान बना दिया. ऐसे में आज वही रिलीज हुई है री-टेलीकास्ट हुई है, तब लोग मुझे अच्छी अभिनेत्री के तौर पर देख रहे हैं. लेकिन उस वक्त उन्हें यह लगता था कि मैं भगवान हूं. तो जो डिफरेंस आज की जनरेशन कर रही है, वह उस टाइम पर नहीं कर पा रहे थे. उन लोगों को लगता था कि यह साक्षात भगवान है. तो मेरे हिसाब से वह मेरे लिए सबसे मुश्किल फेज रहा कि लोगों को प्रूफ करना कि हम भगवान की तरह सिर्फ लगते हैं क्योंकि हमने बहुत अच्छी एक्टिंग की है. तो यह जो मैसेज मुझे देना था, वह मुझे लग रहा है कि आज की जनरेशन ने ऑटोमेटिकली दे दिया है.
आपको कभी अपने किरदार के लिए राष्ट्रीय सम्मान या फिर पुरस्कार नहीं मिला तो क्या आप इसके लिए दुख महसूस करती हैं?
हां महसूस होता है. और मुझे लगता है कि बिल्कुल उन्हें राष्ट्रीय सम्मान देना चाहिए था.
रामायण के फिर से प्रसारित होने के बाद, आपको क्या लगता है कि यह आपके करियर को किस तरह से उर्जा देगा और अधिक ऑफिस मिलेंगे तो आप उस में किस तरह का किरदार करना पसंद करेंगे?
मुझे नहीं पता मैं अपने आप को बहुत ओपन रख रही हूं. लेकिन मेरी इमेज मेरी माइंड सेट, वह सब ध्यान में रखते हुए लोग आएंगे क्योंकि एक इंडियन कैरेक्टर रहेगा. शायद मैं नहीं जानती कि बहुत स्ट्रांग हो सकता है क्योंकि मुझे बहुत स्ट्रांग रोल्स करने पसंद है, हीरोइन ओरिएंटेड रोल्स करना पसंद है. मैं अभी सर्व श्री नायडू की बायोपिक करने करने जा रही हूं. वहीं, बातचीत चल रही है बीच में कहा था कि निर्भया की मां आशा देवी का रोल मुझे करने मिले तो मुझे बहुत खुशी होगी. इस तरह से मैं पैरेलल सिनेमा भी कर सकूं, कमर्शियल सिनेमा मैं भी मुझे इंटरेस्ट है, मैं बहुत शौक रखती हूं कि मैं वेब सीरीज भी करूं, क्योंकि वो थोड़ी आधुनिक भी होती है. तो मैं इन सभी चीजों में बैलेंस बनाकर रखना चाहती हूं.
(Source: PeepingMoon)