'नमक इश्क का' एक्ट्रेस श्रुति शर्मा किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं. एक्ट्रेस ने टीवी की दुनिया में 'इंडियाज नेक्स्ट सुपरस्टार' के मंच से अपने करियर की शुरुआत की थी, जिसके बाद उन्होंने कई टीवी शोज किए साथ ही साउथ से लेकर हिंदी फिल्मों में भी अपनी खूबसूरती से लेकर एक्टिंग तक का लोहा मनवाया. ऐसे में PeepingMoon को दिए अपने खास इंटरव्यू में श्रुति ने अपने अपकमिंग प्रोजेक्ट्स से लेकर बिग बॉस जैसे कंट्रोवर्सिअल शो में भाग लेने और अपने पॉपुलर शो द्वारा दिए गए संदेश पर रोशनी डाली है.
करियर की शुरुआत आप इंडियाज नेक्स्ट सुपरस्टार से की थी, तो क्या आपको अपने शुरुआती सफर में अंदाजा था कि इतनी आगे निकल पाएंगी ?
नहीं (हंसते हुए) मेरे ख्याल से कोई भी इतनी आगे का सोचता नहीं है. उस दौरान मैंने कुछ प्लान नहीं की थी, करियर तो कभी भी मैंने प्लान नहीं किया था. जो भी अपॉर्चुनिटी आ रही थी, उनमे से मैंने जो बेस्ट थी, वो मैंने चुनी. इंडियाज नेक्स्ट सुपरस्टार करते वक़्त बस यही चिंता रहती थी कि बहुत अच्छा परफॉर्म करना है, क्योंकि जहां कम नंबर आएगा आप ऑउट हो जाओगे और मुझे ऑउट नहीं होना था. लेकिन उसकी वजह से मेरी करियर को बहुत अच्छा मोड़ मिला और फिर स्ट्रगल नहीं करना पड़ा.
हिंदी ही नहीं साउथ में भी आप अपना डेब्यू कर चुकी हैं, ऐसे में वो कौन से प्रोजेक्ट्स हैं, जिनमे हम आपको आने वाले समय में देख पाएंगे ?
अभी तो लॉकडाउन चल रहा है बहुत साड़ी चीजे पोस्टपोंड पर पोस्टपोंड हो रही हैं. ऐसे में मैं 'नमक' (टीवी शो) पर ध्यान दे रही हूं, क्योंकि जो भी अपॉर्चुनिटी मिल रही हैं वो पोस्टपोंड हो रही हैं. मैं उम्मीद करती हूं कि अगले साल या फिर इस साल के अंत तक जो चीजे हैं वो ठीक हो जाएं. लाइफ वापस ट्रैक पर आये और कुछ नया हम कर पाएं.
बिग बॉस 14 में आप बतौर गेस्ट गयी थीं, तो क्या आप आने वाले समय में उसका हिस्सा बनने की चाह रखती हैं ?
असल में मेरा गॉसिप में इंटरेस्ट ही नहीं है, कंट्रोवर्सी तो बहुत दूर की बात है, मुझे नहीं लगता की मैं उसमे सरवाइव नहीं कर पाऊंगी. मैं तो रोती रह जाऊंगी क्योंकि लड़ाई झगड़ा मुझसे नहीं होता मैं रो दूंगी. यह डिजाइन है बाकी आपको पता नहीं डेस्टिनी मैंने आपके लिए क्या सोचा है. इस बारे में कुछ कह नहीं सकते, लेकिन मेरे लिए बहुत मुश्किल है अपनी फैमिली दोस्तों और अपने फोन से इतने दिनों तक दूर रहना.
आपके शो (नमक इश्क का) में जो आपका किरदार है, उस तरह से अगर हम देखेंगे, तो समाझ में महिलों को अपनी मर्जी से जीने का हक़ नहीं दिया जाता, इसपर आप क्या कहेंगी ?
हां बहुत सारे इशू हैं हमारे समाज में ही नहीं पूरी दुनिया में ही. औरतों का इंडिपेंडेंट होना जरूरी है लेकिन हम उनको इतना मौका देते नहीं है. हमारी सोसाइटी की टिपिकल सोच है लड़की है तो घर में रहनी चाहिए, घर के काम आने चाहिए और फिर शादी करवा दो. तू कहीं ना कहीं इस शो के जरिए बताने की कोशिश की गई है कि कोई भी लड़की काम कर सकती है...कुछ भी काम कर सकती है. उसका काम उसके कैरेक्टर को डिफाइन नहीं करता. और आखिरी चीज की उसके काम के जरिए आप उसको जज मत करो, उसे भी हक है एक नॉर्मल लाइफ जीने का. तो कहीं ना कहीं हम कोशिश करते हैं कि हम लोगों को एक अच्छा मैसेज दे पाए.