आज पूरे देश में हिंदी दिवस मनाया जा रहा हैं. ऐसे में पीपिंगमून ने 'एयरलिफ्ट', 'सुल्तान', 'रामसिंह चार्ली' जैसी बेहतरीन फिल्मों में काम कर चुकें कुमुद मिश्रा से खास बातचीत की, जो हिंदी भाषा के प्रेमी है, फिल्मों से जुड़ें अपने ज्यादातर इंटरव्यूज वो हिंदी में देते हैं. कुमुद ने पीपिंगमून से जुड़े एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में बताया कि वो हिंदी भाषा में इसलिए बात करते हैं क्यूंकि वो उसमें कम्फर्टबेलक होते हैं, अगर किसी को हिंदी नहीं आती तो वह उससे अंग्रेजी में बात करते हैं. कुमुद ने कहा, 'हिंदी आपकी मातृभाषा है, आपको बोलना चाहिए, अपनी भाषा पर गर्व होना चाहिए. हर आदमी को अपनी मातृभाषा पर गर्व होना चाहिए.
यह पूछने पर कि हिंदी भाषा को लेकर बहुत बार सोशल मीडिया पर जंग छिड़ जाती है, लोग कहते हैं कि हिंदी भी बाकी भाषाओं जैसी है, इसके जवाब में उन्होंने कहा, 'पहली बात तो मैं सोशल मीडिया पर हूं नहीं, तो मुझे नहीं पता वहां क्या जंग छिड़ रही है. सोशल मीडिया देश नहीं है, देश सोशल मीडिया से बहुत आगे है. मेरी जानकारी में कोई हिंदी का अपमान नहीं करता है, अगर आप अपनी भाषा अपने कॉन्फिडेंस के साथ बोलेंगे तो सभी आपका सम्मान करते हैं. आप किसी पर अपनी भाषा थोपेंगे तो आपको तकलीफ होगी. जब भी हिंदी बोलता हूं तो लोग मेरा सम्मान ही करते हैं. मेरी भाषा को लेकर कभी किसी ने मुझे अपमानित नहीं किया. कोई मुझपर हंसा नहीं कि मैं हिंदी बोल रहा हूं.
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हमारे देश में बहुत सारी भाषाएं है, बहुत सारी बोलियां हैं. हिंदी की खासियत है कि वह देश को जोड़नेवाली भाषा हैं. आप चाहे दक्षिण में जाए, पूरब में जाये, पश्चिम में जाए या उत्तर हिंदी हर तरह से कनेक्टिंग लैंग्वेज है और राष्ट्र भाषा हैं. मेरे लिए मेरी भाषा है बातचीत की भाषा हैं. उसके लिए मेरे मन में इज्जत है और मैं पूरे सम्मान के साथ बोलता हूं. मेरे सारे इंटरव्यूज हिंदी में होते हैं क्यूंकि में उसमें कम्फर्टेबल हूं. जिसे हिंदी नहीं आती उससे मैं अंग्रेजी में बात करता हूं. मैं हिंदी इसलिए बोलता हूं क्यूंकि मैं उसमें कम्फर्टेबल हूं. मैं हिंदी अछि बोलता हूं इसलिए लोग मेरा सम्मान करते हैं. सोशल मीडिया की वजह से हर भाषा का रूप बदल रहा है. समाज बदलेगा तो रूप भी बदलेगा.'
बता दें, कुमुद एमपी के रीवा के रहनेवाले हैं. कुमुद का जन्म चाकघाट के आमनगांव में हुआ था. रीवा और भोपाल से उन्होंने अपनी पढ़ाई की. इसके बाद नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा से उन्होंने अभिनय की कला ली. इसके बाद उन्होंने मुंबई से थिएटर भी किया.