By  
on  

PeepingMoon Exclusive: 'दौर कोई भी हो, प्यार और इमोशन की भाषा एक ही रहती है, बस फैशन और कहने का तरीका बदलता है': डायरेक्टर्स राधिका राव और विनय सप्रू

राधिका राव और विनय सप्रू की जोड़ी ने एक से बढ़कर एक ब्लॉकबस्टर गाने दिए है. साल 1998 से अपने करियर की शुरुआत करने वाली ये जोड़ी पिछले 2 दशक से लोगों के दिलोंपर राज कर रही है. वहीं इस डायरेक्टर्स  राधिका राव और  विनय सप्रू ने अपने सफर से लेकर 'वास्ते' सॉन्ग के 1 बिलीयन व्यूज होने पर खुशी जाहिर करते हुए पीपिंगमून से एक्सलूसिव बातचीत की.  

सवाल- आपके सॉन्ग 'वास्ते' ने हाल ही में 1 बिलीयन व्यूज का आंकड़ा पार किया. आपने इतनी बड़ा एचीवमेंट हासिल की. कैसा फील कर रहे है आप ? 
राधिका- मुझे बहुत खुशी हो रही है. यह बहुत रेयर अचीवमेंट है. मतलब सारे गाने एक तरफ और यह एक तरफ. जिनके साथ मैंने काम किया, मैं उस पूरी यूनिट की शुक्रगुजार हूं. इस तरह की बड़ी अचीवमेंट मिलने से डर भी लगता है क्योंकि इतनी बड़ी अचीवमेंट को मेंटेन करना भी थोड़ा मुश्किल होता है. यह हमारी पूरी टीम के लिए प्राउड मोमेंट है. यह वर्ल्ड का टॉप सॉन्ग यह पूरे देश के लिए प्राऊड मोमेंट की तरह है.
विनय- हम दोनों ने आज से 20 साल पहले अपना करियर शुरू किया था. मैंने पायल है छनकाई, पर्दे में रहने दो, दिल कहीं होश कहीं, मेरी चूनर उड़ उड़ जाए. एक से एक बढ़कर सिंगर्स के साथ काम किया. 'वास्ते' हमारा ओरिजनल सॉन्ग था लोगो ने इसे भरपूर प्यार दिया, ये सम्मान की बात है. 

Recommended Read: PeepingMoon Exclusive: इंडिया की पहली म्यूजिकल वेब सीरीज में मेरा किरदार मैडोना से नहीं होगा कम, साशा पिंक के अवतार को देखकर सब चौंक जाएंगे- डोनल बिष्ट

सवाल- दशक से आपने नुसरत फतेह अली खान, लता मंगेशकर,  भोसले, जगजीत सिंह से लेकर यंग जनरेशन अरिजीत सिंह, नेहा कक्कड़, ध्वनी भानूशाली समेत कई टैलेंट के साथ मिलकर कई ब्लॉबस्टर सॉन्ग्स दे चुके है.  तब से लेकर आज तक कितना चेंज लगता है.
राधिका- मुझे ऑडियंस को लेकर इतना फर्क नहीं लगा कभी भी. क्योंकि ऑडियो को हमेशा ओरिजिनल चीजें पसंद आती है. मुझे लगता है ऑडियंस को मेवोडी और कहानी कहने के अलग-अलग पसंद आते हैं. और अगर टैलेंट की बात करें तो टैलेंट का कंपैरिजन नहीं हो सकता है. नुसरत जी, लता जी, आशा जी इस सब बहुत महान संगीतकार है. इन लोगों ने बहुत सालों की मेहनत के बाद अपना नाम बनाया है. आज के नए टैलेंट को इतना नाम बनाने के लिए अभी बहुत मेहनत करनी पड़ेगी. पर हां एक चीज है जितनी शिद्दत से वह लोग काम करते थे इतनी शिद्दत आज के यंग टैलेंट में भी है. अगर हम नई सिंगर की बात करें तो वह अपना बेस्ट देते हैं. कड़ी मेहनत करते हैं. लेकिन हां हरदोल की अपनी एक अलग मेहनत होती है. आज आज के सिंगर बहुत मेहनती  अपना काम को अच्छे से करते हैं. पहले हर काम के लिए अलग-अलग लोग होते थे. पर आज एक सिंगर है वह एक्टिंग भी कर लेता है गा भी लेता है अपना बहुत सारा काम को खुद संभाल लेता है. पर मुझे लगता है कि आज कि हम यंग जनरेशन पर प्रेशर बहुत ज्यादा है. पहले और अब के दौर में काम करने के तरीके में काफी अंतर आया है पहले एक सिंगर के कई फैक्टर्स होते थे लेकिन आज के जो सिंगर्स है वह अपने गाने का फेस  भी है, गा भी रहे हैं और तो उन गानों को प्रमोट भी कर रहे है. आज कॉन्पिटिशन ज्यादा टफ है. आज 1 मैन आर्मी जैसा सीन है. पहले और अब में कंपैरिजन तो नहीं हो सकता लेकिन हां दोनों दौर एक दम अलग हैं. दोनों दौर के प्रेशर अलग है. अभी जैसे सोशल मीडिया पर सेलेब्य तुरंत ट्रोल हो जाते है, पहले यह सब नहीं था.

सवाल- 'मेरे अंगने में' सॉन्ग हो या 'तेरी आंखों में' आपके म्यूजिक वीडियोज की खूबसूरती ये होती है कि उसमें एक अलग ही दुनिया देखने को मिलती है बिल्कुल फेयरी टेल टाइप, स्टोरी औरसेटअप भी कमाल का होता है. जिसको देखते है लोग एकदम कनेक्ट हो जाते है. क्या आपको लगता है कि आज के वीडियोज में कहानी से ज्यादा वल्गैरिटी होती है ?
राधिका- सबका कहानी कहने का अपना तरीका होता है. सबका आर्ट फोर्म अलग होता है. सबकी सोच अलग होती है. जब एक गाना किसी के पास जाता है तो कोई सोचता है कि मैं इसे डांस वीडियो बनाउंगा कोई अलग तरीके से बनाना चाहता है. सबका अलग विजन होता है. हम दोनों को कहानियां बताना पसंद है. हम बहुत क्लीन फिल्में और गाने बनाते हैं. हमारा विजुलाइजेशन साफ सुथरा होता है. हम लोगों को यही पसंद है. दूसरे क्या करते हैं मैं उस पर कमेंट नहीं करना चाहती. किसी गाने में कोई बेवजह, बेमतलब नाच रहा है हमें ये समझ नहीं आता है. हर गाने में हर चीज की एक वजह हो तो गाना बहुत बेहतर बनता है. जब गाने की कहानी अच्छी होती है तो गाने को सुनने में उतना ही मजा आता है. अगर किसी गाने में कोई स्टोरी नहीं है तो लोग उसको एक बार ही देखेंगे बस लेकिन अगर किसी गाने की कोई स्टोरी है तो लोग उसे बार-बार देखना पसंद करते है. ऐसे गानों से लोग कनेक्ट होते हैं. हम अपने हर गानों में नयापन लाने की कोशिश करते हैं. 
विनय- हमारी दुनिया का सच में नाम फेयरी टेल टाइप ही है. जब हम लोग दबंग फिल्म कर रहे थे. तब हमे लगा सलमान खान यानी चुलबुल पांडे को कैसे रोमांस कराए . फिल्म में उनका किरदार थोड़ा हार्ड था. तब हमने थोड़ा रोमांस डालने के लिए सलमान के चश्मों पर दिल शेप की लाइट्स लगा दी. इससे कैरेक्टर का फील ही बदल गया. ये किरदार आपको दुसरी दुनिया में ले जाता है. 

सवाल- आपके 90 के सॉन्ग्स मैंने पायल है छनकाई, पर्दे में रहने दो, दिल कहीं होश कहीं, मेरी चूनर उड़ उड़ जाए, तू तू है वही सब एवरग्रीन सॉन्ग है. क्या आज आपको ऐसे लगता है कि आज के टाइम में इस तरह के गानों की कमी है जिनको हमेशा याद रखा जा सके ?  
राधिका- यह गाने लोगों को धीरे-धीरे पसंद आए. जब हमने वह गाने किए थे तब हमें लगता था कि ये गाने पता नहीं लोगों को पसंद आएंगे या नहीं क्योंकि तक थोड़े अलग गानों का दौर था लेकिन वक्त के साथ यह गाने धीरे-धीरे लोगों को और एवरग्रीन बन गए. कंपैरिजन हर दौर में होता है. हर दौर में जब गाने आते हैं तो उससे पहले वाले दौर के गानों को बेहतर बताया जाता है. वक्त के साथ-साथ गानों की अहमियत बढ़ती है. अगर आप के गाने में मेलोडी अच्छी है तो वह गाना क्लासिक बन जाता है. हम कभी यह सोच का गाना नहीं बनाते कि यंगस्टर को क्या पसंद आएगा. हम हमेशा वही करते हैं जो हमें पसंद आता है. हम वही गाना सुनते हैं जो हमें पसंद आता है. आज भी लोगों को हमारे विचार कहानियां बहुत पसंद आते हैं. 
विनय- मुझे ऐसा लगता है कि ऑडियंस बहुत चेंज नहीं हुई है. यंग ऑडियंस को हमेशा प्यार की बातें अच्छी लगती है बस थोड़ा कहानी कहने का तरीका अलग हो जाता है. जैसे जनरेशन के हिसाब से स्टाइल बदल जाता है लेकिन इमोशंस को कहने का तरीका बदल जाता है. आज से 10 साल बाद लोग इन गानों की बात किया करेंगे कि यह गाने बेहतर थे और ऐसे गाने आजकल बनते नहीं. कई बार गाना बनाते समय लोग हमसे बोलते हैं कि अरे यार इस गाने को थोड़ा सेक्सी टाइप बनाओ. मुझे ऐसा लगता है लोगों ने इस जनरेशन को बिना मतलब इतना बदनाम कर रखा है. इस दौर में भी लोग प्यार और इमोशंस की भाषा समझते हैं. इस जनरेशन ने भी ऐसी ही स्वीट कहानियां एक्सेप्ट की है जैसे की पहले की जनरेशन ने एक्सेप्ट की थी. वक्त के साथ फैशन और डांसिंग स्टालइ बदलता है इमोशंस नहीं बदलते हैं. जब ब्रेकअप होता है तो इमोशनल सेम होते हैं चाहे कोई भी दौर हो. 

सवाल- साल 2005 में 'लकी', साल 2016 में 'सनम तेरी कसम' फिल्में आपने डायरेक्ट की थी. दोनों ही बेहद प्यारी फिल्में थी. आगे हमे आपकी डायरेक्ट की हुई फिल्मे कब देखने को मिलेगी .
विनय- अभी हम लोग TSeries के साथ एक फिल्म कर रहे है. ये फिल्म अगले साल नवंबर में रिलीज होगी. अगले साल अप्रैल से फिल्म की शूटिंग शुरू होगी. ये एक म्यूजिकल लव स्टोरी होगी. 
 

 

Author

Recommended

PeepingMoon Exclusive