मनोज बाजपेयी अच्छी फिल्मों में अच्छे रोल मिलने से मेहनत का फल एन्जॉय कर रहे हैं. हाल ही में उनकी फिल्म भोंसले को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार मिला. मनोज की इस उपाधि का जश्न सिर्फ उनके परिवार ने नहीं बल्कि उनके फैंस ने भी मनाया. फिल्म इंडस्ट्री में ढाई दशक से रहने की वजह से मनोज ने उतार चढ़ाव और कई चीजों को देखा है. पीपिंगमून से बातचीत में मनोज ने बताया कि एक्टिंग एक अनफॉरगिविंग प्रोफेशन क्यों है.
मनोज ने कहा, 'अभिनय एक अनफॉरगिविंग प्रोफेशन है क्यूंकि ये बहुत आर्गेनिक लगता है, बहुत स्वाभाविक लगता है. कोई भी और हर कोई आलोचक हो सकता है और आप पर उंगली उठा सकता है. आप एक बार फेल होते हैं और अचानक आपको बहुत सारे लोगों द्वारा निचे गिरा दिया जाता है. आपको हर समय अपने पैर की उंगलियों पर रहना होगा और अपना 200% -300% देना होगा. कई बार आप फिल्म में अच्छा प्रदर्शन देने के लिए मेहनत कर रहे होते हैं और आपकी कोई गलती नहीं होती है, फिल्म की सराहना नहीं की जाती है इसके बाद भी महान अभिनय और महान प्रदर्शन को भुला दिया जाता है.'
उन्होंने आगे कहा, 'केवल एक चीज जो आपको बचा सकती है वह है स्किल और आर्ट. आखिरकार लोग आपको पहचान लेंगे लेकिन यह तुरंत नहीं होगा. जब आपकी फिल्म की आलोचना होगी तब आप भी टूट जाएंगे लेकिन अगर आपका क्राफ्ट अच्छा है तो लोग आपके पास वापस आएंगे. अगर आप सच में अपनी कला पर काम कर रहे हैं तो अगली फिल्म या फिर उसकी अगली फिल्म में वह जरुर दिखाई देगा.
मनोज ने कहा कि लोगों को अभिनय में दूसरा मौका नहीं मिलता है. उन्होंने आकांक्षी और युवा अभिनेताओं को सलाह दी कि वे कुछ भी ग्रांटेड न लें. अभिनय में लोग आपको दूसरा मौका नहीं देते हैं. मैं भाग्यशाली रहा हूं कि दो-तीन वर्षों के अंतराल में, मुझे अपने कौशल का प्रदर्शन करने के लिए अच्छी भूमिकाएं मिलती रहीं. अभिनेताओं के लिए वास्तव में यह सोचना बहुत महत्वपूर्ण है कि जो काम वे उस दिन कर रहे हैं, वह उनके मुगल-ए-आजम है, उनके गॉडफादर हैं. उन्हें इसके लिए अनुमति नहीं लेनी चाहिए.