इरफान खान आज 54 साल की उम्र में कैंसर से लड़ते समय जिंदगी की जंग हार गए. इरफान खान लंबे समय से न्यूरोक्राइन ट्यूमर से ग्रसित थे. इरफान खान ने इस रेयर कैंसर से करीब दो साल लंबी जंग लड़ी, लेकिन अंत में वो इसके आगे हार गए. आज इरफ़ान खान को किसी पहचान की जरुरत नहीं है. बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक उन्होंने अपने अभिनय का हुनर दिखाया है. मिथुन चक्रवर्ती की फ़िल्म 'मृगया' देखकर ऐक्टिंग की दुनिया में कूदने वाले इरफान ने अपने करियर में हमेशा क्वालिटी फिल्मों को महत्व दिया. टीवी से शुरुआत करने वाले इरफान ने स्टार 'बेस्टसेलर्स', 'चंद्रकांता' जैसे धारावाहिकों में अपनी अलग छाप छोड़ी. यही वजह थी कि फिल्मों में दाखिल हुए तो महान फिल्मकार मृणाल सेन की क्लासिक फ़िल्म "एक डॉक्टर की मौत" में पंकज कपूर जैसे दिग्गज कलाकार के साथ अपनी मौजूदगी दर्ज कराई. उन्होंने कई फिल्मों में काम किया और उस फिल्म को अपनी एक्टिंग के दम पर दर्शकों के लिए खास बनाया....लेकिन आज हम आपको उन बेहतरीन फिल्मों के बारे में बता रहे हैं, जिन्होंने हर तरफ अपनी धूम मचाई थी.
हासिल (2003)
2003 में आई उनकी फिल्म हासिल में इरफान ने नेगेटिव किरदार निभाया था और उनके नेगेटिव किरदार को भी काफी पसंद किया गया था. इस नेगेटिव किरदार के लिए उन्हें फिल्मफेयर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था.
मकबूल (2003)
इरफ़ान खान की पहली बेस्ट फिल्म मकबूल थी, जो 2003 में रिलीज हुई थी. फिल्म में उनके सह- कलाकार के रूप में तब्बू नजर आई थीं. मकबूल इरफान खान की सबसे बेहतरीन फिल्मों में से एक मानी जाती है. फिल्म में पूरी तरह से गैंगस्टर और अंडरवर्ल्ड को दिखाया गया था जिसे लोगों ने काफी पसंद किया था. ये फिल्म विलियम शेक्सपियर की किताब 'मैकबेथ' पर आधारित थी. फिल्म में इरफान के अलावा तबु, नसीरुद्दीन शाह, ओमपुरी जैसे एक से बढ़कर एक दमदार एक्टर थे.
द नेमसेक (2006)
यह फिल्म नेमसेक उपन्यास पर आधारित है. फिल्म की कहानी 9/ 11 अमेरिकी हमले में फंसे एक फैमिली की कहानी पर आधारित है. फिल्म में इरफान ने अशोक गांगुली नामक किरदार को पर्दे पर उतारा था. फिल्म में उनके अभिनय की हर जगह तारीफ हुई. इस फिल्म में बॉलीवुड अभिनेत्री तब्बू के साथ इरफान पर्दे पर नजर आए थे.
स्लम डॉग मिलेनियर (2008)
डैनी बायल द्धारा निर्देशित फिल्म स्लमडॉग मिलिनयर ने झुग्गी झोपड़ी में रहने वालों की वास्तविकता, उनके सपने, अंधेरे से उजाले की ओर जाने के प्रयास और जिंदगी के अनुभवों से मिले ज्ञान को सकारात्मक ढंग से प्रस्तुत करने की कोशिश की थी. फिल्म में मुंबई की गंदी गलियों को दिखाया गया था.
पान सिंह तोमर (2011)
'पान सिंह तोमर' उनकी करियर की सबसे यादगार फिल्मों से एक हैं. इस फिल्म के लिए इरफान खान को बेस्ट एक्टर का नेशनल अवॉर्ड मिला था. इसमें इरफान ने एक एथलीट का किरदार निभाया था, जो बाद में बागी बन जाता है। 2012 में आई फिल्म को काफी पसंद किया गया था.
लाइफ इन मेट्रो ( 2007)
इस फिल्म में 6 कहानियां थी. इस फिल्म में इरफान ने शानदार प्रदर्शन किया था और इस प्रदर्शन की वजह से उन्हें बेस्ट एक्टर के लिए फिल्मफेयर से नवाजा गया था. इस फिल्म में निभाएं गए किरदार से इरफान ने साबित कर दिया था कि वो हर किरदार में फिट बैठ जाते हैं.
ये साली जिंदगी (2011)
इरफान खान की अगर सबसे बेहतरीन फिल्मों की बात हो तो उनकी इस फिल्म का जिक्र आए बिना नहीं रह सकता. जिंदगी के उतार चढ़ाव को लेकर बनी ये गैंगस्टर ड्रामा उनकी शानदार फिल्मों में से एक थी. उनकी इस फिल्म में उनके साथ चित्रांगदा सिंह नजर आईं थी. इस फिल्म का निर्देशन सुधीर मिश्रा ने किया था.
द लंच बॉक्स (2013)
इरफान खान की फिल्म लंच बॉक्स को भले ही बॉक्स ऑफिस पर ज्यादा सफलता नहीं मिली, लेकिन फिल्म में इरफान खान की एक्टिंग को सराहा गया. फिल्म इरफान के करियर की सबसे अहम फिल्मों में से है, जिसमें इरफान ने एक्टिंग से नए आयाम स्थापित किए थे.
पीकू (2015)
इरफ़ान खान और दीपिका पादुकोण की फिल्म 'पीकू' 2015 में रिलीज हुई थी. फिल्म में इरफ़ान ने राणा चौधरी का किरदार निभाया था. फिल्म में इरफ़ान खान का काम बहुत सराहनीय था. 63वे फिल्म फेयर अवॉर्ड्स में पीकू को बेस्ट एक्टर, बेस्ट ओरिजिनल स्क्रीनप्ले और बेस्ट डायलॉग के लिए पुरस्कार से सम्मानित किया गया. 61वें फिल्मफेयर समारोह में इस फिल्म को पांच अवॉर्ड्स मिलें.
साहेब बीवी और गैंगस्टर रिटर्न्स (2013)
तिग्मांशू धूलिया की इस फिल्म में इरफान खान की एक्टिंग इतनी बेहतरीन थी कि लोग इनकी तारीफ करते नहीं थक रहे थे. हमेशा की तरह इरफान खान इस भार भी अपनी बेहतरीन एक्टिंग के जरिये लोगों को हैरान कर दिया था. तिग्मांशू धूलिया और इरफान खान की जोड़ी ने एक बार फिर से एक ब्लॉकबस्टर फिल्म दी थी. इरफान खान और तिंग्मांशू धूलिया ने इससे पहले हासिल, चरस और पान सिंह तोमर में काफी अच्छी ट्यूनिंग दिखाई थी. ये तीनों फिल्में बॉक्स ऑफिस पर काफी अच्छा बिजनेस कर गयीं साथ ही इनकी जोड़ी भी हिट हो गयी थी.
तलवार (2015)
कुछ साल पहले दिल्ली मव हुए आरुषि मर्डर केस में उसके माता पिता को दोषी ठहराया गया. मेघना गुलज़ार की फ़िल्म तलवार इसी केस के कुछ ऐसे पहलुओं को सामने लाती है जिन्हें देख आप भी सोचने पर मज़बूर हो गए थे कि क्या हमारा कानून सही और गलत में फ़र्क़ कर पाने में इतना कमजोर है. तलवार में अभिनय के मामले में कही चूकी. इरफ़ान खान का बेहतरीन अभिनय फ़िल्म की यूएसपी थी.
करीब करीब सिंगल (2017)
इरफान खान अपनी फिल्मों में डायलॉग्स से ज्यादा अपनी आंखों से बातें करते नजर आते हैं. इरफान खान की ये फिल्म भी उनकी इसी अदाकारी का नमूना इस फिल्म में एक बेहद खूबसूरत प्रेम कहानी दिखाई गई है जिसमें कोई भी किसी को पाने के लिए बेताब नहीं है. इस फिल्म में इरफान को स्क्रीन पर देखना बेहद मजेदार है.
हिंदी मीडियम (2017)
फिल्म हिंदी मीडियम के लिए इरफान को बेस्ट एक्टर के लिए फिल्म फेयर से सम्मानित किया गया था. 2017 में आई फिल्म एजुकेशन सिस्टम को दिखाते हुए आगे बढ़ती है और फिल्म इरफान अपने बच्चे के लिए एडमिशन के लिए गरीबों की तरह रहते हैं, ताकि उन्हें गरीब कोटे के तहत एडमिशन मिल सके.
कारवां (2018)
इरफान ख़ान अपने हर फिल्म में अपने किरदार को जीवंत बना ही देते हैं. इस फिल्म में भी शौकत छाए रहे. इरफान फिल्म में पूरी तरह रंग में नजर आए थे. स्क्रिप्ट से उठ कर उन्होंने कुछ दृश्यों को अपने अभिनय के बूते पर जगमगाया था. अपने कैरेक्टर को बारीकी से पकड़ा था. 'कारवां' के रिलीज होने से ठीक एक दिन पहले इरफान खान का बयान सामने आया था कि वो न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर बीमारी से पीड़ित थे.