दिग्गज एक्टर परेश रावल 30 मई को अपना 65वां जन्मदिन मना रहे हैं. मुंबई में जन्मे परेश एक साधारण परिवार से थे. आपको ये बात जानकर हैरानी होगी की परेश शुरू में एक्टर नहीं सिविल इंजीनियर बनना चाहते था लेकिन लगता हैं किस्मत को कुछ और मंजूर था. नेशनल अवॉर्ड से लेकर पद्मश्री सम्मान से सम्मानित परेश अपनी फिल्मों से लेकर अपने बयानों तक खूब जाने जाते हैं. परेश रावल वो एक्टर हैं जो विलेन बने तो खूब लोगों को डराया और फिर कॉमेडियन बने तो दर्शकों को हंसाया. आज भी सबसे ज्यादा मीम्स उनके निभाए गए किरदार पर बनाए जाते हैं.
साल 1979 में मिस इंडिया बनी स्वरूप सम्पत के साथ परेश की शादी हुई. परेश रावल ने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत साल 1984 में की थी. उस वक़्त परेश ने फिल्म ‘होली’ में एक सपोर्टिंग एक्टर का रोल निभाया था. फिर साल 1985 में सनी देओल की फिल्म 'अर्जुन' में एक सपॉर्टिंग रोल किया थी. रोल छोटा था लेकिन उन्हें नोटिस किया गया. परेश को बॉलिवुड में पहचान फिल्म 'नाम' से मिली जिसमें संजय दत्त, कुमार गौरव और अमृता सिंह लीड रोल में थे। रोल नेगेटिव था लेकिन परेश हिट हो गए. बॉलिवुड में फिल्म 'अंदाज अपना अपना' को कौन भूल सकता है. इस कॉमिडी फिल्म में परेश ने डबल रोल निभाया था लेकिन आमिर-सलमान की जोड़ी के बावजूद परेश का जलवा कायम था. फिर क्या इसके बाद तो जैसे परेश ने पीछे मुड़कर ही नहीं देखा. फिल्मों की लगातार चल रही कतारों में कई दफ़े इन्हें बतौर विलेन के रूप में देखा गया. साल 1994 में परेश को एक सपोर्टिंग रोल निभाने के लिए नेशनल फिल्म अवॉर्ड से सम्मानित किया गया. केतन मेहता के निर्देशन में सरदार वल्लभ भाई पटेल के जीवन पर बनी फिल्म 'सरदार' में भी नजर आए. इसके बाद उन्होंने कॉमेडी फिल्मों की तरफ अपना रुख किया. साल 2000 में आई फिल्म ‘हेरा-फेरी’ के लिए इन्हें बेस्ट कॉमेडियन का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला. हेरा फेरी का बाबू भाई, ओह माइ गॉड का कांजी भाई या उरी- द सर्जिकल स्ट्राइक का अजीत डोभाल, आप बॉलिवुड में परेश रावल को इग्नोर नहीं कर सकते. जब वे राजनीति में आए तो उन्होंने एक सांसद की पारी भी साल 2019 में पूरी की.
परेश इंडस्ट्री के उन दिग्गज कलाकारों में से हैं जिन्होंने तकरीबन हर तरह के किरदार किए हैं और सभी को कामयाब बनाया है. परेश विलेन के किरदार में नजर आए हैं तो उन्होंने कॉमेडी भी की है. वो सीरियस रोल में नजर आए हैं तो उन्होंने साइड रोल भी किए हैं. आईये आज हम आपको परेश रावल के कुछ दमदार किरदारों के बारे में बताते है.
वो छोकरी (1994)
फिल्म की कहानी एक विधवा की है जो प्यार में पड़ जाती है. इसकी एक बेटी भी है जो अपने पिता की खोज में निकलती है। इस फिल्म को खूब सराहना मिली, यहां तक कि इस फिल्म ने तीन नेशनल अवॉर्ड अपने नाम किए. परेश को अपना पहला नेशनल फिल्म अवॉर्ड फॉर बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर इसी फिल्म में मिला.
दौड़ (1997)
1997 में आई राम गोपाल वर्मा की फिल्म दौड़ में भी परेश ने विलेन का किरदार निभाया था. फिल्म में विलेन का नाम था 'पिंकी'। फिल्म में संजय दत्त और उर्मिला भी मुख्य भूमिका में थे.
तमन्ना (1997)
फिल्म 'तमन्ना' में परेश रावल ने किन्नर का किरदार निभाया था. ये एक ऐसा रोल था जो तमाम समाज के विरोध के बावजूद एक बच्चे की परवरिश करता है. इस रोल की खूब तारीफ मिली थी. परेश ने ये रोल ऐसे वक्त में किया था जब सिनेमा में ये किरदार आम नहीं थे.
अंदाज अपना अपना (1994)
बॉलिवुड में फिल्म 'अंदाज अपना अपना' को कौन भूल सकता है. इस कॉमिडी फिल्म में परेश ने डबल रोल निभाया था. इस फिल्म में परेश का किरदार तेजा डॉन आज भी लोगों को याद हैं. फिल्म में आमिर-सलमान की जोड़ी के बावजूद परेश का जलवा कायम था.
हेरा फेरी (2000)
कल्ट क्लासिक फिल्म हेरा फेरी में अक्षय कुमार, सुनील शेट्टी और परेश रावल की तिकड़ी को खूब पंसद किया गया. इस फिल्म में तीनों अपनी अपनी जिंदगियों की अजीब घटनाओं के कारण एक साथ रहने लगते हैं. फिर इन तीनों की कहानी एक साथ आगे बढ़ती है, जो बहुत ही मनोरंजक है. इस पिल्म के लिए परेश रावल ने एक बार फिर फिल्मफेयर फॉर बेस्ट कॉमिक परफॉर्मेंस अपने नाम कर ही लिया. इस फिल्म का निर्देशन प्रियदर्शन ने किया है.
आंखे (2002)
विपुल अमृतलाल शाह निर्देशित फिल्म आंखें में अमिताभ बच्चन, अक्षय कुमार, अर्जुन रामपाल, सुष्मिता सेन और परेश रावल अहम भूमिकाओं में हैं. फिल्म में परेश एक अंधे का किरदार अदा कर रहे हैं, जिन्हें अमिताभ बच्चन अपने खतरनाक चोरी की योजना को पूरा करने के लिए काम पर रखते हैं। परेश के अलावा इस फिल्म में अक्षय कुमार और अर्जुन रामपाल भी अंधों के किरदार में हैं। हालांकि परेश रावल के किरदार की मौत फिल्म के क्लाइमैक्स से पहले ही हो जाती है, लेकिन फिल्म में परेश का किरदार फिल्म की कहानी की आखिरी कड़ी है। इस फिल्म के बाद परेश का नाम इलियास काफी मशहूर हुआ और उनके प्रचलित किरदारों में शुमार भी.
नो स्मोकिंग (2007)
2007 में रिलीज हुई फिल्म ‘नो स्मोकिंग’ में उन्होंने अपनी ग्रे साइड से एक बार फिर दर्शकों को याद दिलाया कि वह विलेन के किरदार के लिए कितना परफेक्ट हैं. इस फिल्म में उनकी परफॉर्मेंस को काफी सराहा गया था. फिल्म में जॉन अब्राहम, आयशा टाकिया, रणवीर शौरी और कीकू शारदा भी अहम किरदारों में थे.
अथीति तुम कब जाओगे (2010)
फिल्म ‘अतिथि तुम कब जाओगे’ तो आपको याद होगी ही, इस फिल्म में लंबोदर वाजपेयी (चाचाजी) का किरदार निभाने वाले परेश रावल अजय देवगन और कोंकणा सेन शर्मा के किरदारों पर भारी पड़े थे. इस फिल्म के जरिए परेश रावल ने एक बार फिर साबित कर दिया था कि बॉलीवुड इंडस्ट्री में उनका कद कितना विशाल है.
ओह माइ गॉड (2012)
'ओह माय गॉड' परेश रावल की बेस्ट फिल्मों में से एक मानी जाती है. इस फिल्म में कांजी लालजी मेहता का किरदार निभाने वाले अभिनेता ने भगवान के खिलाफ केस दर्ज करवा दिया था। उसका मकसद सिर्फ अपने नुकसान का मुआवजा पाना था। अक्षय कुमार और मिथुन चक्रवर्ती भी इस फिल्म में मुख्य किरदारों में थे.
संजू (2018)
परेश रावल के यादगार किरदारों में संजू में निभाया गया सुनील दत्त साहब का उनका रोल भी शामिल किया जाता है. इस किरदार को लोगों ने काफी पसंद किया और जैसे रियल लाइफ में संजय दत्त को सुनील दत्त गानों के जरिए सीख देते थे वैसे ही फिल्म में परेश रावल के अंदाज ने लोगों के दिलों में जगह बनाई.
उरी- द सर्जिकल स्ट्राइक (2019)
इस फिल्म में परेश रावल ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल का किरदार निभाया था. इस तरह के किरदारों को स्थापित कर पाना कठिन होता है, लेकिन परेश रावल ने बड़ी सावधानी से अपने तर्जुबे के अनुसार जब वे अजीत डोभाल का किरदार निभाया था.