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Birthday Special: कई दशकों से लता मंगेशकर ने संगीत की दुनिया में बिखेरा अपनी आवाज का जादू, ये है सुर कोकिला के सदाबहार गानें

भारत रत्न, पद्म विभुषण, पद्म भूषण, दादासाहेब फाल्के अवार्ड जैसे कई सम्मानों से नवाजी जा चुकी और बॉलीवुड सहित देश की सभी फिल्म इंडस्ट्री में अपनी आवाज का जादू बिखेरने वाली स्वरकोकिला लता मंगेशकर 28 सितंबर को अपना अपना 91वां बर्थ डे सेलिब्रेट कर रहीं हैं. लता जी का जन्म 28 सितंबर, 1929 को एक मध्यमवर्गीय मराठा परिवार में हुआ. मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में जन्मीं लता पंडित दीनानाथ मंगेशकर की बेटी हैं. लता का पहला नाम 'हेमा' था, मगर जन्म के पांच साल बाद माता-पिता ने इनका नाम 'लता' रख दिया था. लता अपने सभी भाई-बहनों में बड़ी हैं. मीना, आशा, उषा तथा हृदयनाथ उनसे छोटे हैं. उनके पिता रंगमंच के कलाकार और गायक थे. लता के पिता दीनानाथ ने लता को तब से संगीत सिखाना शुरू किया, जब वे पांच साल की थी. साल 1943 में महज 13 साल की उम्र में मराठी फिल्म 'किती हसाल' के लिए 'नाचू या गाडे, खेलू सारी, मानी हौस भारी' गीत के साथ लता मंगेशकर ने अपने करियर की शुरुआत की थी. लता मंगेशकर को पहला बड़ा ब्रेक साल 1948 में आई फिल्म 'मजबूर' का गाना 'दिल मेरा तोड़ा' के साथ मिला. इसके बाद फिल्म 'महल' का गाना 'आएगा, आएगा, आएगा..आएगा आनेवाला आएगा' को लोगों ने खूब पसंद किया और यह उनकी पहली म्यूजिकल हिट रही. 

लता जी को अपने सिने करियर में मान-सम्मान बहुत मिले हैं. वे फिल्म इंडस्ट्री की पहली महिला हैं जिन्हें भारत रत्न और दादा साहब फाल्के पुरस्कार प्राप्त हुआ. भारत सरकार ने उन्हें ये अवार्ड 1989 में दिया था. उनके अलावा सत्यजीत रे को ही यह गौरव प्राप्त है. लताजी ने फिल्मों में उनके गायन के लिए तीन राष्ट्रीय पुरस्कार भी हासिल किए हैं|. वर्ष 1974 में लंदन के सुप्रसिद्ध रॉयल अल्बर्ट हॉल में उन्हें पहली भारतीय गायिका के रूप में गाने का अवसर प्राप्त है. सन 1974 में दुनिया में सबसे अधिक गीत गाने का 'गिनीज़ बुक रिकॉर्ड' उनके नाम पर दर्ज है.

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हिन्दुस्तान की आवाज बनीं भारत की 'स्‍वर कोकिला' लता मंगेशकर ने 20 भाषाओं में 30 हजार से ज्यादा भाषाओं में हजारों फिल्मी और गैर-फिल्मी गानों में अपनी आवाज का जादू बिखेरा. इनकी आवाज़ ने छह दशकों से भी ज़्यादा संगीत की दुनिया को सुरों से नवाज़ा है. हर जेनेरेशन उनकी आवाज़ की दीवानी है. यूं तो लता दीदी ने हज़ारों गाने गाए हैं, जिनमें से टॉप 15 चुनना बेहद ही मुश्किल है. फिर भी हमने कोशिश की है उनके गानों में से कुछ गाने चुनकर उनके फैन्स तक पहुंचाने की.

फिल्म: मधुमति (1958)
गाना- आजा रे परदेस मैं
साल 1958 में आई इस फिल्म के गाने 'आजा रे परदेस मैं' के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड के इतिहास में पहली बार प्लेबैक सिंगर का अलग से अवॉर्ड दिया गया और लता इसकी पहली विजेता बनीं।

फिल्म-  मुगले आजम (1960)
गाना- जब प्यार किया तो डरना क्या, प्यार किया कोई चोरी नहीं की, छुप छुप आहें भरना क्या

फिल्म- पाक़ीज़ा (1972)
गाना-  चलते चलते यूं ही कोई मिल गया था

फिल्म- आंधी (1975)
गाना- तेरे बिना जिंदगी से कोई शिकवा को नहीं

फिल्म- दिल अपना और प्रीत पराई (1960)
गाना- अजीब दास्तां है ये, कहाँ शुरू कहाँ खत्म

फिल्म: अनपढ़ (1962)
गाना- आपकी नजरों ने समझा

फिल्म- वो कौन थी (1964)
गाना- लग जा गले फिर हसीं रात हो ना

फिल्म: गुमनाम  (1965)
गाना- गुमनाम है कोई

फिल्म- आपकी कसम (1974)
गाना- करवटें बदलते रहे सारी रात हम आप की क़सम

फिल्म- आशा  (1980)
गाना- शीशा हो या दिल हो आखिर टूट जाता है

फिल्म- प्रेम रोग (1982)
गाना- ये गलियाँ ये चौबारा

फिल्म- आखिर क्यों ? (1985)
गाना- दुश्मन ना करे दोस्त ने वो काम किया है

फिल्म: मैंने प्यार किया (1989)
गाना- कबूतर जा जा जा

फिल्म- दिल से (1998)
गाना- जिया जले, जान जले नैनों तले धुआँ चले, धुआँ चले रात भर

फिल्म- पेज 3 (2005)
गाना- कितने अजीब रिश्ते हैं यहाँ पे

फिल्म- रंग दे बसंती (2006)
गाना- लुक्का चुप्पी बहुत हुई सामने

 

(Source: Youtube)

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