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PeepingMoon 2020: पंकज त्रिपाठी, शरद केलकर से लेकर राहुल बोस तक, इन सपोर्टिंग एक्टर्स ने फिल्मों में दिया अपनी एक्टिंग का जबरदस्त 'पंच'

साल 2020 के साथ ही एक नए दशक की शुरुआत हुई. भले ही कोरोनावायरस की वजह से थिएटर बंद रहे हो पर डिजिटल प्लेटफार्मेस में इसकी कमी पूरी कर दी. इस साल कई फिल्में भले ही OTT पर रिलीज हुई हो, पर दर्शकों ने दमदार कहानी और किरदारों को हाथों हाथ लिया. वहीं हम अपने इस स्पेशल सेगमेंट में हम आपको बताएंगे उन टॉप सर्पोटिंग एक्टर्स के बारे में जिन्होने अपने सपोर्ट से पूरी फिल्म को सम्भाला साथ ही अपनी एक्टिंग से फिल्म को जबरदस्त पंच देते हुए अपने किरदार से दर्शकों की बीच अपनी अलग पहचान बनाई. आइये नजर डालते है साल 2020 के बेस्ट सर्पोटिंग एक्टर्स मेल की लिस्ट पर. 

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                                                 शरद केलकर: तानाजी- द अनसंग वॉरियर और  लक्ष्मी
अक्षय कुमार स्टारर फिल्म 'लक्ष्मी' में शरद का किरदार महज 15 मिनट का था, लेकिन अपने इस चंद मिनट के किरदार से ही उन्होंने फिल्म में जान डाल दी थी. गेस्ट अपीयरेंस किन्नर बने शरद केलकर के अभिनय ने इतना गहरा प्रभाव जेहन में छोड़ा कि दर्शकों को सिर्फ शरद केलकर ही याद रह गए. लोग शरद की डायलॉग डिलीवरी, परफेक्ट टाइमिंग से लेकर उनकी हर एक चीज की तारीफ करते नहीं थक रहे थे. 


वहीं इसी साल की शुरुआत में आई अजय देवगन की हिस्टोरिकल फिल्म 'तानाजी' में शरद केलकर ने छत्रपति शिवाजी महाराज की भूमिका भी निभाई थी. स्क्रीन पर कम समय होने के बावजूद दर्शकों पर शरद केलकर अपनी छाप छोड़ गए.


                                                    
गजराज राव: शुभ मंगल ज्यादा सावधान और लूटकेस 
पिछले कुछ सालों में गजराज राव ने एक दमदार और भरोसेमंद एक्टर बनकर उभरे है. 'बधाई हो' के बाद वो बॉलीवुड के पसंदीदा कलाकारों में से एक बन गए है. इस साल गजराज राव ने  'शुभ मंगल ज्यादा सावधान' और 'लूटकेस' में निभाए अपने किरदारो से काफी वाहवाही लूटी. एक्टर की 'शुभ मंगल ज्यादा सावधान' थिएटर में तो  'लूटकेस' ओटीटी पर रिलीज हुई  थी.
आनंद एल राय निर्मित और हितेश केवल्या निर्देशित 'शुभ मंगल ज्यादा सावधान' समलैंगिक रिश्तो पर बनी फिल्म थी. फिल्म का मैसेज बहुत क्लियर था कि होमोसेक्शुऐलिटी कोई बीमारी नहीं बल्कि कुदरत है, प्रकृति है और उससे आप नफरत नहीं कर सक सकते. फिल्म की कहानी कार्तिक और अमन यानी आयुष्मान खुराना, जितेन्द्र कुमार के प्यार में पड़ने की कहानी थी. वहीं फिल्म में जब अमन (जितेंद्र कुमार) के पिता (गजराज राव) को ये पता चलता हो तो उनकी जिंदगी में मानों तूफान सा मच जाता है. हर फ्रेम में गजराज परफेक्ट लगे है. हमेशा की तरह अपने किरदार में जान डालते हुए वो बेस्ट की लिस्ट में शामिल हो गए. 


वहीं डिज़्नी प्लस हॉटस्टार की फिल्म लूटकेस में गजराज राव ने एक नेता एमएलए पाटिल का किरदार निभाया था. इस किरदार की खासियत ये है कि ये किरदार अपनी तरफ़ से हंसाने का कोई प्रयास नहीं करता है, लेकिन आपको देखकर हंसी आ जाती है. गजराज राव ने तालियां बजाने लायक काम किया था. अपने खतरनाक पंचलाइंस से वो पूरी फिल्म में छाए रहे और दर्शक उनके बार बार सीन में आने का इंतजार करते हैं.

                                                                    राहुल बोस: बुलबुल
एक्ट्रेस अनुष्का शर्मा के प्रोडक्शन हाउस तले बनी सुपर नेचुरल थ्रिलर ‘बुलबुल’ में राहुल बोस ने बहुत  अहम किरदार निभाया था. इस फिल्म में उन्होंने डबल रोल निभाया था. एक छोटे ठाकुर और बड़े ठाकुर यानी Mahendra और Indranil. का. दोहरे किरदार में राहुल बोस प्रभावित करते हैं. दर्शकों को इस फिल्म के राहुल की एक्टिंग काफी पसंद आई. राहुल ने अपना किरदार काफी संजीदगी से निभाया और अपने किरदार से लोगों के दिलों में छाप छोड़ी. 1881 में बंगाल प्रेसीडेंसी में रहने वाले एक बंगाली ठाकुर के अहंकार को दिखाते हुए, राहुल काफी इम्प्रेशिव लगे है. 
    

                                                          जीशू सेनगुप्ता और अमित साध : शकुंतला देवी
विद्या बालन स्टारर फ़िल्म शकुंतला देवी अमेज़न प्राइम पर रिलीज़ की गयी थी. इस फ़िल्म का निर्देशन अनु मेनन ने किया. फ़िल्म में विद्या बालन के साथ जीशू सेनगुप्ता और अमित साध ने अहम किरदार निभाये थे. फिल्म में मैथ्स जीनियस शंकुतला देवी के जीवन से जुड़े कई अनछुए पहलुओं को दर्शकों के सामने रखने की कोशिश की थी. 
फिल्म में जीशू सेनगुप्ता ने शकुंतला के पति परितोष का किरदार निभाया था. परितोष एक  आईएएस अफसर होते है. शकुंतला को उनसे प्यार होता है और फिर उनकी जिंदगी में आती है उनकी बेटी अनु (सान्या मल्होत्रा). शकुंतला और परितोष अलग हो जाते हैं और अनु मां के साथ ही रहने लगती है. फिल्म में जीशू की उपस्थिति कहानी में ताजगी ला देती है. वो अपनी अदाकारी से दिल जीत लेते है. विद्या के साथ उनकी कमेस्ट्री शो की लाइलाइट चुरा लेते है. 


वहीं  फिल्म में अमित साध विद्या के दामाद के किरदार में नजर आए थे. उनका किरदार छोटा था पर बहुत असरदार था. वो अपने किरदार में चमक जाते है. वह एक नेचुरल एक्टर है वो जब जब स्क्रीन पर आते है छा जाते है और यही उनकी खासियत है. 

                                                                    रणवीर शौरी: लूटकेस
रणवीर शौरी लूटकेस में सपोर्टिंग किरदार में दिखाई दिए. एक सख्त पुलिस वाले की भूमिका में रणवीर शौरी काफी मजेदार लगे हैं. ये पुलिस वाला एक अपराधी को गोली मारने के दौरान अपनी पलकें भी नहीं झपकाता है. रणवीर का किरदार सख्त की जगह मजाकिया ज्यादा लगा. गजराज राव और विजय राज के साथ उनकी जोड़ी हिट बैठी थी. 

                                                      पंकज त्रिपाठी और अंगद बेदी: गुंजन सक्सेना
'गुंजन सक्सेना द कारगिल गर्ल' तो एक बांध कर रखने वाली सच्ची कहानी थी. जहां आप देखते हैं कि कैसे 1999 के कारगिल वॉर में पुरुषों से भरे भारतीय वायुसेना के सबसे मुश्किल ऑपरेशन को अपने कंधे पर उठाने का जिम्मा फ्लाइट लेफ्टिनेंट जांबाज लड़की गुंजन सक्सेना लेती है. पंकज त्रिपाठी ने गुंजन के पिता का किरदार निभाया था. ये किरदार उनके अब तक के सारे किरदारों से बिल्कुल अलग था. जो अपनी बेटी ते सपने में उसका साथ देते है. और अपनी बेटी के सपनों को पंख देते है साथ ही  वो अपनी बेटी को कभी भी कमजोर और पराजित नहीं देखना चाहते. बाधाओं का सामना करने के लिए वो अपनी बेटी को मजबूत बनाते है. छोटी मगर असरदार भूमिका में पंकज त्रिपाठी लाजवाब लगते है. पंकज के इस किरदार से आपको प्यार जरूर हो जाएंगा.


वहीं अंगद बेदी ने गुंजन के भाई अंशुमान की भूमिका निभाई, जो भारतीय सेना में एक सैनिक होता है. वह बड़े भाई के रूप में एक आदर्श व्यक्ति था जिसने अपनी बहन को वायु सेना में शामिल होने के खिलाफ होता है क्योंकि वो नही चाहता की उसकी बहन को किसी तरह की तकलीफ हो. अंगद ने बड़ी ईमानदारी और सहजता के साथ अपने कैरेक्टर को निभाया और मजबूती दी. 

                                                  विक्रांत मैसी: डॉली किट्टी और वो चमकते सितारे
‘डॉली किट्टी और वो चमकते सितारे’ की कहानी रोचक थी. वहीं विक्रांत मैसी ने हमेशा की तरह अपने किरदार में पूरी तरह छलने की कोशिश की. अपने रोल में ढलने की और इसके लिए की गई उनकी मेहनत परदे पर दिखी थी थी. विक्रांत ने पिल्म में प्रदीप की भूमिका निभाई थी, जिसे एक 'रोमांस चैट' कंपनी के माध्यम से भूमि पेडनेकर यानी किट्टी से  मुलाकात होती है. हमेशा की तरह विक्रांत भरोसेमंद और परफेक्ट लगे थे. 


                                                           दीपक डोबरियाल: अंग्रेजी मीडियम
थिएटर करने वाले दीपक ने मकबूल से सिनेमा में कदम रखा था. उन्होंने ओमकारा, मकबूल और तनु वेड्स मनु जैसी कई फिल्मों में ऐसे किरदार किए जिसके लिए वो जाने जाते हैं. हिंदी मीडियम के बाद अंग्रेजी मीडियम में भी वो इरफान खान के साथ दिखे औक छा गए. फिल्म में दीपक ने इरफान के भाई की भूमिका निभाई थी. दीपक और इरफान की जोड़ी को साथ में देखना बहुत सुखद था. फिल्म में दीरक इरफान के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चले थे. 

 

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