इरफान खान फिल्म इंडस्ट्री के उन सितारों में से एक हैं जो सीधा लोगों के दिलों में बसते है. उनकी अदाकारी ने करोड़ों का दिल जीता और आज भी वे लोगों के दिलों में राज करते हैं. पिछले साल 29 अप्रैल को दुनिया से विदा लेने वाले इरफान खान का आज 7 जनवरी को जन्मदिन है. इरफान का जन्म 7 जनवरी को राजस्थान के टोंक में हुआ था. इरफान ने जैसे पर्दे पर तो अपनी दमदार एक्टिंग से सबको अपना मुरीद बनाया, वैसे ही वह अपनी जिंदगी को लेकर काफी क्लीयर थे. इरफान खान ने अपने नाम के पीछे से 'खान' शब्द हटा लिया था. अपने अभिनय कौशल से नई पीढ़ी को प्रभावित करने वाले इरफान काफी जल्दी इस दुनिया को अलविदा कह गए लेकिन उनके काम की यादें लोगों के दिलो दिमाग में लंबे समय तक ताजा रहेंगीं. राजकपूर के बाद हिंदी सिनेमा के वे ऐसे दूसरे एक्टर थे, जो संवाद से ज्यादा असर अपनी आंखों से पैदा करते थे. यह उनकी आंखें ही थीं जो पर्दे पर उनको तब भी महसूस कराती थीं, जब वे संवाद नहीं बोल रहे होते थे.
इरफान खान ने अपने करियर की शुरुआत टेलीविजन शो 'चाणक्य' और 'चंद्रकांता' से की थी. किरदार को जीने की शानदार क्षमता के साथ बेजोड़ अभिनय कौशल ने उन्हें व्यापक पहचान दिलाई थी. 'सलाम बॉम्बे’ इरफान की पहली बॉलीवुड फिल्म थी लेकिन उनकी भूमिका को फिल्म से बाहर कर दिया गया था. करियर में बड़ा ब्रेक 'रोग' फिल्म से आया जहां से उन्हें खूब प्रशंसा मिलनी शुरू हुई. कुछ ही समय में इरफान की दुनियाभर के दर्शकों की ओर से सराहा जाने लगा. 'ये साली जिंदगी', 'पीकू', 'पान सिंह तोमर', 'हिंदी मीडियम' जैसी फिल्मों में इरफान ने अपनी एक्टिंग के हर रंग को दिखाया था.
इरफान के दुनिया से रुखसत हो जाने के बाद हम सभी पर ये ज़िम्मेदारी थी कि उनकी यादों, उनके काम और उनकी फिल्मो के जरिए उन्हें इस दुनिया में जिंदा रखें. उन्हें चाहने वालों ने ये काम बखूबी किया लेकिन हर दिन इरफ़ान की ज़िन्दगी के अनछुए पहलू के साथ अगर किसी ने हमारा रिश्ता उनसे लगातार बनाए रखा तो वो था इरफ़ान का परिवार, खासकर उनकी पत्नी सुतापा और बेटे बाबिल ने. पीपिंगमून आपके लिए लेकर आया है उन्हीं यादों का गुलदस्ता, चलिए लिए चलते हैं इरफान के कभी न भूल सकने वाले सफ़र पर
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