मृत्यु कब आ जाए किसी को पता नहीं होता. मंगलवार को 58 साल की उम्र में हार्ट अटैक आने की वजह से राजीव कपूर का निधन हो गया. ये सभी लोग जानते है. राज कपूर के सबसे छोटे बेटे और ऋषि कपूर- रणधीर कपूर के छोटे भाई राजीव कपूर के दोस्तों का कहना है कि ये दिग्गज कलाकार कहीं ना कहीं अपनी जिंदगी से निराश थे, क्योंकि नियती कभी उनकी तरफ नहीं रही. वो एक एक्टर बनना चाहते थे. उनका जन्म फिल्म इंडस्ट्री के एक महान परिवार में हुआ था. पर बॉलीवुड उनको लेकर कहीं ना कहीं हमेशा कठोर रहा था.
राजीव अपने चाचा और महान कलाकार शम्मी कपूर की तरह ही दिखते थे. इसे दुर्भाग्य ही कहे कि इसकी वजह से हर डायरेक्टर चाहते थे कि वह अपने चाचा की तहर ही एक्टिंग करें. अपने करियर को उन्हे अपनी पिता नाराजगी रहती थी. बॉलीवुड को दो बड़ी हिट और कई फ्लॉप फिल्मों के बाद उन्हें खारिज कर दिया गया. वह एक सच्चे कपूर थे, इसलिए उन्होंने प्रोडक्शन और डायरेक्शन का बीड़ा उठाया. आरके स्टूडियो बैनर के पंख फैलाने और उड़ाने का सपना देखा.
मैं उन्हें कभी नहीं जानता था, लेकिन मैं कई बार उनसे पार्टियों में मिलता था. वह देर से आने वाले और शर्मीली प्रवृती वाले थे. पार्टीज में बड़ों के सम्मान में उनके पैर छूते थे. लेकिन मुझे नहीं लगता कि किसी का आशीर्वाद उनके करियर में काम आया. वे जितने जिंदादिल खुशनुमा इंसान थे, उनका जीवन उतना ही कठिन रहा था. मुझे लगता है कि वह हाल ही में बहुत उत्साहित थे, क्योंकि वेलेंटाइन डे पर उन्हें तीन दशक बाद बॉलीवुड में वापसी की घोषणा करनी थी. खैर ये जीवन है, अनिश्चित है.
हमेशा लाइमलाइट और स्पॉटलाइट से दूर, वह मस्तमौला जीवन जीने वाले इंसान के साथ खूब खाने वाले और पीने वाले होने की कपूर परंपरा को बनाए रखते थे. हालांकि उन्होंने कभी भी अपना बेस्ट हासिल नहीं किया, वे टैलेंटेड होते हुए भी उतनी सफलता नहीं पा सके जितने हकदार थे. स्टार फैमिली में जन्म के बावजूद जिंदगी ने उन्हे हमेशा दरकिनार किया. उनकी फिल्मों ने काम नहीं किया, उनकी टेलीविजन शोज ने काम नहीं किया, उनकी शादी भी सफल नहीं रही. और ऐसे एक और कपूर चले गये. मुझे इस बात की खुशी है कि बॉलीवुड के सभी लोगों ने मिलकर राजीव जी को अलविदा कहा. । RIP।