महिलाओं के अदृश्य संघर्ष को सलाम करने के लिए उनके सम्मान में, उन्हें समान अधिकार और सम्मान दिलाने के उद्देश्य के साथ संयुक्त राष्ट्र संघ ने 08 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस घोषित किया हुआ है. महिलाओं के बिना इस दुनिया की कल्पना करना ही असंभव है. कई बार महिलाओं के साथ पेशेवर जिंदगी में भेदभाव होता है. घर-परिवार में भी कई दफा उन्हें समान हक और सम्मान नहीं मिल पाता है. एक समय था जब महिलाओं को हमारे देश में हमेशा ही पर्दे में रखा जाता था. यहां नहीं जाना, वहां नहीं जाना, ऊंची आवाज़ में बात नहीं करनी. लेकिन धीरे धीरे देश बदला, लोगों की सोच बदली. महिलाएं बदलीं और उनके अधिकार बदले. अब ऐसा कोई काम नहीं है जिसे लेकर कहा जा सके कि ये काम पुरुषों का है, इसे महिलाएं नहीं कर सकतीं. खैर, यहां हम बात कर रहे हैं बॉलीवुड में महिलाओं की. फिल्में समाज का आईना कही जाती हैं. बॉलिवुड में अब तक तमाम ऐसी फिल्में बनी हैं जिन्होंने महिलाओं के जीवन के उन पहलुओं को उजागर किया है जिन्हें समाज दरकिनार करता है. इन फिल्मों में महिलाओं को सामाजिक मान्यताओं को तोड़ते हुए एक नए समाज का निर्माण करते हुए देखा जा सकता है. अब समय इतना बदल चुका है कि बॉलीवुड में महिलाओं को एक से बढ़कर एक दमदार रोल मिलते हैं. वहीं एकट्रेस के इन दमदार किरदारों से समाज पर पॉजिटिव प्रभाव पड़ा है.
मदर इंडिया (1957)
मदर इंडिया भारतीय सिनेमा के प्रारंभिक युग से आने वाली एक क्लासिक फिल्म है. यह अपने समय की एक पाथ-ब्रेकिंग फिल्म है. यह फिल्म नरगिस दत्त की सबसे प्रभावशाली और शानदार प्रदर्शन वाली फिल्म मानी जाती है. इस फिल्म में वह राधा नाम की एक ग्रामीण न्याय प्रिय महिला के किरदार में हैं जो अपने दो बेटों को पालने के लिए तमाम कठिनाइयों का सामना करती है. वह इंसाफ के लिए गलत रास्ते पर जा रहे अपने बेटे की जान लेने से भी पीछे नहीं हटती.
भूमिका (1977)
श्याम बेनेगल द्वारा निर्देशित इस हिंदी फिल्म में मुख्य भूमिका में थे - स्मिता पाटिल, आमोल पालेकर, अनंत नाग, नसीरुद्दीन शाह, अमरीश पुरी. फिल्म 1940 के वक्त की स्क्रीन एक्ट्रेस हंसा वाडकर पर आधारित थी. इस रोल को स्मिता पाटिल ने बेहद खूबसूरती के साथ निभाया.
अर्थ (1982)
महेश भट्ट के डायरेक्शन में बनी इस अर्थ फिल्म में मुख्य किरदार में शबाना आजमी हैं. शबाना इसमें कुलभूषण खरबंदा की वाइफ के रोल में हैं. कुलभूषण उनके साथ धोखा करके दूसरी औरत स्मिता पाटिल के साथ रहने लगता है. फिल्म में यह दिखाने की कोशिश की गई है कि कैसे ये औरत अपने दम पर अपनी लाइफ और खुशियों को संभालते हुए इंडिपेंडेंट बन जाती है और पति के पास वापस आने से इंकार कर देती है.
दामिनी (1993)
वूमेन इंपावरमेंट को शो करती फिल्मों में मीनाक्षी शेषाद्री की फिल्म दामिनी का नाम न लेना बेमानी होगी. दामिनी एक महिला की सच्चाई की लड़ाई की कहानी है. दामिनी की शादी एक अमीर परिवार में होती है. यहां पर वह अपने उस देवर के खिलाफ खड़ी हो जाती है जो घर की नौकरानी के साथ दुष्कर्म करता है. इसकी वजह से उसे घर तक छोड़ना पड़ता है. लेकिन दामिनी आखिरी तक न्याय की ये लड़ाई लड़ती है.
लज्जा (2001)
मल्टीस्टारर फिल्म लज्जा वूमेन इंपॉवरमेंट को शो करती है और भारतीय समाज में महिलाओं के प्रति किए जा रहे दुर्व्यवहार और अन्याय को भली प्रकार से बयां करती है. फिल्म में एक्ट्रेस रेखा, माधुरी दीक्षित, मनीषा कोइराला और महिमा चौधरी ने अलग अलग परिस्थितियों से जूझ रही अलग-अलग उम्र की महिलाओं के रोल बखूबी निभाए हैं. महिलाओं के सामने आने आने वाली परिस्थितियों की दर्द भरी कहानी है.
चांदनी बार (2001)
चांदनी बार उन महिलाओं की कहानी को उजागर करती हैं जो मुंबई में अंडरवर्ल्ड, प्रॉस्टीट्यूशन, डांस बार और क्राइम वर्ल्ड में फंस जाती हैं. डायरेक्टर मधुर भंडारकर की यह फिल्म क्राइम ड्रामा कही जाती है. फिल्म में अभिनेत्री तब्बू ने दमदार रोल किया है. वह मुमताज की भूमिका में हैं जो अपने बच्चों को बेहतर भविष्य देने के लिए कड़ी मेहनत करती हैं.
ब्लैक (2005)
ब्लैक में रानी मुर्खजी ने वो किरदार निभाया जिसे करना शायद हीं किसी और के लिए मुमकिन था. रानी मुखर्जी की इस फिल्म को शायद हीं कोई भूल पाएगा.
द डर्टी पिक्चर (2011)
एक्ट्रेस स्लिक स्मिता पर बनी फिल्म है जिसमें विद्या ने स्लिक स्मिता का किरदार निभाया और बस छा गईं. फिल्म 80 के दशक की कहानी है जो रेशमा (विद्या बालन) के आसपास घूमती है. रेशमा का सपना है एक मशहूर अभिनेत्री बनना. शुरुआत में उसे थोड़ी परेशानी होती है पर वह जल्द ही पर्दे पर 'सिल्क' बन कर धूम मचाने लगती है.
इंग्लिश विंग्लिश (2012)
इंग्लिश विंग्लिश में श्री देवी ने जो किरदार निभाया है वो एक साधारण घर की कहानी है. इस फिल्म ने उन महिलाओं के प्रति सोच बदलने के लिए मजबूर कर दिया, जो आधे जीनव गुजारने के बाद अपने लिए कुछ सोचती नहीं है. ये सपनों को पूरा करने और उची उड़ान की कहानी है.
कहानी (2012)
फिल्म कहानी में एक प्रेग्नेंट महिला किस तरह अपने गुमशुदा हसबैंड को तलाशने निकलती है और हर समय मुश्किल दौर से गुजरने के बाद भी वो सफल होती है. फिल्म में विद्या बालन की एक्टिंग ने अच्छे-अच्छे हीरो को पीछे छोड़ दिया.
क्वीन (2013)
जब भी आज के समय के महिलाओं की चर्चा होगी तो कंगना रनौत और उनकी फिल्म क्वीन का नाम जरूर आअगा. ये एक छोटे शहर की बिल्कुल साधारण सी लड़की की कहानी थी. एक इमोशनल ट्रिप और खुद को मोटिवेट और परिस्थितियों में खुद को ज्यादा मजबूत करने की इस कहानी और कंगना रनौत का ये रोल बॉलीवुड में हमेशा याद रखा जाएगा.
हैदर (2014)
हैदर में तब्बू का गजाला का रोल उस मां का था जो कब जुनूनी मां और फिर प्रेमिका बन जाती हैं. फिल्म में तब्बू ने जो किया वो किसी और के लिए उस लेवल तक कर पाना मुश्किल है.
हाइवे (2014)
आलिया भट्ट ने हाइवे में जो दमदार किरदार निभाया है वो काबिल ए तारीफ है. फिल्म आलिया का अपहरण होता है और उसके बाद जिंदगी में जो बदलाव आता है उससे वो खुद चकित हो जाती है.
मैरीकोम (2014)
मैरीकोम बॉक्सर मौरोकोम पर बनी बॉयोपिक में एक उत्तर पुर्व भारत की महिला कहानी है जो कठिन और उलट परिस्थतियों में भी खुद को तराशती है और उस मुकाम को छूती है जिसका सपना उन्होने कभी देखा था। फिल्म में प्रियंका चोपड़ा ने जो किया वो शायद कोई और एक्ट्रेस नहीं कर सकती.
एन एच 10 (2015)
अनुष्का शर्मा की एन एच 10 यह फिल्म हमारे सोसाइटी के उस तबके की महिला की कहानी है जो एक कॉरपोरेट लेडी है लेकिन जरूरत पड़ने पर वो किसी का खात्मा कर सकती है. पति के मर्डर के बाद किस तरह बुरे परिस्थितियों में भी वो बदमाशों को नहीं छोड़ती इसकी कहानी है.
पीकू (2015)
पीकू में भी दीपिका पादुकोण का कैरेक्टर भी आज की उस पावरफुल महिला की कहानी है जो आज के जामाने की आधुनिक विचारों की लड़की है जहां आधुनिकता कपड़ों से नहीं विचारो से हो और साथ में परिवार की सीख और मुल्य भी मायने रखते है.
नीरजा (2016)
इस फिल्म में सोनम कपूर ने एयरहोस्टेस नीरजा भनौट का किरदार निभाया था. उनके ये किरदार काफी दमदार था, जिसकी काफी तारीफ हुई है.
पिंक (2016)
पिंक फिल्म पिंक महिला केंद्रित फिल्म थी. इसमें अमिताभ बच्चन ने एक वकील का किरदार निभाया था। साथ ही तापसी पन्नू की दमदार एक्टिंग ज़बर्दस्त थी.
मॉम (2017)
बॉलीवुड की जानी-मानी एक्ट्रेस श्रीदेवी अब हमारे बीच नहीं हैं. उनकी अब तक की आखिरी फिल्म 'मॉम' थी. इस फिल्म में श्रीदेवी ने सशक्त मां का किरदार निभाया था. फिल्म 'मॉम' उनकी 300वीं फिल्म थी. इस फिल्म में उनके साथ नवाजुद्दीन सिद्दीकी भी नजर आए थे.
पद्मावत (2018)
दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह और शाहिद कपूर स्टारर फिल्म 'पद्मावत' साल 2018 की सुपरहिट फिल्मों में से एक है. यह फिल्म चितौड़ की रानी पद्मावती के जीवन पर आधारित है. फिल्म 'पद्मावत' में दीपिका ने पद्मावती का किरदार किया था। इस फिल्म के निर्देशक संजय लीला भंसाली हैं.