आज 7 जुलाई बुधवार के दिन, भारत के महान अभिनेता दिलीप कुमार के निधन की खबर से फैंस से लेकर इंडस्ट्री के बीच मौजूद सेलेब्स के बीच शोक की लहर देखने मिली है. बता दें कि वह पिछले कुछ दिनों से बिगड़ी तबीयत की वजह से अस्पताल आते जाते रहे थे, पिछले महीने ही उन्हें दो बार मुंबई के हिंदुजा अस्पताल में भर्ती कराया गया था. कुछ दिनों पहले, सायरा बानो ने फैंस को आश्वासन दिया था कि उनकी तबीयत ठीक है. हालांकि, लाख कोशिशों के बावजूद 7 जुलाई को दिलीप कुमार ने सभी को अलविदा कह दिया. ये कहना गलत नहीं होगा कि सिनेमा के एक युग का अंत हो चूका है.
ऐसे में चलिए हम आपको दिलीप कुमार और सायरा बानो की खूबसूरत लव स्टोरी के बारे में बताते हैं. बता दें कि दिलीप साब के निधन के बाद सायरा बानो के पहले शब्द थे,'भगवान ने मेरे जीने की वजह छीन ली. साहब के बिना, मैं कुछ भी नहीं सोच पाऊंगी. सब लोग, प्लीज प्रेयर करें.'
दिलीप कुमार से उम्र में 22 साल छोटी सायरा बानो भारत-पाक बटवारे के बाद लंदन जा बसीं थीं. ऐसे में वो जब भी भारत छुट्टी मनाने आती थीं, उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि वह 12 साल की उम्र से दिलीप कुमार से शादी करने की दुआ करती थीं.
कई इंटरव्यूज में अभिनेत्री ने स्वीकार किया कि वह कम उम्र से ही कुमार के प्रति आकर्षित थीं. उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में कहा था, "मैं कोई और लड़की नहीं थी, जिसका दिल दिलीप कुमार ने जीता था. मेरे लिए, यह हवा में कोई महल नहीं था, क्योंकि मैंने अपने सपने को विश्वास की मजबूत नींव दी थी- खुद पर विश्वास और भगवान में विश्वास रखा था." उन्होंने दिलीप कुमार की 'आन' देखी थी और एक दिन 'मिसेज दिलीप कुमार' बनने का सपना भी देखा था.
सायरा बानो की मां नसीम बानो खुद एक अभिनेत्री थीं और उनके जरिये से ही दोनों पहली बार मिले थे. अपने भावी पति के साथ अपनी पहली मुलाकात को याद करते हुए, सायरा बानो ने कहा, "जब उन्होंने मुझे मुस्कुराते हुए देखा और कहा की मैं लड़की हूं. तब मुझे ऐसा लगा की मेरी पूरी दुनिया को जैसे पंख लग गए थे. मैं अपने भीतर कहीं गहराई में जानती थी कि मैं उनकी पत्नी बनने जा रही हूं."
बानो केवल 16 वर्ष की थीं जब उन्होंने फिल्मों में अपनी शुरुआत की. वह 1961 में शम्मी कपूर के साथ 'जंगली' में बतौर लीड एक्ट्रेस नजर आईं थीं. ऐसा माना जाता है कि उनकी मां नसीम बानो ने सायरा बानो और दिलीप कुमार के रिश्ते को मजबूत करने के लिए अहम भूमिका निभाई थी और इस तरह से दोनों 11 अक्टूबर, 1966 को शादी के बंधन में बंध गए. उस समय बानू 22 साल की थीं और कुमार 44 साल के थे.
उनकी शादी में भी उतार-चढ़ाव देखे गए थे. अपने मेमॉयर, 'दिलीप कुमार: द सबस्टेंस एंड द शैडो' में कुमार ने लिखा है कि बानू 1972 में गर्भवती हुई, लेकिन आठवें महीने में हाई ब्लड प्रेशर हो गया, और डॉक्टर उस बच्चे को नहीं बचा सके, जिसका गला अम्बिलिकल कॉर्ड से दब गया था. इस हादसे के बाद इस जोड़ी ने बच्चा पैदा न करने का फैसला किया.
फिर 1981 में, अभिनेता ने अस्मा रहमान से शादी की जो केवल दो साल तक चली. बाद में, दिलीप कुमार ने स्वीकार किया कि यह एक ऐसा निर्णय था जिसका उन्हें जीवन भर पछतावा रहेगा. "खैर, मेरे जीवन में एक एपिसोड जिसे मैं भूलना चाहता हूं और जिसे हम, सायरा और मैंने हमेशा के लिए गुमनामी में धकेल दिया है, वह एक गंभीर गलती है, जो मैंने अस्मा रहमान नाम की एक महिला के साथ दबाव में जुड़ने की कि थी. मेरी उससे मुलाकात हैदराबाद में एक क्रिकेट मैच के दौरान हुई थी."
बानो ने 1976 में अपने प्यार 'कोहिनूर' के लिए एक आदर्श पत्नी की भूमिका निभाने के लिए एक्टिंग को अलविदा कह दिया था. 2014 में, सायरा ने कहा था, "मैं अभी भी अपने कोहिनूर, यूसुफ साहब से प्यार करती हूं, जिस तरह से मैं पहली बार 12 साल की उम्र में उनके प्रति आकर्षित महसूस करती थी. हमारी शादी अच्छी रही है, जिसने चार दशकों तक उतार-चढ़ाव के बीच में भी बची रही. कोई भी शादी परफेक्ट नहीं होती. यह कैसे हो सकता है, जब इंसान के रूप में हम परफेक्ट नहीं हैं? तो यह प्यार, सम्मान और आराधना ही है जो शादी को टिकाए रखती है."