By  
on  

Saina Review: पावर-पैक बायोपिक में परिणीति चोपड़ा ने अपने एक्टिंग के दम से फूंकी जान

फिल्म: साइना

निर्देशक: अमोल गुप्ते

कास्ट: परिणीति चोपड़ा, मानव कौल, मेघना मलिक और सुभ्रज्योति बारात

रेटिंग: 4 मूंस 

बॉलीवुड में पिछले काफी समय से बायोपिक्स चलन में है. इसमें अब शामिल हो चुकी है अमोल गुप्ते की 'साइना', विश्व की नंबर 1 बनने वाली एकमात्र भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल के जीवन पर आधारित फिल्म. किरदार की त्वचा में खुद को ढालते हुए परिणीति चोपड़ा ने अपने प्रदर्शन से कमाल कर दिया है. अमोल ने बैडमिंटन चैंपियन की यात्रा के बारे में बताया है, जो कभी न हार मानने वाले रवैये से प्रेरित होती है. फिल्म में परिणीति न सिर्फ साइना की तरह एक्टिंग कर सभी को आश्चर्यचकित करती हैं, बल्कि लुक के मामले में उनमे और साइना में फर्क करना बेहद मुश्किल है.

(यह भी पढ़ें: Mumbai Saga Review: जॉन अब्राहम और इमरान हाशमी की कमाल के एक्शन से सजी है अंडरवर्ल्ड की सच्ची कहानी पर आधारित यह फिल्म)

2 घंटे 13 मिनट की फिल्म में सायना के बचपन से लेकर उनकी मेहनत और समर्पण के साथ बैडमिंटन की दुनिया को जीतने तक के सफर को बेहद खूबसूरती से दिखाया गया है. फिल्म में हम देखते हैं कि कैसे साइना को उसके माता-पिता उषा नेहवाल (मेघना मलिक) और हरवीर सिंह नेहवाल (सुभ्रज्योति बारात) और कोच पुलेला गोपीचंद (मानव कौल) से किसी भी मुश्किल से निकलने और मजबूती से उठने का पूरा सपोर्ट मिलता है. 'साइना' सभी युवा लड़कियों के लिए एक प्रेरणादायक कहानी है जो अपने सपनों को पूरा करने की ख्वाहिश रखती हैं. परी के निरंतर वॉयसओवर ने पॉपुलर शटलर की यात्रा को एक ट्रेलब्लेज़र के रूप में स्थापित करने में मदद की है जिसने खेल की दुनिया में अपना बड़ा नाम कमाया. फिल्म सफलता के साथ दृढ़ संकल्प और कुछ कर गुजरने की भूख को उजागर करती है.

साइना ने काम के अंतहीन घंटों का सम्मान किया, जिसे सफल होने के लिए खिलाड़ियों को रखने की जरूरत है. फिल्म में एक चीज आपको अच्छी और सही लगेगी की परिवार और कोच के सही समर्थन से महिलाएं नई ऊंचाइयों तक पहुंच सकती हैं. हंसी की लहर के साथ यह फिल्म आशा और सम्मान की एक खूबसूरत कहानी है. अमोल ने कहानी को गर्मजोशी और भावना के साथ पेश किया है, जिसमे आपको बिना मतलब का ड्रामा नहीं देखने मिलेगा.

फिल्म में सभी का प्रदर्शन बेहद शानदार है. परिणीति ने चुनौतीपूर्ण भूमिका को बेहद शानदार तरीके से निभाकर अपनी एक्टिंग टैलेंट का लोहा मनवाया है. किरदार के साथ न्याय करने में उनके द्वारा की गयी कड़ी ट्रेनिंग और कोशिशों के रंग लाया है. एक्टिंग के लिहाज से परी अमोल गुप्ते की साइना में जान फूंकती है. यह कहना गलत नहीं होगा कि बायोपिक उनके लिए गेम-चेंजर हो सकती है.खास बात यह है कि परी ने बेहद आसानी से साइना के किरदार और उनके लुक में खुद को ढाला है. उन्होंने अपने लुक ही नहीं बल्कि अपना वेट भी मैनेज किया है, पहले कुछ किलो बढाकर और फिर उन्हें कम कर के. सीधी भाषा में कहें तो, एक्ट्रेस की जितनी भी तारीफ की जाए वो कम है.

मानव कौल, मेघना मलिक और सुभ्रज्योति बारात सहित सभी सपोर्टिंग कास्ट ने अपने किरदारों के साथ न्याय किया है. उपयुक्त अभिनेताओं को कास्ट करके फिल्म के आकर्षण को बढ़ाने के लिए कास्टिंग डायरेक्टर की भी तारीफ करनी बनती है.

अमोल गुप्ते का निर्देशन और स्क्रीनप्ले कमाल का है, जिसमे आपको भावनात्मक, प्रेरक और पूरी तरह से आकर्षक कहानी देखने मिलती है. अमितोष नागपाल के डायलॉग्स जबरदस्त हैं और कुछ मजेदार ह्यूमर से भरे हुए हैं. फिल्म की राइटिंग शानदार है और उसकी एक्टिंग उसकी मजबूती. अमाल मालिक द्वारा दिया गया म्यूजिक दिल छू लेने वाला है. सिनेमेटोग्राफर पीयूष शाह ने बैडमिंटन के दृश्यों को अच्छी तरह से फिल्माया है. दीपा भाटिया द्वारा की गयी एडिटिंग तारीफ के काबिल है. ऐसे में अगर आप लम्बे समय से एक्टिंग के तड़के के साथ खूबसूरत कहानी देखने का इंतजार कर रहे थे, तो ये आपके लिए एक सही चॉइस है.

PeepingMoon 'साइना' को देता है 4 मूंस!

Recommended

PeepingMoon Exclusive