तेलुगू सुपरस्टार प्रभास, जिन्होंने 'बाहुबली' जैसी फिल्म से रातों रात देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर में सभी को अपना दीवाना बना, वह फिलहाल में तेलंगाना सरकार के साथ चल रहे भूमि विवाद के चलते चर्चा में बने हुए हैं. दरअसल, तेलंगाना उच्च न्यायालय ने एक निचली अदालत द्वारा पारित अंतरिम आदेशों में कुछ गलती पाई है, जो उनकी एक संपत्ति के अस्थायी कब्जे की अनुमति देता है, जो सरकार अपना बता रही है.
2,083 वर्ग गज की जमीन रंगा रेड्डी जिले में सेरलिंगमपल्ली का रैडबर्ग पान मकथा के सर्वेक्षण संख्या 5/3 पर स्थित है. इस बारे में प्रभास का कहना है कि उन्होंने यह जमीन सालों पहले खरीदी थी. उन्होंने अपने पास जमीन के पंजीकृत बिक्री विलेख के होने का दावा किया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने 2014 में एक नियमितीकरण योजना के तहत उनके आवेदन को स्वीकार कर लिया था. इसके बावजूद, भूमि को जब्त कर लिया गया और प्रभास ने कार्रवाई को चुनौती देते हुए 2018 में उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. अदालत ने सरकार को आदेश दिया कि वह इमारत को न गिराए लेकिन एक्टर को जमीन पर कब्जा देने की उनकी याचिका भी दूसरी ओर खारिज कर दी. जिसके बाद यह मामला अब ट्रायल कोर्ट में शिफ्ट कर दिया गया.
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कुकटपल्ली स्थित ट्रायल कोर्ट ने 3 अप्रैल तक प्रभास के पक्ष में अंतरिम फैसला लिया है. लॉकडाउन के कारण, सभी अंतरिम आदेश जून के पहले सप्ताह तक बढ़ा दिए गए. इससे नाराज होकर, राजस्व अधिकारियों ने जगह को खाली करने के लिए एक याचिका दायर की है. जिसके बाद जब याचिका पर सुनवाई नहीं हुई, तो सरकार ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. इस याचिका पर विचार करते समय, मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान और न्यायमूर्ति पी नवीन राव की खंडपीठ ने कहा कि ट्रायल कोर्ट का आदेश एक गलती थी और संपत्ति का कब्जा एक्टर के पास नहीं होना चाहिए.
पीठ ने हालांकि, अधिकारियों को संपत्ति को ध्वस्त नहीं करने का निर्देश दिया है. जबकि ट्रायल कोर्ट को सरकार के खाली करने के आवेदन से तुरंत निपटने और मामले को योग्यता के आधार पर निपटाने का निर्देश दिया है.
(Source: republicworld)