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टीवी एक्टर्स के आत्महत्या के मामलो को लेकर बोले रॉनित रॉय, कहा- 'मैं भी 4 सालों तक बेरोजगार रहा पर मैंने सुसाइड नहीं किया'

कोरोना वायरस से फिल्म और टीवी इंडस्ट्री ठप्प हैं. वहीं काम की मंदी ने अच्छे-अच्छों की कमर तोड़ दी है. लोगों के कामकाज पिछले करीब ढाई महीने से बंद पड़े हैं जिस वजह से उन्हें काफी नुकसान हुआ है. लॉकडाउन के दौरान कई टीवी स्टार्स ने अपना दर्द बयां किया है कि वो आर्थिक पेरशानी से गुज़र रहे हैं क्योंकि उन्हें पिछले महीनों का ही पेमेंट नहीं मिला है. इसी बीच एक्टर रॉनित रॉय ने भी बताया है कि वो भी आर्थिक परेशानी से गुज़र रहे हैं. रॉनित ने बताया कि उन्होंने जनवरी से पैसे नहीं कमाए हैं. एक्टिंग के अलावा उनका एक छोटा सा बिजनेस भी है जिससे काम चल रहा था, लेकिन मार्च में वो भी बंद हो गया. पर साथ ही रॉनित रॉय टीवी इंडस्ट्री में आर्थिक तंगी के कारण बढ़ रहे आत्महत्या के मामलों को देखकर बेहद दुखी हैं. उन्होंने अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए बताया कैसे वह 4 साल तक बेरोजगार रहे पर खुदकुशी नहीं की. उन्होंने सभी कलाकारों से ऐसा कदम न उठाने की अपील की. 

एक लीडिंग वेबसाइट से बात करते हुए रॉनित ने कहा कि, 'जब से लॉकडाउन लागू हुआ है उसके बाद से उन्हें उन्हें सैलरी नहीं मिली है. जनवरी से उन्होंने कोई पैसा नहीं कमाया है. उसके बावजूद वो 100 परिवारों की जिम्मेदारी उठा रहे हैं.' जब रॉनित से ये पूछा गया कि किसी में शो में करने के 90 दिन बाद पैसे मिलते हैं, तो एक्टर ने कहा, ‘जब आप कोई भी शो साइन करते हैं तब आपके कॉन्ट्रेक्ट में लिखा होता है कि इसका पेमेंट आपको 90 दिन बाद मिलेगा. ये इंडस्ट्री का पेमेंट रूल है. इसमें किसी की ग़लती नहीं है. अगर आप इस रूल से सहमत नहीं हैं तो कॉन्ट्रेक्ट साइन ही मत करिए और शो में काम करन से मना कर दीजिए. लेकिन मैं यह भी समझता हूं कि अभी सब एक अलग ही स्थिति से गुजर रहे हैं. प्रॉडक्शन हाउस या फिर चैनल, उन्हें समझना चाहिए कि ये लोग उनकी टीम का हिस्सा हैं. इस वक्त हर किसी का काम बंद है. सब घर बैठे हैं और रोजमर्रा के खर्च चलाने के लिए उन्हें किसी न किसी तरह पैसों की व्यवस्था करनी है. आप उन्हें एक्स्ट्रा पैसे मत दीजिए, लेकिन कम से कम वे पैसे तो दीजिए जो उनके हैं. जिनका पैसा बनता है उनको तो मिलना चाहिए.'

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आगे रॉनित ने कहा, 'एक्टिंग के अलावा मेरे एक छोटा सा बजनेस भी है जिससे काम चल रहा था लेकिन मार्च के बाद से वो भी बंद है. अब मेरे पास जो भी है मैं उनमें से कुछ चीज़ों को बेच रहा हूं ताकी में उन 100 परिवारों का सपोर्ट कर सकूं जिनकी जिम्मेदारी मैंने उठाई है. मैं बहुत ज्यादा पैसा वाला तो नहीं हूं, लेकिन ये कर रहा हूं. ऐसे में बड़े-बड़े प्रोडक्शन हाउस और चैनल्स को कुछ करना चाहिए.'

संघर्ष के दिनों को याद करते हुए रॉनित रॉय ने बताया, 'मेरी पहली फिल्म 1992 में आई 'जान तेरे नाम' थी जो ब्लॉकबस्टर रही. यह फिल्म सिल्वर जुबली फिल्म थी यानी आज के हिसाब से 100 करोड़ के क्लब वाली फिल्म. मेरी डेब्यू फिल्म उस लेवल की थी। 1992 में वह रिलीज हुई और अगले 6 महीने तक मुझे एक भी फोन कॉल नहीं आई. इसके बाद मुझे एकदम बकवास काम मिलने लगा और वह मैंने 3 सालों तक किया. 1996 तक आते-आते काम मिलना बंद हो गया। 4 सालों तक मैं बेरोजगार घर पर बैठा रहा. मेरे पास एक छोटी कार थी, लेकिन पेट्रोल के लिए पैसा नहीं था. खाना खाने के लिए मैं मां के घर पैदल जाता था क्योंकि एक सिल्वर जुबली फिल्म देने के बावजूद मेरे पास पैसे नहीं थे. लेकिन मैं खुद की जान नहीं ली. मैंने आत्महत्या नहीं की। मैं किसी को जज नहीं कर रहा हूं. लेकिन हर कोई जिंदगी में किसी न किसी मोड़ पर आर्थिक तंगी का शिकार होता है. अगर आप इस दौर से गुजर रहे हैं तो खुद की जान लेना कोई समाधान नहीं है. मुझे इसमें कोई समझदारी वाली बात नजर नहीं आती.'

(Source: TOI)

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