इनामुलहक एक जाने माने एक्टर और स्क्रीन राइटर हैं, जिन्हे हमने हाल ही में 'हसमुख' वेब सीरीज में अपनी एक्टिंग का कमाल दिखाते हुए देखा गया. इसी बीच PeepingMoon से बात करते हुए एक्टर ने अपने शो में नजर आने वाले किरदार, अपनी चुनौतीपूर्ण यात्रा से लेकर आने वाले इंटरनेशनल प्रोजेक्ट से लेकर कई अन्य चीजों से पर्दा उठाया. तो चलिए आपको बताते हैं कमर्शियल से लेकर क्रिटिक द्वारा अक्लेम्ड फिल्मों में काम कर चुके एक्टर ने क्या कहा.
1. आपके शो हसमुख को दर्शकों से भरपूर समीक्षा मिल रही है, उस पर आपका क्या कहना है?
उ: मैं तो कोशिश करता हूं कि बस अच्छा काम करूं, तो इसमें भी अपना काम कर दिया बस. ज्यादा काम नहीं था लेकिन निखिल सर ने बोला तो कर दिया. एक चीज है कि मैं मेथड एक्टर हूं लेकिन इस रोल के लिए मुझे बस 5 दिन पहले बुलाया गया था. तो मुझे होमवर्क करने का टाइम नहीं मिला. बाकी मैं सहारनपुर से ही हूं तो मुझे लैंग्वेज और किरदार के लिए ज्यादा काम नहीं करना पड़ा. बाकी मेरे वो किरदार के जो तोकियाकलाम है वो हम बचपन में बोलै करते थे. तो थोड़ा वो सब ऐड कर के मेरा किरदार बना.
2.आपको यह भूमिका कैसे मिली और वीर दास और रणवीर शौरी जैसे मंझे हुए कॉमेडी स्टार्स के साथ काम कर कैसा लगा आपको?
उ: बेशक इसमें काम करने का अनिभव अच्छा था बाकी उनको मेरे साथ काम करके कैसा लगा वह आप उनसे पूछिए. अगर पॉजिटिव लोग हो सेट पर तो काम भी अच्छा होता है. मेरी सेट पर यही कोशिश रहती है और यहां भी सब लोग चील थे. इसके अलावा इस प्रोडक्शन हाउस के साथ मेरा यह तीसरा प्रोजेक्ट था, इसलिए फैमिली जैसा कंफर्ट है. बाकी मैं काम से काम रखता हूं और कुछ नहीं.
बस एक चीज है कि ज्यादातर सेट स्टार ओरिएंटेड होते हैं. मैं यह सोचता हूं कि यह इंडस्ट्री इससे बाहर कब आएगी. मेरा यह मानना है कि कॉमेडी में इंप्रूवमेंट हो या राइटिंग में बैटर पंचेस हो लेकिन मैं एक कैरेक्टर एक्टर होने के नाते बिन मांगे इनपुट नहीं देता. लेकिन हां मेरा जैसा रोल था लेकिन एडिट में बहुत बार ऐसा होता है की साइड एक्टर्स की बहुत पंच लाइंस काट दी जाती है. क्योंकि कोई भी सेट हो ऐड हो हर जगह सब में लीड को देखते हैं. सारा फोकस स्टार पर होता है इन जनरल बात कर रहा हूं तो इसका खामियाजा कई बार हम जैसे आफ्टर को भुगतना पड़ता है.
3. एयरलिफ्ट से लेकर जॉली एलएलबी 2 और अब हसमुख तक, आपका अब तक का सफर कैसा रहा है?
उ: मेरी यात्रा चुनौतीपूर्ण रही है और वो मैंने खुद बनाई है क्योंकि मैं खुद को रिपीट नहीं करना चाहता. इंडस्ट्री चाहती है कि स्टीरियोटाइप करे और कास्टिंग डायरेक्टर्स जो जैसे काम कर रहे हैं वैसे ही एक्टर्स को आगे करते रहे. लेकिन मैं वैसा नहीं करना चाहता और इसलिए मुझे मुश्किल हो जाती है. लैक ऑफ विजन वाले ऑफर आते हैं जैसे मैंने 'जॉली एलएलबी 2' में गेस्ट अपीयरेंस किया था, तो बहुत टाइम तक मुझे वैसे ऑफर मिले. और न लेने पर बहुत टाइम तक घर पर बैठना पड़ता है. लेकिन मैं खुद काम नहीं मांगता क्योंकि तब मैं अपनी ना बोलने के राइट को खो देता हूं और वो मेरा बर्थ राइट है. जो कास्टिंग डायरेक्टर मेरे पस आता है और और मैं मना कर दूं, तो या तो वो मुझे फ़ोन करना बंद कर देते हैं या अपने ईगो पर ले लेते हैं. जहां डायरेक्टर अप्रूव करता है वहां फिर कास्टिंग डायरेक्टर्स को लेना पड़ता है. इसलिए मैं चाहता हूं कि कास्टिंग डायरेक्टर्स में भी नैतिकता होनी चाहिए और एक प्रोफेशनल की ना को फिर ना में लें.
4. क्या आप हमें अपने आने वाले प्रोजेक्ट्स के बारे में कुछ बता सकते हैं?
उ: एक अभी फिल्म कर रहा हूं, जो कि इंटरनेशनल प्रोजेक्ट कंट्री ऑफ़ लैंड राहत काज़मी की. वो बन कर रेडी है और कान्स में जाने वाली थी लेकिन कोरोनावायरस की वजह से टल गयी. और एक पिक्चर है कार्निवाल सिनेमा के साथ उसका ऑफिसियल अनाउंसमेंट होना बाकी है. उसका ही शूट करके आया था मैं और ये हो गया.
(Transcripted: Nutan Singh)
(Source: PeepingMoon)