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'तांडव' के लिए सैफ अली खान ने की थी संस्कृत की प्रैक्टिस, हर दिन देने पड़ते थे चार भाषण

सैफ अली खान स्टारर 'तांडव' शायद साल के मच अवेटेड शो में से एक हैं. हाल ही में रिलीज़ हुई अमेजन ओरिजिनल सीरीज़ के ट्रेलर ने दर्शको का उत्साह बढ़ा दिया है, जो पहली नजर में किसी पॉलिटिकल थ्रिलर की तरह नजर आता है. अली अब्बास ज़फ़र द्वारा निर्मित, तांडव में सैफ का किरदार बहुस्तरीय है. इसमें डिंपल कपाड़िया, गौहर खान, तिग्मांशु धूलिया, कुमुद मिश्रा, शोनाली नागरानी, जीशान अय्यूब, कृतिका कामरा और अन्य एक अलग अवतार में नजर आने वाले हैं. ऐसे में अब सैफ ने शो के लिए संस्कृत का अभ्यास करने पर बात की है.

सैफ अली खान ने कहा, ‘‘अपने किरदार की तैयारी करते हुए मैं कई चीजों से प्रभावित हुआ. मैं एक राजनेता का किरदार निभा रहा हूं, जो सार्वजनिक जगहों पर बहुत बोलता है और मुझे समर के किरदार के लिये संस्कृतनिष्ठ हिन्दी के कई भाषणों की तैयारी करनी पड़ी. मजे की बात यह थी कि मुझे संस्कृत बोलना सचमुच अच्छा लगा. शूटिंग का कोई दिन बहुत भारी लगता था और कोई हल्का. इस शो में मुझे हर दिन संस्कृत में लगभग चार भाषण देने होते थे. तो इस रोल को परफेक्ट बनाने के लिये मैंने कई भारी भरकम लाइनें सीखीं."

(यह भी पढ़ें: 'तांडव 2' को लेकर उत्साहित हैं सारा जेन डायस, अगले महीने शूटिंग शुरू होने की पुष्टि की)

सैफ ने आगे अपने किरदार के बारे में बात करते हुए कहा, ‘‘मैंने इससे पहले भी ग्रे शेड वाले बहुत किरदार किये हैं और ऐसा करने में मुझे बहुत मजा आया है. बिलकुल शरीफ आदमी का किरदार निभाने की तुलना में मुझे यह ज्यादा रोचक और प्रयोगात्मक लगता है. मुझे खुशी है कि मैं समर का किरदार अदा कर पाया, जो असुरक्षित, भयंकर, सत्तावादी और दयालु है. यह अपनी एनर्जी के एक अलग हिस्से की चैनलिंग करने जैसा था. इसके अलावा, मुझे नहीं लगता है कि एक राजनेता का किरदार निभाने में कोई जोखिम है. तांडव कोई डॉक्युमेंट्री नहीं है, यह एक फिक्शन है."

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