अभिनेता अभिषेक बनर्जी सिर्फ एक एक्टर नहीं है, वह एक कास्टिंग डायरेक्टर भी है, जिन्होंने इंडस्ट्री से कई होनहार एक्टर्स का परिचय करवाया है. श्रद्धा कपूर और राज कुमार राव की फिल्म 'स्त्री' में जाना का किरदार निभाने के बाद अनुष्का शर्मा द्वारा प्रोड्यूस वेब सीरीज 'पाताल लोक' में हथोड़ा त्यागी के किरदार से उन्होंने दर्शकों का खूब मनोरंजन किया. अब चूंकि 2020 खत्म होने में बस चंद घंटे रह गए हैं, पीपिंगमून ने अभिषेक से बात की कि साल बितने पर उनका क्या कहना है.
डिजिटल बूम की वजह से 2020 को आर्टिस्ट्स का साल बताते हुए अभिषेक ने कहा, 'बहुत से लोग आपके पास आएंगे और कहेंगे इंडस्ट्री में ऐसे करना पड़ता है, वैसे करना पड़ता है. कुछ नहीं करना पड़ता बस अच्छा काम करना पड़ता है और मेहनत करनी पड़ती है. 2020 ने ओटीटी के जरिये नए आर्टिस्ट्स का तोहफा दिया. जहां लोग एक साथ काम कर सकते हैं और एक साथ बढ़ सकते हैं.'
सिनेमा में बदलाव के बारे में बात करते हुए, अभिषेक बात मानी कि अब लोग मशहूर चेहरों की जगह चेहरों को देखने के लिए अधिक इच्छुक हैं. दिव्येंदु (मिर्जापुर) और सिद्धांत चतुर्वेदी (इनसाइड एज एंड गली बॉय) का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, 'प्रसिद्ध अभिनेता घर पर बैठे थे. यदि वे उन हिस्सों के लिए उपयुक्त नहीं थे, तो वे नहीं मिल रहे थे.'
उन्होंने आगे कहा, 'अगर फिल्म इंडस्ट्री में आप चाहते है ज्यादा एक्टर्स और ज्यादा लोग जो इंडस्ट्री के लिए प्रॉफिटेबल हो तो कला को समझे और एक्टर्स को चांस दें. तभी कुछ वर्षों बाद वे जयदीप अहलावत या प्रतीक गांधी बनेंगे. वे दशकों से यहां है, केवल आप उन्हें अभी पहचान रहे है और वह काम मैं करने जा रहा हूं, एक कास्टिंग निर्देशक के रूप में, मेरी आंखें खुली है.'
अभिषेक इस बात पर रोशनी डालते हैं कि फिल्मों में एक्टर्स की पूजा कैसे की जाती है और न कि वे जो वास्तव में कैरेक्टर्स को जीते हैं. यह कहते हुए कि निर्देशक और लेखक वही हैं जिनकी पूजा करने की जरुरत है, अभिषेक ने कहा, 'हम अभी भी राजा प्रथा में हैं, हीरो की पूजा करते हैं. एक्टर्स को एक्टर्स की तरह डील करना चाहिए. हम हीरो नहीं है, सिर्फ एक्टर्स है. हीरो की पूजा उसकी होनी चाहिए जो आपको रियल जिंदगी में प्रभावित करे और फिल्मों में हीरो की पूजा डायरेक्टर और राइटर की होनी चाहिए.