रिलाइटी टीवी के जज और सिंगर पापोन के किश विवाद के बाद. फिल्म और टीवी प्रोडूसरों के लिए मुश्किल कड़ी हो गयी है. अब कोई भी प्रोडूसर इसी तरह बच्चों को लेकर शो नहीं बना सकता. अगर बनाता है तो उसे कई नियमों का सख्ती से पालन करना पड़ेगा. NCPCR ने ये सख्ती पापोन विवाद के बाद लिया है,जिसमें पापोन एक रियलिटी शो के बच्चों के साथ लाइव कर रहे थे और एक बच्ची को किश कर लिया था. बाद में वो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था.
NCPCR ने बताया है कि, इस कड़े रूख का मकसद है बच्चों कि सुरक्षा. रियलिटी शो और टीवी में काम के नाम पर उनका शोषण किया जाता है जो गलत है. अब काम के नाम पर किसी भी बच्चे से मनमाने तरीके से काम नहीं कराया जा सकता. अगर बच्चा या बच्ची सेट पर होती है तो हर वक़्त उसके साथ ऐसा कोई रहना ज़रूरी है जिसके सामने वो सुरक्षित रहे. बाल कलाकारों के लिए भी अलग से वैनिटी होनी चाइयेऔर ये बाचे आठ गांठे से ज़्यादा काम न करें इस बात को भी सुनिश्चित करना ज़रूरी है. अगर फिर भी कहीं कोई गलती होती है तो प्रोडूसर को इसके लिए ज़िम्मेदार माना जाएगा और उसके खिलाफ सख्त धाराओं में कार्रवाही होगी.
दिल्ली के वकील रुना भुयान ने मामले में एक याचिका भी डाली है. रूना के मुताबिक, एनसीपीसीआर रियलिटी शो में काम करने वाले बच्चों के दिशानिर्देशों में संशोधन कर रही है. पीओसीएसओ और युवा न्याय कानून जैसे कानूनों को इनमें शामिल करने की जरूरत है. टीवी पर वास्तविकता दिखाने के चक्कर में बच्चों के साथ सही व्यवहार नहीं हो रहा है. ऐसे में इससे जुड़े लोगों को प्रशिक्षित करने की जरूरत है. काम के घंटों में नियमन होने चाहिए. इसके अलावा, उस समय की पाबंदी भी होनी चाहिए जो एक सलाहकार प्रतियोगियों के साथ खर्च करता है."