नकुल मेहता और उनकी पत्नी जानकी पारेख मेहता ने 3 फरवरी, 2021 को अपने पहले बच्चे का स्वागत किया।. कपल ने अपने बेटे का नाम सूफी रखा था. वहीं हाल ही में नकुल ने अपने न्यूबोर्न बेबी बॉय के साथ बेहद खूबसूरत तस्वीर शेयर की है. जिसमें उनके बेटे की छोटी सी झलक दिख रही है. बेटे सूफी को बाहों में लिए नकुल ने दिल को छू लेने वाला नोट भी लिखा है.
नकुल ने लेबनान के लेखक खलील जिब्रान के शब्दों के साथ पोस्ट को कैप्शन दिया. उन्होंने लिखा, "खलील जिब्रान के शब्दों ने कभी इतना करीब महसूस नहीं किया जितना मैं आज करता हूं. आपके बच्चे आपके बच्चे नहीं हैं. वे अपने लिए जीवन की लालसा के रूप में है. वे आपके माध्यम से आते हैं लेकिन आपसे नहीं. आप उन्हें अपना प्यार दे सकते हैं लेकिन अपने विचार नहीं, क्योंकि उनके अपने विचार हैं. आप उनके शरीर को रख सकते हैं लेकिन उनकी आत्मा को नहीं, क्योंकि उनकी आत्मा अपने विचारों से बनती है. जिसे आप सपने में भी नहीं देख सकते हैं, आप उनके जैसा बनने का प्रयास कर सकते हैं, लेकिन उन्हें अपने जैसा न बनाने की कोशिश करें. क्योंकि जीवन पीछे की ओर नहीं जाता है और न ही कल के लिए रूकता है. हम इन शब्दों को अपने जीवन में हर दिन याद रखने की कोशिश करेंगे.'
बता दें, इससे पहले नकुल ने कोरोना से जा रही लोगों की जानो को देखकर बेहद मार्मिक कविता लिखी थी. कविता शेयर करते हुए एक्टर ने लिखा था कि, 'मरघट का शहंशाह” लेखन: @ajax.singh, उसकी ख़्वाहिशों की तो कोई इंतेहा ही न थी, वो ऊँचे से ऊँचे मक़ामों पर बढ़ता गया, लाशों की सीढ़ियाँ चढ़ता गया, खुदा कहलाने का शौक था, जिसे मरघट का मसीहा बन के रह गया. तुम पत्थर की कब्रें बनाना बंद करो, वो मंच समझकर चढ़ जायेगा, फिर शुरू कर देगा भाषण, ये सोचकर कोई न कोई मुर्दा तो ज़रूर सुनने आएगा. जिसने दिन रात बस ज़हर घोला हो हवा में, क्यूँ उम्मीद करते हो, तुम्हारे लिए ऑक्सीजन लायेगा. शमशानों कब्रिस्तानों में कम्पटीशन करानेवाला, क्या ख़ाक तुम्हारे लिए हॉस्पिटल बनवायेगा. ऐसा न समझो कि उसे तुमसे मोहब्बत नहीं, या तुम्हारे ज़िंदा रहने में उसे कोई इंटरेस्ट नहीं, बस उससे कुछ कहो मत, सुनते रहो फिर देख लेना मियाँ, ज़िन्दों की तो क्या ही कहो, वो बहुत जल्द मुर्दों से भी वोट डलवाएगा.'
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