रियलिटी शो सेलेब्रिटी आशुतोष कौशिक ने "भूलने के अधिकार" का दावा करते हुए गुरुवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से केंद्र और Google को निर्देश देने की मांग की है कि उनके कुछ वीडियो, फोटो और लिखे गए आर्टिकल्स को विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफार्मों से हटा दिए जाएं क्योंकि उनका उनके जीवन पर "हानिकारक प्रभाव" है.
न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने नोटिस जारी किया और सूचना और प्रसारण मंत्रालय, Google, भारतीय प्रेस परिषद और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया निगरानी केंद्र से उस याचिका का जवाब देने को कहा, जिसमें कहा गया था कि याचिकाकर्ता "निजता के अधिकार" और "भूलने के अधिकार" की मांग करता है. अदालत ने अधिकारियों से चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा और मामले को आगे की सुनवाई के लिए दिसंबर में सूचीबद्ध किया है.
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2007 में एमटीवी हीरो होंडा रोडीज 5.0 और 2008 में बिग बॉस का दूसरा सीजन जीतने वाले आशुतोष कौशिक ने केंद्र से उनके वीडियो, फोटो और अन्य संबंधित कंटेंट को हटाकर उनकी प्रतिष्ठा और गरिमा की रक्षा के लिए तत्काल कदम उठाने का निर्देश देने की मांग की है. उनके मुताबिक, यह उनके जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता को प्रभावित कर रहे हैं.
कौशिक के मामले को देख रहे अधिवक्ता अमित जॉर्ज ने कहा कि जब भी उनका नाम इंटरनेट पर खोजा जाता है, तो उनके पिछले जीवन से संबंधित तस्वीरें गूगल सहित विभिन्न सर्च इंजन पर दिखाई जाती हैं. ऐसे में उन्होंने अदालत से आग्रह किया कि इस तरह के सभी पोस्ट, वीडियो और फ़ोटो को हटाने का निर्देश दिया जाए. जबकि दूसरी ओर गूगल की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद निगम ने कहा कि भूलने का अधिकार अभी देश में कानून नहीं है.
अधिवक्ताओं अक्षत बाजपेयी, इशानी शर्मा और श्रेया गुप्ता के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है, ‘‘हालांकि, सिल्वर स्क्रीन उद्योग में उत्कृष्ट सफलता प्राप्त करने के बावजूद, याचिकाकर्ता को गहरी पीड़ा के साथ अपने छोटे-मोटे कृत्यों के लिए अत्यधिक मनोवैज्ञानिक पीड़ा झेलनी पड़ी है, जो एक दशक पहले गलती से हुए थे क्योंकि रिकॉर्ड किए गए वीडियो, फोटो, उससे जुड़े लेख विभिन्न सर्च इंजन या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं.’’
आपको बता दें कि आशुतोष की यह तस्वीरें, वीडियो और लेख 2009 में शराब पीकर गाड़ी चलाने के कथित अपराध के लिए हिरासत में लिए जाने से संबंधित हैं. जिसके लिए अब उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
(Source: bar and bench)