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नेशनल अवॉर्ड विनर एस मोहिंदर का हुआ निधन, लता मंगेशकर ने जताया दुःख 

6 सितंबर को संगीतकार एस मोहिंदर का मुंबई में अपने ओशिवारा निवास पर दिल का दौरा पड़ने के बाद निधन हो गया. मोहिंदर को पंजाबी फिल्म 'नानक नाम जहाज है (1969) के लिए सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक की केटेगरी में राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. 

भारतरत्न गायिका लता मंगेशकर ने उनके निधन पर दुःख जताया है. उन्होंने मोहिंदर को 'एक बहुत अच्छा संगीत निर्देशक और सज्जन व्यक्ति' बताते हुए लिखा, आज बहुत अच्छे संगीतकार एस मोहिंदर जी का स्वर्गवास हुआ. ये सुनकर मुझे बहुत दुःख हुआ. वो बहुत शरीफ और नेक इंसान थे. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें. 

 

 

 मोहिंदर की बेटी नरेन चोपड़ा ने बताया, 'जब मेरे पिता ने पुरस्कार जीता, तो सबसे पहले उन्हें बधाई देने वाले एस.डी. बर्मन थे, जिनकी आराधना भी इसी पुरस्कार के लिए स्पर्धा कर रही थी.  नरेन ने आगे बताया, 'एस. मोहिंदर का पूरा नाम मोहिंदर सिंह सरना था. उनका जन्म मोंटोगोमेरी जिले (अब साहिवाल, पाकिस्तान) में हुआ, विभाजन के दंगों से उन्होंने जान बचाई. लाहौर रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर एक कुली ने उन्हें बताया कि दंगे बढ़ गए है और उन्हें जीवित रहने के लिए ट्रेन पकड़कर बंबई जाना चाहिए. वह दादर के एक गुरुद्वारे में रहे और उन्होंने बाद में एक रागी (संगीतकार जो गुरबा गाते थे) के रूप में भी काम किया. उन्हें प्रति सप्ताह 10 रुपये का भुगतान किया जाता था. 

नरेन आगे कहती है, 'पिता का  फिल्मी करियर सेहरा (1948) से शुरू हुआ और तीन दशकों तक चला. उन्हें सुरैया, के आसिफ, एस मुखर्जी, मधुबाला जैसे कई लोगों ने मदद की. वह मधुबाला के परिवार और पृथ्वीराज कपूर के करीब थे.  मोहिंदर की धुनों में अक्सर पंजाब का स्वाद होता था. मोहिंदर की आखिरी फिल्म दहेज (1981) थी. अस्सी के दशक में मोहिंदर न्यूयॉर्क में बस गए और वह 2013 में मुंबई वापिस आ गए थे. 

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