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किताबें पढ़ते हुए पत्नी, बच्चों और कुत्ते के साथ घिरे रहने से बेहतर कुछ नहीं- सैफ अली खान 

लगभग एक महीना पटौदी पैलेस में गुजारने के बाद सैफ अली खान पत्नी करीना कपूर खान और बेटे तैमूर के साथ मुंबई अपार्टमेंट लौट आये हैं. एक लीडिंग वेबसाइट से बातचीत में सैफ ने भविष्य में करीना और बच्चों के साथ पटौदी पैलेस में रहने और परिवार में नए सदस्य के आने पर बात की. 

करीना और बच्चों के साथ पटौदी पैलेस में सेटल होने के सवाल पर मुंबई मिरर से बातचीत में सैफ ने कहा, 'मैं कर सकता हूं और यह बहुत अच्छा जीवन होगा. मैं वहां स्विमिंग करूंगा, खाना पकाऊंगा, किताब पढूंगा, गार्डनिंग करूंगा. परिवार के करीब रहूंगा. कभी कभार दोस्त आ जाया करेंगे. यह वो है जो मैं लंबे समय से कर रहा हूं. मुंबई में भी एक अपार्टमेंट है. काम के लिए हम वहां जा सकते है. बस कुछ अच्छे स्कूल्ज की जरुरत है. सैफ ने आगे कहा, पटौदी ट्रस्ट पहले से वहां है और ट्रस्ट की बहुत सारी जमीन स्थानीय किसानों को दी गई है. “यह पहले से ही कुछ चेरिटेबल इनिशिएटिव जैसे लड़कियों के लिए शिक्षा और एसिड अटैक सर्वाइवर्स की मदद करता है. मैं और मेरी मां इसे और विकसित करने के लिए काम कर रहे हैं. आसपास रहने वाले लोगों के लिए और ज्यादा काम कर रहे हैं.

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चौथे बच्चे के आने पर बात करते हुए सैफ ने कहा, 'अमेजिंग, मैं इंतजार नहीं कर सकता. बच्चों को बड़ा करने की यह सही उम्र है. जब आप यंग होते हो तो आप अपने लिए और अपने करियर के लिए ज्यादा कंसर्न्ड होते हो. जब आप सेटल होते हो तब आपके पास प्यार के अलावा भरपूर समय होता है और मेरे लिए अपने घर में जागने और पत्नी, बच्चों और कुत्ते के साथ बेड पर किताबें पढ़ते हुए रविवार गुजारने से बेहतर कुछ नहीं है. 

ऐसी भी खबर थी कि सैफ ने एक होटल चैन से उसे दोबारा 800 करोड़ रुपये में खरीद लिया है. इसको लेकर इंटरव्यू में अभिनेता ने कहा कि यह जो मूल्य बताई जा रही है, यह बिल्कुल गलत सूचना है. 'मौद्रिक शब्दों में इसका मूल्य लगाना नामुमकीन है क्योंकि भावनात्मक रूप से यह संपत्ति अमूल्य है. मेरे दादा-दादी और पिता को वहां दफनाया गया है, वहां की सुरक्षा, शांति और मेरे लिए एक आध्यात्मिक संबंध है.'

सैफ ने आगे कहा, 'मेरे दादा ने दादी के लिए यह महल 100 साल पहले बनवाया था. वह उस समय के शासक सम्राट थे, लेकिन बाद में यह खिताब समाप्त कर दिए गए. वह अलग-अलग समय था इसलिए मेरे पिता ने उसे किराए पर दे दिया. फ्रांसिस (Wacziarg) और अमन (नाथ),  जिन्होंने महल में एक होटल चलाया, संपत्ति की अच्छी देखभाल की और वह परिवार की तरह थे. मेरी मां (शर्मिला टैगोर) के पास यहां पर एक कॉटेज है और वह बड़े ही आराम से रहती हैं. संपत्ति नीमराना होटल्स को लीज पर दी गई थी, लेकिन पिता की मृत्यु के बाद मैंने इसे वापस लेने की इच्छा महसूस की. तो जब मुझे मौका मिला, तो मैंने लीज को खत्म कर दिया, उसे पैसे दिए और घर का कब्जा वापस ले लिया.'

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