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जाने-माने गजल गायक और प्लेबैक सिंगर भूपिंदर सिंह का मुंबई में निधन, देर रात मुंबई के ओशिवारा शमशान में हुआ अंतिम संस्कार 

 

जाने-माने गजल गायक और प्लेबैक सिंगर भूपिंदर सिंह का कल मुंबई में निधन हो गया और देर रात ही उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। 82 साल के भूपिंदर ने 70 और 80 के दशक में हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को कई हिट गाने दिए, जो आज भी सभी के जुबान पर हैं । भूपेंद्र सिंह ने बॉलीवुड को अपनी रूहानी आवाज़ में के कई हिट सांग दिए हैं।  दिल ढूंढ़ता है फिर वही’, ‘एक अकेला इस शहर’, ‘किसी नजर को तेरा इंतजार आज भी है’, ‘होके मजबूर मुझे उसने भुलाया होगा’,  जैसे ग़ज़लो को  अपनी आवाज़ देकर भूपेंद्र सिंह ने इन नज़म को अमर कर दिया है। उनके गाए गीतों ने संगीत की दुनिया में एक अलग मुकाम बनाया है। 

भूपिंदर सिंह Corona से संक्रमित थे और कई दिनों से अस्पताल में भर्ती थे। Corona से पीड़ित होने के कारण ही उनका अंतिम संस्कार देर रात करीब साढ़े 11 बजे कर दिया गया। न्यूज़ एजेंसी ANI के मुताबिक भूपिंदर सिंह का पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए मुंबई के ओशिवरा श्मशान घाट लाया गया। Corona के कारण ही उनके बेटे निहाल सिंह ने रात में ही पिता का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
भूपिंदर सिंह (Bhupinder Singh) की पत्नी ने बताया था कि पिछले काफी दिनों से भूपिंदर सिंह बिमार चल रहे थे और लगभग 9 दिन पहले ही उन्हें मुंबई के क्रिटिकेयर एशिया अस्पताल में एडमिट हुए थे। इलाज के दौरान बीते दिनों उनकी तबियत ज्यादा खराब हो गई और सोमवार शाम 7:45 बजे उनका निधन हो गया। उनकी पत्नी ने ट्वीट कर इस बात की जानकरी दी।

भूपेंद्र ने अपने करियर की शुरुआत  आकाशवाणी में गायन की प्रस्तुति करके दी थी। भूपिंदर ग़ज़ल गायिकी के अलावा वायलिन और गिटार बजाने में भी महारत रखते थे । संगीतकार मदन मोहन ने भूपेंद्र सिंह को फिल्म ‘हकीकत’ में मौका दिया, इसमें उन्होंने मोहम्मद रफी के साथ जुगलबंदी में  ‘होके मजबूर मुझे उसने भुलाया होगा’ गाने में अपनी गायिकी का हुनर दिखाया था। यह गाना उस दौर का सुपरहिट गीत साबित हुआ था।  हालांकि  भूपेंद्र को असल पहचान गुलज़ारके लिखे  गाने ‘वो जो शहर था’ से मिली। 

इन फिल्मों में की एक्टिंग
भूपेंद्र सिंह ने एक इंटरव्यू में बताया था कि कैसे डायरेक्टर ने उनसे दो फिल्मों में गाने के साथ एक्टिंग भी करवा ली थी। उन्होंने बताया था कि मैंने कभी फिल्मों में 'एक्टिंग' करूं, यह बात मेरे ज़ेहन में कभी आई नहीं थी, मैं तो बस यहां गाने के लिए आया था, पता नहीं चेतन जी को मुझमें क्या दिखाई दिया, मेरा गाना जिसकी प्लेबैक सिंगिंग मैं ने की थी, ये फिल्म थी हकीकत, वहीं एक और फिल्म उन्होंने एक्टिंग की थी, ये मूवी थी आखिरी खत।  
भूपेंद्र सिंह ने आज यानि 18 जुलाई को 82 वर्ष की उम्र में इस दुनिया से अंतिम विदाई ली है। उनके इस तरह चले जाने से संगीत जगत को बड़ा नुकसान हुआ है।  
 

 

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