जीवन में कड़ी मेहनत करके और सब्जियाँ बेचकर देश और दुनिया में रेस्टोरेंट चेन का मालिक बना एक दक्षिण भारतीय अरबपति बिज़नेसमैन एक ज्योतिषी के चक्कर में ऐसा फँसा कि उसने अपना जीवन ही तबाह कर लिया। ज्योतिषी की सलाह पर एक लड़की जीवाज्योति से शादी करके उसे अपनी तीसरी पत्नी बनाने के लिये ऐसा दीवाना हुआ कि अपराधी बन गया और उस लड़की के पति की हत्या करके जेल पहुँच गया। अब उसी जीवाज्योति की ज़िन्दगी पर राज़ी और तलवार फिल्म बनाने वाले कंपनी जंगली पिक्चर फिल्म बनाने जा रही है। जिसका निर्देशन दक्षिण भारत की सुपरहिट फिल्म जय भीम के निर्देशक टी जे गणनावेल करेंगे।
फिल्म जय भीम के निर्देशक टी जे गणनावेल 'डोसा किंग' के नाम से बनने वाली इस फिल्म से बॉलीवुड में अपना डेब्यू करेंगे। साल 1981 में जब राजगोपाल अपना कारोबार शुरू करने उतरे थे तो शायद ही किसी ने सोचा होगा कि एक दिन सर्वणा भवन दुनिया की एक बड़ी रेस्तरां चेन बन जाएगा। वहीं एक दिन ऐसा भी आएगा जब डोसा किंग के नाम से मशहूर सर्वणा भवन के मालिक पी राजगोपाल को उम्र कैद की सजा होगी। और इस सजा के बाद उसकी असमय मौत हो जाएगी।
We are delighted to partner with the critically acclaimed director, TJ Gnanavel on our upcoming epic thriller drama, Dosa King!
Excited for this creative association as we bring this extraordinary story of Jeevajothi Santhakumar vs The Dosa King. #DosaKing @tjgnan pic.twitter.com/AixiHqvk6k— Junglee Pictures (@JungleePictures) July 25, 2022
पी राजगोपाल पर एक ऐसे आदमी की हत्या करवाने का आरोप था जिसकी पत्नी से वह खुद शादी करना चाहता था। यह मामला साल 90 के दशक में शुरू हुआ। उस वक्त पी राजगोपाल का एक कर्मचारी रामास्वामी अपने परिवार के साथ चेन्नई में शिफ्ट हुआ था। रामास्वामी के परिवार में उसकी पत्नी, बेटी और बेटा था। अपने बेटे की गणित पढ़ाई के लिए रामास्वामी ने संथाकुमार नाम के एक शिक्षक को रखा, जिसे बाद में उसकी बेटी जीवज्योति से प्यार हो गया। लेकिन परिवार इस शादी के खिलाफ रहा क्योंकि संथाकुमार ईसाई था।
परिवार की नाराजगी के बावजूद प्रेमी युगल ने अप्रैल 1999 में शादी कर ली। कुछ महीनों बाद शादीशुदा जोड़े ने ट्रैवल एजेंसी शुरू करने के लिए पी राजगोपाल से मदद मांगी। लेकिन उस वक्त तक राजगोपाल पर जीवज्योति से शादी करने का जुनून सवार हो चुका था। कहा जाता है कि एक भविष्यवक्ता की सलाह मानते हुए राजगोपाल 20 साल की जीवज्योति को अपनी तीसरी पत्नी बनाना चाहता था। लेकिन जब तमाम कोशिशों के बाद बात नहीं बनी तो राजगोपाल ने संथाकुमार की हत्या करवा दी।
2001 में निचली अदालत में पी राजगोपाल को संथाकुमार का अपहरण और बाद में हत्या का दोषी पाया गया। 2009 में मद्रास हाईकोर्ट ने राजगोपाल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके पहले हत्या में शामिल राजगोपाल के पांच अन्य साथियों को 10 दस साल कारावास की सजा सुनाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में डोसा किंग पी राजगोपाल की आजीवन कारावास की सजा को बरकरार को रखते हुए 7 जुलाई तक आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया था। राजगोपाल ने सरेंडर कर दिया। 13 जुलाई को राजगोपाल को हार्ट अटैक के चलते अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जहां उसकी मौत हो गई।
शाकाहारी भोजन परोसने वाले सवर्णा भवन के आज दुनिया के 21 देशों में 80 से भी ज्यादा रेस्तरां चलते हैं। अब राजगोपाल के दोनों बेटे पीआर शिवकुमार और आर सरवनन अधिकतर कारोबार संभालते हैं। राजगोपाल का जन्म साल 1947 में तमिलनाडु के एक गांव में हुआ था। अपना स्वयं का कारोबार शुरू करने से पहले राजगोपाल चेन्नई के एक किराने की दुकान में काम करते थे। लेकिन जब उन्हें महसूस हुआ कि शहर में अच्छे फास्ट फूड की मांग है तो उन्होंने छोटे से रेस्तरां के रूप में सवर्णा भवन को शुरू किया। अपनी आत्मकथा में राजगोपाल ने लिखा है कि डोसा, इडली और तरह-तरह की चटनी के सीमित मेन्यू के चलते उनके कारोबार ने बहुत तेजी से वृद्धि की। रेस्तरां चेन में तकरीबन आठ हजार लोग काम करते हैं और साल 2017 में कंपनी का कुल राजस्व तकरीबन 1 करोड़ डॉलर का था।