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Mother's Day Exclusive: किशोरी शहाणे ने बेटे बॉबी विज के टैलेंट को हमेशा किया है प्रोत्साहित, कहा- 'वह हमारे सपने पूरे करने के लिए नहीं है, उनकी भी ख्वाहिशें होती है'

मदर्स डे के रूप में देश भर में मां के प्यार और त्याग का जश्न मनाया जाता है. ऐसे में वर्किंग मॉम जो काम के साथ-साथ अपने बच्चों को बड़ा करने में अपना पूरा जीवन लगा देती हैं, उनकी जितनी तारीफ की जाए वो कम है. इस खास दिन के मौके पर PeepingMoon.com ने ऐसी ही वर्किंग मॉम एक्ट्रेस, प्रोड्यूसर और डांसर किशोरी शहाणे से उनके सभी अनुभव के बारे में खुलकर बात की है. 

प्र: एक वर्किंग मॉम होने को आप कितना मुश्किल किरदार समझती हैं?

--मेरे मम्मी डैडी ने मुझे बड़ा किया, और जो यह शिक्षा मेहनत करने की और डिसिप्लिन कि मुझे मिली वह बड़े होने के बाद मैं भी अपने बच्चों को देना चाहती थी, ताकि वह अपनी जिंदगी में कामयाबी हासिल कर पाए. तो एक वर्किंग वुमन होने के नाते यह सारी चीजें में अपने बच्चे को कैसे सिखाऊं, मेरा बेटा है बॉबी विज और जैसे कि मैं बहुत बिजी रहती हूं तो मेरा यह सोचना था कि मैं ये सारे गुण उसमें कैसे डालूं. तो इस तरह से उसके जन्म के बाद मैंने फैसला किया कि मैं सबसे पहले प्रायरिटी उसे दूंगी. तो 4 साल की उम्र तक के बच्चों का दिमाग डिवेलप होता है जो आदतें वह सीखते हैं वह उनके साथ जिंदगी भर रहती है.

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मैं अपने बच्चे के जन्म के बाद वॉकिंग मां रही थी, लेकिन मैंने उसके साथ सबसे ज्यादा समय बिताया था. इस तरह से मैंने 4 साल तक लगातार कोई सीरियल या फिर कोई और काम नहीं किया था. ऐसे बहुत सारा समय बिताने के बाद उसे मैंने इतना काबिल बनाया कि वह अपना खाना खुद खा सके अपनी पढ़ाई कर सके. तो यह सारी चीजें बहुत जरूरी है. जब वह स्कूल में था तब मैंने फिल्में वगैरह या फिर आउटडोर शूट, सभी छोड़ दिए थे. तब मैं बस सीरियल्स कर रही थी, क्योंकि वह मुंबई में हुआ करती थी. उसकी परवरिश अच्छी हो इसलिए मैंने फैसला किया था कि मैं आउटडोर शूट करूंगी ही नहीं.

मेरे पति भी डायरेक्टर प्रोड्यूसर है तो वह भी इतने ही बिजी रहा करते थे, तो इस तरह से किसी एक को तो समय देना ही था. मेरा बेटा जब छोटा था तब वह दिन 4 साल की उम्र में यह पृथ्वी थियेटर के जो बच्चों के लिए वर्कशॉप हुआ करते थे वहां जाया करता था उसे बचपन से ही एक्टिंग का जुनून है. माता-पिता को देखकर बच्चे सीखते हैं और उसने भी वही किया, उसने मेहनत बहुत की है, थिएटर भी किया है. जब, वह छोटा था तब उसे देख लगता था कि उसे इस चीज के लिए कास्ट जरूर करना चाहिए. अब जब वह बड़ा हो गया है तो उसने अपनी मेहनत से मिस्टर इंडिया का खिताब अपने नाम किया है.

प्र: आपके बेटे के बड़े होने के बाद अब उनके साथ कैसा है आपका रिश्ता?

-- दोस्त की तरह, मैं एक फ्रेंड हूं उसकी और मैं चाहती हूं कि वह अपना हर सीक्रेट किसी और को बताने से पहले मुझे बताएं. तो इस तरह से शायद पापा से वह कोई चीज ना शेयर करें लेकिन मेरे साथ जरूर करता है. वह मेरे साथ अपने प्रोफेशनल, पर्सनल और कैरियर से रिलेटेड अप्स एंड डाउन्स के बारे में सारी चीजें शेयर करता है. मैं उसे हमेशा से स्पेस देती हूं, कभी उसकी किसी बात को दबाती ही नहीं हूं.

क्योंकि माता पिता के रूप में हमारी जिम्मेदारी है उन्हें गाइड करना, अगर उनके दिमाग में कुछ चल रहा है तो उन्हें करने दे क्योंकि वह हमारे सपने पूरे करने के लिए नहीं है.  उनके भी सपने होते हैं ख्वाहिशें होती है जो उन्हें पूरी करने देनी चाहिए. जैसे कि हमें ऐक्टर बनने का शौक था वैसे ही उसे भी है.

प्र: भले ही बच्चे बड़े हो जाए लेकिन उन्हें मां की जरूरत हमेशा रहती है, तो क्या आपके बेटे की तरफ से आपको कभी ऐसी कंप्लेन मिली है कि आप हमेशा बिजी रहती हैं?

--इन सभी चीजों की जरूरत बचपन में होती है और मैंने हमेशा स्कूल में होने वाले टीचर पेरेंट्स मीटिंग में हिस्सा लिया या फिर स्कूल में होने वाले हर फंक्शन में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है. वह स्पोर्ट्सविले के हर चीज में हमेशा अव्वल रहा करता था, मैं हमेशा अपने काम से समय निकालकर उसके लिए जरूर जाया करती थी.

उसके स्कूल के दिनों में खास करके नाइंथ और टेन स्टैंडर्ड में मैंने रात रात में उसके साथ जाग कर उसके प्रोजेक्ट्स पूरे किए हैं. लेकिन फिलहाल की बात करें तो वह आप सभी चीजें आसान हो गई है आप वीडियो कॉल करके अपने बच्चों के साथ कनेक्ट रह सकते हैं जैसे कि मैं फिलहाल गोवा में शूट कर रही हूं और मेरा बेटा मुंबई में है.

प्र: आपके बेटे से जुड़ी कोई ऐसी बात जिसे आप हमेशा जीवन भर अपने दिल में रखना चाहती हैं?

--बॉबी ने जब मिस्टर ग्लैडरैग्स मैनहंट जीता उस याद को मैं हमेशा अपने पास रखना चाहूंगी. उस समय उसने बहुत मेहनत की थी उसने अपने दम पर इस कॉम्पिटिशन को जीता है. कॉम्पिटिशन के दौरान उसे 3 दिन पहले टाइफाइड का पता चला था, लेकिन उसने अपनी हार नहीं मानी और उस टाइटल को अपने नाम किया. वो पल मेरे लिए बहुत प्रेशियस है. उसने यह मुकाम अपनी मेहनत से पाया है और इसे जीतकर उसने साबित कर दिया कि वह मेहनती है और उसमे काबिलियत है.

प्र: आने वाले दिनों में कोई प्रोजेक्ट या फिर कोई ऐसी प्लानिंग है जिसमें आप दोनों एक साथ स्क्रीन शेयर करते हुए नजर आने वाले हैं ?
--हां मुझे लग रहा है कि जो स्क्रिप्ट लिख रहे हैं दीपक जी जिसका नाम भाग दिल्ली भाग है, जिसमें बॉबी विज के लिए एक टपोरी लवर का किरदार उन्होंने लिखा है. मेरा भी रोल उसने कुछ ना कुछ निकल ही आएगा, कुछ ना कुछ कर, मैं ढूंढ ही लुंगी. तो मेरे ख्याल से हम तीनों इस प्रोजेक्ट में एक साथ बहुत जल्द नजर आएंगे.

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