यंग और टैलेंटेड एक्ट्रेस संचिता पुरी ने अपने करियर के शुरुआती दौर में ही कई एडवरटाइजमेंट, वेब शोज, टीवी शो, शॉर्ट फिल्म्स में काम कर लिया है. संचिता को Zee5 के शो 'द फाइनल कॉल' में अंजलि और ALTBalaji के वेब शो Baarish के आरज़ू के किरदार काफी तारीफ मिली थी. वहीं संचिता जल्द ही अपने बॉलीवुड डेब्यू के लिए भी तैयार हैं. संचिता को अपनी एक्टिंग के हुनर के बल पर ही नेटफ्लिक्स की फिल्म 'गिन्नी वेड्स सनी' में यामी गौतम और विक्रांत मैसी के साथ काम करने का मौका मिला है. अपने बॉलीवुड डेब्यु को लेकर संचिता बहुत एक्साइटेड है. फिल्म में संचिता, गिन्नी यानी यामी गौतम की बेस्ट फ्रेंड के किरदार में नजर आएंगी. संचिता नहीं पीपिंगमून के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत की है. बातचीत के दौरान एक्ट्रेस ने बताया कि उन्हें अपना बॉलीवुड में पहला ब्रेक कैसे मिला साथ ही सेट से जुडे किस्से शेयर किए.
सवाल- आपने अपने एक साल के करियर में कई एडवरटाइजमेंट, वेब शोज, टीवी शो, शॉर्ट फिल्म्स में काम किया है. अब आप बॉलीवुड में भी एंट्री मारने वाली है. कैसे मिली फिल्म 'गिन्नी वेड्स सनी' ?
जवाब- बीते 1 साल से मैं जमकर ऑडिशंस दे रही हूं. इसी दौरान मुझे वेब शोज 'द फाइनल कॉल' और 'बारिश' मिला था. मैंने अभी तक जितनी भी कैरेक्टर किए उनसे मुझे हमेशा कुछ ना कुछ एक्सपीरियंस करने को मिला है. मुझे मेरे ऑडिशन के जरिए ही सारे किरदार मिले हैं. यह फिल्म भी मुझे ऑडिशन के जरिए ही मिली थी. फिल्म के प्रोडक्शन के जो कास्टिंग डायरेक्टर थे, वह मुझे किसी और ऑडिशन पर मिले थे, तो उन्होंने मेरा काम देख कर मुझे फिल्म के ऑडिशन के लिए बुलाया. फिर मैंने अपने किरदार के लिए ऑडिशन दिया और डायरेक्टर को बहुत पसंद आया तो इस तरह मेरा सेलेक्शन हो गया. 1 साल से मैंने अपना पूरा ध्यान सिर्फ और सिर्फ ऑडिशन पर लगाया. जिसके जरिए मुझे कई अच्छे किरदार निभाने का मौका मिला है.
सवाल- आपकी डेब्यू फिल्म 'गिन्नी वेड्स सनी' में आपका किरदार कैसा है ?
जवाब- फिल्मी मेरा बहुत ही इंपॉर्टेंट रोल है. फिल्मी में गिन्नी (यामी गौतम) की सबसे करीबी दोस्त का किरदार निभा रही हूं. यह फ्रेंड उसकी फैमिली मेंबर की तरह ही है. मेरा कैरेक्टर एक स्ट्रांग गर्ल का है. गिन्नी थोड़ी कंफ्यूज रहती है तो मैं हर मौके पर अपनी दोस्त की मदद करती हूं. जैसे होता है ना कि दोस्तों को अपनी दोस्त की हर एक छोटी छोटी बात पता होती है, तो फिल्म में भी ऐसा ही है कि...गिन्नी क्या सोचती है क्या करती है किस चीज को लेकर उसको डाउट है, क्या करना चाहती है तो उसकी हर छोटी-छोटी बातें सिर्फ मैं जानती हूं. यह फैमिली बैकग्राउंड की फिल्म है. यह रोम-कॉम फिल्म देख कर आपको मजा आने वाला है.
सवाल- विक्रांत मैसी और यामी गौतम के साथ काम करने का एक्सपीरियंस कैसा रहा. सेट पर कैसा रहता था माहौल ?
जवाब- सेट पर बहुत ही खुशनुमा माहौल होता था. विक्रांत मैसी और यामी गौतम दोनों इतने हंबल थे की फील ही नहीं होता था कि वह सीनियर है. सही कहूं तो मस्ती मस्ती में पूरी फिल्म की शूटिंग हो गई पता ही नहीं चला कि फिल्म की शूटिंग कब शुरू हुई और कब खत्म हो गई. माइंड पर ऐसा कोई प्रेशर नहीं था सब एकदम कूल था. हमारे डायरेक्टर पुनीत खन्ना सर वह खुद इतनी पॉजिटिव है कि उन्होंने सेट पर भी माहौल एकदम पॉजिटिव रखा. तो हमारी सेट का काफी अच्छा माहौल था शूटिंग करते हुए बहुत मजा आया.
सवाल- सेट का कोई यादगार किस्सा ?
जवाब- हां एक किस्सा बहुत ही मजेदार है मेरा और यामी गौतम का. हम एक गाना शूट कर रहे थे. हाईवे पर ड्राइव करने का सीन था. तो सीन कुछ ऐसा था कि यामी को कार की छत से ऊपर निकलना था और दोनों हाथ फैलाते हुए हवा को फील करना था. यह सीन करते हुए काफी दिक्कत आ रही थी हमारे डायरेक्टर लगातार इस सीन को एकदम परफेक्ट तरीके से करने की कोशिश कर रहे थे. लेकिन ड्राइवर ठीक से ड्राइव नहीं कर रहा था...तो सीन में कहीं ना कहीं कुछ दिक्कत है आ रही थी. फिर पुनीत सर को पता था कि मैं ड्राइव कर लेती हूं तो उन्होंने मुझसे बोला कि तुम ड्राइव कर लो. फिर मैंने हंसते हुए पूछा कि मैं सीन में आऊंगी तो मैं ड्राइव करूंगी. फिर पुनीत सर ने बोला कि वह हम देखते हैं कि तुम आओगी ना या नहीं आओगी दूर से तो दिखोगी पक्का. फिर मैंने ड्राइव किया, उसके बाद यामी ने यह सीन अच्छे से किया और वह बहुत खुश थी कि मैंने जब ड्राइव किया तो कोई भी झटका नहीं आया और आराम से सीन हो गया. तो उस दौरान मौजूद सभी लोग खुश थे कि तुमने अच्छे से ड्राइव किया क्योंकि यह सीन करने में पूरी टीम कई घंटों से लगी हुई थी. पर सीन पूरा नहीं हो रहा था फिर मुझे जैसे-जैसे इंस्ट्रक्टशन्स मिले मैंने उस हिसाब से कार की स्पीड को कम और ज्यादा किया और बहुत ही सही तरीके से यामी ने यह सीन पूरा कर दिया था. यामी ने बाद में मुझे थैंक्यू भी बोला. तो वहीं पुनीत सर ने बोला कि आगे कभी भी मुझे इस तरह का कोई सीन करने की जरूरत होगी तो मैं तुम्हें ही बुलाऊंगा. इस सीन को शूट करने के दौरान विक्रांत मेरे बगल में बैठे हुए थे. वह भी बोले की तुम्हारी वजह से सीन बहुत अच्छे से हो पाया.
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- आप थिएटर बैकग्राउंड से आई है. एक एक्टर के तौर पर थिएटर करने से क्या फायदा होता है.
जवाब- मुझे शुरू से था कि मुझे एक्टिंग में आना है तो पूरी तैयारी के साथ आना है. थिएटर से फायदा होता है कि आपकी बॉडी लैंग्वेज और एक्सप्रेशंस बहुत सही तरीके से करने आ जाते हैं. लेकिन हां जब आप रियल में कैमरा फेस करते हैं तब आपको यह लगता है कि जो आपने थिएटर में किया था वह थोड़ा लाउड था, कैमरे के सामने की एक्टिंग अलग है और थियेटर्स की अलग. थिएटर में आपको पूरा टाइम मिलता है आपको अपना एक कैरेक्टर डेवलप करना होता है. एक प्ले करने के लिए बहुत टाइम जाता है इसलिए मैंने कम ही प्ले किए हैं. लेकिन मेरा मैन फोकस था कि मुझे हर चीज समझ नहीं है अपने आप को बहुत बेहतर बनाना है. तो छोटी से छोटी चीज भी समझने के लिए मैंने थिएटर जॉइन किया था. पर हां थिएटर के बाद जब में कैमरे के सामने आई तो मुझे समझ आया कि मेरी आवाज बहुत लाउड है मेरे एक्सप्रेशन लाउड है. फिर मुझे दोनों में फर्क समझ आया की थिएटर के सामने ऐसे परफॉर्म करना है और कैमरे के सामने ऐसे परफॉर्म करना है. कैमरा आपका एक-एक छोटा मूवमेंट कैप्चर कर लेता है. लेकिन थिएटर में खुलकर एक्टिंग करते हो. तो थिएटर करने से आपके मन का डर चला जाता आप अपने आप को खोल कर रख देते हो. तो पहले थिएटर करना हेल्पफुल तो होता है, और अपनी एक्टिंग स्किल्स को टाइम टू टाइम अपडेट करने के लिए मैं हमेशा थिएटर करना चाहूंगी.