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Daraar: A Lockdown Story: लॉकडाउन के दौरान रिश्तों में आई खटास को 'दरार' के जरिए किया गया बयां

एक और जहां देश में कोरोना ने कोहराम मचाया हुआ है. वहीं दूसरी और कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन ने कई लोगों के कामकाज को एकदम ठप्प कर दिया है. लॉकडाउन का असर लोगों के कामकाज के अलावा सबसे ज्यादा मेंटल हेल्थ और रिश्तों पर पड़ता दिख रहा है. इसी मुद्दे पर डायरेक्टर आशिम सेन एक शॉर्ट फिल्म लेकर आए है. गिरिजा ओक और अलपेश दीक्षित स्टारर 11 मिनट की इस शॉर्ट फिल्म में लॉकडाउन के दौरान रिश्तों में आई खटास और दरारों के दर्द, उलझन को बयां किया है. 

शॉर्ट फिल्म में एक शादीशुदा कपल की कहानी है. लॉकडाउन के दौरान जहां पति का कामकाज एकदम बंद हो जाता है तो वहीं पत्नी का बिजनेस अच्छा चल रहा होता है. यहीं से रिश्तों में ईर्ष्या का जन्म हो जाता है. पति अपनी पत्नी की मेहनत की तारीफ करने के बजाए उसको ताना देता है. उसे लगता है कि औरतों के लिए काम करना आसान होता है क्योंकि वे एक महिला है, उसकी बातों में कोई भई आसानी से आ जाता है. वे अपनी चिक्नी चुपड़ी बातोंसे लोगों को फंसा लेती है. वहीं दूसरी और पत्नी को लगता है कि वे इस दौरान वे घर और बाहर दोनों मैनेज कर रही है. एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप से शुरू हुई इस लड़ाई का अंत इतना घातक हो सकता है कोई नहीं सोच सकता है. 

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वैसे सहीं कहे तो ये कहना गलत नहीं होगा की जब सब सही था हम अपने घर पर टाइम स्पेंड करने का बहाना खोजते थे. हमे लगता था कि हमारी प्रोफेशनल लाइफ की वजह से फैमिली लाइफ एंजॉय नहीं कर पा रहे पर शायद हम गलत थे क्योंकि, लोग लॉकडाउन के दौरान जितना ज्यादा अपने घरों में समय बिता रहे है, उतना ही ज्यादा लोगों के रिश्तों में उलझनें बढ़ती जा रही है. यहां तक की लॉकडाउन के बीच ऐसे काफी मामले सामने आए जब कामकाजी पति-पत्नी के बीच रिश्तों में दूरियां बढ़ गईं है. बहुत-से मामले तलाक तक पहुंच गए थे. शायद ये कहानी हर दूसरे घर की है. 

अपनी शॉर्ट फिल्म को लेकर डायरेक्टर आशिम सेन कहते हैं कि, 'लॉकडाउन ने लोगों को घर पर रहने के अलावा कोई विकल्प नहीं दिया. इस तरह भले ही लोग अपने पार्टनर के साथ ज्यादा टाइम बिता रहे हो पर इस वजह से उनके बीच बढ़ते मतभेद और वैवाहिक अस्थिरता पैदा हो रही है. मैंने महामारी के दौरान कई घरों के टूटने, ब्रेकअप्स की कहानियों को सुना है. इसी से प्रेरित होकर मैंने वास्तविकता के करीब ये कहानी बुनीं है. मेरी फिल्म 'दारार' दर्शकों को एक ऑपन एंड के साथ छोड़ देती है और दर्शक खुद जीवन के इस स्लाइस के बारे में अपने खुद के नजरिये से अपना फैसला लें सकते है.'


डायरेक्टर आगे कहते है कि, 'मुझे गिरिजा और अल्पेश जैसे शानदार कलाकारों के साथ काम करने का अवसर मिला है. मैं बहुत खुश हूं. हमने इस प्रोजेक्ट से पहले केवल उनके साथ दो रीडिंग की थी. दोनों ने हर शॉट में अपनी प्रतिभा से चार चांद लगा दिए.'

नीचे देखिये ये शॉर्ट फिल्म. 

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