फिल्म: हसीन दिलरुबा
कास्ट : तापसी पन्नू, विक्रांत मैसी, हर्षवर्धन राणे, आदित्य श्रीवास्तव और दयाशंकर पांडे
निर्देशक: विनील मैथ्यू
ओटीटी: नेटफ्लिक्स
अवधि: 2 घंटे 15 मिनट
रेटिंग: 3.5 मून्स
विनील मैथ्यू के डायरेक्शन में बनी फिल्म 'हसीन दिलरुबा' की नींव 'अमर प्रेम वही है जिसपे खून के हलके हलके से छींटे हो ताकि उसे बुरी नजर न लगे' डायलॉग पर रखी गयी है. नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई इस फिल्म में तापसी पन्नू, विक्रांत मैसी, हर्षवर्धन राणे, आदित्य श्रीवास्तव और दयाशंकर पांडे हैं, जिसकी कहानी को कनिका ढिल्लों ने लिखा है.
हसीन दिलरुबा की कहानी हमें रानी कश्यप (तापसी) और ऋषभ सक्सेना (विक्रांत मैसी) उर्फ रिशु की यात्रा से रूबरू कराती है. फिल्म में रानी और रिशु दोनों बेहद अलग सोच रखने वाले एक ही सिक्के के दो अलग-अलग पहलू हैं. जहां, रानी दिल्ली की रहने वाली इंडिपेंडेंट लड़की है, वहीं रिशु ज्वालापुर नाम के एक छोटे से शहर का रहने वाला इंजीनियर होता है.
अपने सिंपल लुक की वजह से कई बार लड़कियों द्वारा रिजेक्ट हो चुके रिशु को आखिरकार रानी में अपना प्यार मिलता है, जो छोटे शहर के लड़के से शादी करने के लिए ज्यादा उत्सुक नहीं होती है. हालांकि, रिशु अपने प्यार से रानी का दिल जीत लेता है और इस तरह से दोनों शादी कर लेते हैं. शादी होते ही, चीजे बदल जाती हैं. रिशु की मां किसी आम सास की तरह रानी से उम्मीद करती है कि वह घर के सारे काम करेगी और एक 'घरेलू' बहू बनेगी. लेकिन ये बात रानी को अच्छी नहीं लगती.
सास और बहू के बीच चलने वाली लड़ाई के बीच, रानी अपने सेक्सुअल नीड्स को पूरा करने के लिए रिशु को बहकाने की कोशिश करती है, जो कोई दिलचस्पी नहीं दिखाता है. उसका इस तरह का व्यवहार उनकी नई नवेली शादी में होने वाले जूनून को प्रभावित करता है. दोनों के रिश्ते में एक और कठिन दौर तब आता है जब फिल्म में रिशु के कजिन नील (हर्षवर्धन) की एंट्री होती है. बेहद आकर्षक व्यक्तित्व वाला नील, रानी को अटेंशन, कमांड, रेस्पेक्ट और प्लेजर के साथ वह सब कुछ देता जो वह रिशु से चाहती है. जिसके बाद नील के साथ रानी का रिश्ता आगे बढ़ जाता है और वह एक दूसरे के बेहद करीब आ जाते हैं.
नील के जाने के बाद, रिशु को दोनों के रिश्ते के बारे में पता चलता है. दोनों के रिश्ते में दरार आ जाती है. इतना ही नहीं एक दिन जब रानी घर पर नहीं रहती, तब घर पर हुए एक रहस्यमय विस्फोट में रिशु की मौत हो जाती है. इस घटना में रिशु का शरीर पूरी तरह से जल चूका होता है, ऐसे में उसके हाथ पर रानी के नाम का टैटू ही एकमात्र सबूत होता है. यह मामला पुलिस के पास जाता है और फिर उसे किशोर रावत (आदित्य श्रीवास्तव) की टीम द्वारा रानी पर उसके पति की हत्या के शक के साथ सुलझाने की कोशिश की जाती है. हालांकि, मामले को सुलझाते हुए पुलिस के सामने रानी, रिशु और नील का लव ट्रायंगल सामने आता है. जिसे बेहद खूबसूरत तरीके से फिल्म में दिखाया गया है.
हल्की-फुल्की 'हसी तो फंसी' (2014) को डायरेक्ट करने वाले विनील मैथ्यू ने अपनी दूसरी फिल्म 'हसीन दिलरुबा' के साथ अपनी जबरदस्त वापसी की है. अपनी डायरेक्टोरियल डेब्यू से अलग कहानी लेते हुए उन्होंने नेटफ्लिक्स फिल्म में रोमांच और आकर्षक बनाये रखा है. उन्होंने अपनी फिल्म के किरदारों को गहराई में डूबने दिया है. यह कहना गलत नहीं होगा कि हसीन दिलरुबा एक बेहतरीन फिल्म है इसे आप बिना सोचे अपना समय दे सकते हैं.
अगर हम विनिल को फिल्म की मजबूत कड़ी मान रहे हैं, तो इस कहानी को लिखने वाली राइटर कनिका ढिल्लों इसकी जान हैं. उन्होंने किरदारों को शानदार कहानी, आकर्षक स्क्रीनप्ले और शक्तिशाली संवादों के साथ मजबूती दी है. उन्होंने बेहद खूबसूरती से हर एक चीज को छुआ है, जिसे एक महिला अलग-अलग बिंदुओं पर सहती है. जैसे भारतीय समाज में मॉडर्न और इंडिपेंडेंट महिला को 'नीच औरत' और घर का काम ना करने वाली बहू को 'गलत' कहा जाता है.
कनिका द्वारा बनाए गए किरदार में तापसी ने जान फूंकी है. यह कहना गलत नहीं होगा कि तापसी से बेहतर शायद ही कोई इस किरदार के साथ न्याय कर सकता होगा. फिल्म में उनके एक्सप्रेशन से लेकर बॉडी लैंग्वेज तक सभी चीजे बेहतरीन हैं. वहीं, बात करें विक्रांत की तो उन्होंने अपने चॉकलेट बॉय वाले इमेज से बाहर निकलकर बिलकुल अलग भूमिका निभाई है. उनका किरदार फिल्म में बिलकुल अलग और हैरान करने वाला है. फिल्म में आप इस बात के साथ टिके रहना चाहेंगे कि रिशु एक सिंपल और सीधा शख्स है, लेकिन उनकी मुस्कान उनका एक अलग पक्ष आपके सामने लेकर आती है. तापसी और विक्रांत की तुलना में हर्षवर्धन की छोटी भूमिका है, हालांकि इस चीज ने उनकी परफॉरमेंस को किसी तरह से प्रभावित नहीं किया है. नील के रूप में हर्षवर्धन काफी हॉट और डैशिंग लग रहे हैं. उन्होंने अपनी एक्टिंग और एक्सप्रेशन से सभी का ध्यान अपनी तरफ खींचा है.
आदित्य श्रीवास्तव, जिन्हें टीवी शो C.I.D में अभिजीत की भूमिका निभाने के लिए सबसे ज्यादा जाना जाता है, की छोटी लेकिन अच्छी भूमिका है. हालांकि, टैलेंटेड एक्टर दयाशंकर पांडे को सही तरह से फिल्म में इस्तेमाल नहीं किया जा सका है. थ्रिलर फिल्म में उसका म्यूजिक बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और अमित त्रिवेदी ने हसीं दिलरुबा में सराहनीय काम किया है. जयकृष्ण गुम्मादी की सिनेमैटोग्राफी शानदार है. एडिटर श्वेता वेंकट ने फिल्म की कहानी के रोमांच को बनाए रखा है.
इस वीकेंड आप कुछ बेहद हटकर और रोमांच से भरपूर देखना चाहते हैं, तो तापसी, विक्रांत, हर्षवर्धन, विनील और कनिका की यह फिल्म आपके लिए एक सही चॉइस होगी. फिल्म में आपको प्यार, झूठ, छल और साजिश का जाल देखने मिलेगा.
PeepingMoon.com हसीन दिलरुबा को 3.5 मून्स देता है.