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‘The Raikar Case’ review: अतुल कुलकर्णी, नील भूपलम, अश्विनी भावे स्टारर यह वेब सीरीज है मर्डर, मिस्ट्री और फैमिली ड्रामे से भरपूर

शो: द रायकर केस

निर्देशक: आदित्य सरपोतदार

कास्ट: अश्विनी भावे, अतुल कुलकर्णी, नील भूपलम, कुणाल करण कपूर, पारुल गुलाटी, रीना वाधवा

निराश तरुण नाइक रायकर (हनी काम्बोज) एक पहाड़ से कूदकर सुसाईड करने से पहले लगातार अपनी कजिन एताशा (पारुल गुलाटी) को फोन करता है, अपने इस बड़े कदम के लिए वह अपने परिवार को दोषी मानता है. जिसके तुरंत बाद सीन में एसपी जॉन परेरा (नील भूपलम) की एंट्री होती है, जो कहता है कि तरुण की मौत आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या है. लेकिन कम सबूत होने के कारण गोवा की इस जानी मानी लीडिंग बिज़नेस फैमिली के सभी सदस्यों को संदिग्ध की नजर से देखा जाने लगता हैं.

हर पल कहानी के आगे बढ़ने के साथ आपके मन में सवाल जरूर आएगा कि क्या सच में तरुण की हत्या हुई है कि कोई परिवार को गलत रौशनी में दिखाने की कोशिश कर रहा है. जैसे-जैसे आप आदित्य सरपोतदार की इस मर्डर मिस्ट्री को देखते हैं वैसे-वैसे आपके दिमाग में कई तरह के सवाल आते जाएंगे. हालांकि, इसका पूरा श्रेय इसे शानदार तरीके से लिखने वाले बृजेश जयराजन और अनायथा नायर को जाता है, जो आपको हर सीन के साथ जोड़े रखते हैं. कहानी में अश्विनी भावे, कुणाल करण कपूर, रीना वाधवा और ललित प्रभाकर सभी संदिग्ध हत्यारों में से एक हैं. जिसके बाद हर एक एपिसोड के साथ उनके हत्या करने के उद्देश्यों का पता चलता है. हालांकि, यह कहानी आपको बेहद गहराई तक लेकर जाएगी, जिसमे हर एक एपिसोड आपको नए चेहरे को बतौर संदिग्ध सामने लाकर खड़ा करेगा. इसी के साथ हर एपिसोड की एक सस्पेंस से भरी एंडिंग दर्शकों को उसके अगले एपिसोड का बेसब्री से इंतजार कराती है.

इस कहानी में परिवार का एक ऐसा चेहरा देखने मिलता है, जिसके बारे में शायद ही कोई सपने में भी सोचता होगा। अपना ही परिवार पॉलिटिक्स और पावर के लिए कैसे अपनों के जान का दुश्मन बन जाता है, उसी की कहानी है ये सीरीज. सीरीज में यशवंत (अतुल कुलकर्णी) और उनकी पत्नी साक्षी (अश्विनी भावे)  तरुण की मौत के बाद एक दूसरे से दूर होने लगते हैं, उन सभी के पास अपने-अपने रहस्य होते हैं, जिन्हे वह एक दूसरे से छुपाना चाहते हैं. आप हर एक किरदार के असली चेहरे को देख बिज़नेस, पॉलिटिक्स और फॅमिली लाइफ में होने वाली नैतिकता पर सवाल उठाएंगे. हालांकि, शो में सभी एक बड़े खुशहाल परिवार होने का दिखावा करते हैं, जिसे देख आपको इस कहावत पर विश्वास हो जाएगा कि हाथी के दांत खाने के कुछ और दिखाने के कुछ और होते हैं. यानी के जो दिखता है वो अक्सर सच नहीं होता.

पुराने रक्षक और नई पीढ़ी के बीच का द्विभाजन आपको साफ़ देखने मिलेगा. कहानी का रोमांच बनाए रखने के लिए उसके अंत तक आप सस्पेंस बना हुआ देखेंगे. शो में सबसे ज्यादा जो चीज हमें पसंद आई है, वो है हर एक एपिसोड के साथ रायकर परिवार असली चेहरा सामने आना.

अब सीरीज की कहानी के बाद बारी आती है कलाकारों के प्रदर्शन की, तो आपको बता दें कि शो की कास्ट ने बेहद शानदार काम किया है. वहीं, अतुल ने सबसे अच्छा प्रदर्शन करते हुए, सभी का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया है. दूसरी तरफ दो दशकों के बाद, अपना कमबैक करने वाली अनुभवी एक्ट्रेस अश्विनी ने भी कमाल की एक्टिंग की है. जबकि नील द्वारा नॉन कर्रप्ट कॉप का किरदार कहानी को मजबूत बनाता है. अन्य मजबूत प्रदर्शनों के साथ, पारुल शो में एकमात्र परिवार की सदस्य बनी हैं, जो सच की तलाश करती हैं.

आपको बता दें कि 'रायकर केस' वेब सीरीज वॉट सिलेक्ट पर स्ट्रीम हो रही है.

PeepingMoon 'द रायकर केस' को 4 मून्स देता है.

(Transcripted: Nutan Singh)

(Source: Peepingmoon)

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