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‘Bamfaad’ Review: आदित्य रावल की दमदार एक्टिंग है इस कमजोर कहानी का सहारा

फिल्म: बमफाड़
कास्ट: आदित्य रावल, शालिनी पांडे, जतिन सरना, विजय वर्मा
OTT: ZEE5
निर्देशक: रंजन चंदेल
रेटिंग्स: 3 मून्स 

दिग्गज अभिनेता परेश रावल और स्वरूप संपत रावल के बेटे आदित्य रावल ने आखिरकार ZEE5 की वेब फिल्म 'बमफाड़' से अपना ऑफिसियल बॉलीवुड डेब्यू कर दिया है. रंजन चंदेल द्वारा डायरेक्ट की गयी अनुराग कश्यप द्वारा प्रेसेंटेड इस फिल्म अर्जुन रेड्डी एक्ट्रेस शालिनी पांडे ने भी अपना बॉलीवुड डेब्यू किया है. वेब फिल्म में इन दोनों एक्टर्स अलावा जतिन सरना और विजय वर्मा भी लीड रोल में हैं.

वेब फिल्म का नाम 'बमफाड़' है, जिसका मतलब उत्तर भारत में 'अस्थिर' होता है. फिल्म की कहानी नासिर जमाल (आदित्य रावल) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो इलाहाबाद में रहने वाले एक प्रभावशाली परिवार से संबंध रखता है. वह अपने रंग में रहना वाला शख्स होता है, जिसे किसी से भी डर नहीं लगता. छोटे शहर के गलियों में मस्ती करने वाला नासिर अपने दोस्तों की हमेशा मदद करता है.

फिल्म में आगे नासिर, नीलम (शालिनी पांडे) पर निशाना सधता है. लेकिन ऐसा करते हुए उसे नीलम से प्यार हो जाता है और कुछ मुलाकातों के बाद वह उससे अपने प्यार का इजहार कर देता है. धीरे-धीरे नीलम को भी नासिर की ईमानदारी और खुद के प्रति उसके द्वारा दिया गया सम्मान अच्छा लगने लगता है. हालांकि, इस लव स्टोरी में एक बड़ा मोड़ तब आता है, जब इसमें जिगर फरीदी (विजय वर्मा) की एंट्री होती है. जिगर वही शख्स होता है नीलम जिसे नासिर से पहले प्यार करती रहती है. लेकिन जिगर अभी नीलम के साथ संबंध बनाता रहता है और उसे उसके गुजर-बसर के लिए पैसे देता रहता है. जिगर जिस तरह से नीलम के साथ शारीरिक व्यवहार करता है, उससे वह खुश नहीं रहती और उसे छोड़ रिश्ते से बाहर निकलना चाहती है.

फिल्म में 'बमफाड़' यानी अस्थिर मोड़ तब आता है, जब जिगर कई कारणों से नासिर को मारना चाहता है. जैसे ही ये खेल शुरू होता है, वैसे ही नासिर और नीलम खुद को खतरे से बचाने के लिए लखनऊ भाग जाते हैं. हालांकि, उन्हें वहां भी शांति नहीं मिलती, पुलिस नीलम को वहां से पकड़ कर वापस इलाहाबाद में जिगर को सौंप देती है. अब अपने प्यार को बचाने के लिए, नासिर अपने घर वापस आता है. बदला लेने के मकसद से वापस आया नासिर बस जिगर को किसी भी हाल में मारना चाहता है, जो कि उसकी सभी परेशानियों की एक वजह है. अब क्या नासिर और नीलम का प्यार जीत पाएगा? क्या जिगर इतनी आसानी से नीलम को जाने देगा? और आखिर में किस की जीत होगी ? इन सभी सवालो के जवाब के लिए आपको ये 1 घंटे 41 मिनट की वेब फिल्म देखनी पड़ेगी.

रंजन चंदेल द्वारा डायरेक्ट की गयी इस फिल्म में आप राजनीति, हिंसा, विश्वासघात और लव की झलक देखेंगे. फिल्म बाकी हिंटरलैंड फिल्मों जैसी ही आपको लगेगी. कहानी में कुछ नया नहीं नजर आ रहा है. हालांकि, एक्टर्स द्वारा की गयी परफॉरमेंस बेहद कमाल है.

अपनी पहली फिल्म के साथ आदित्य एक्टिंग के मामले में सभी का दिल जीतते नजर आ रहे हैं. फिल्म देखते हुए आप उनकी एक्टिंग में पिता परेश रावल की झलक जरूर देख पाएंगे. बॉलीवुड में अपना डेब्यू करने वाली शालिनी, ने भी नीलम के किरदार के साथ न्याय किया है. हालांकि, एक्ट्रेस के टैलेंट के साथ डायरेक्टर और राइटर न्याय नहीं कर पाएं हैं. वहीं, दूसरी तरफ जतिन सरना और विजय वर्मा जैसे टैलेंटेड एक्टर्स को भी इसमें सही तरह से इस्तेमाल नहीं किया गया है.  विशाल मिश्रा का संगीत आपको इसमें सबसे अच्छी लगेगी. वहीं, राइटर हनज़ल्लाह साहिद ने फिल्म को बेसिक कहानी के साथ 'लव जिहाद' के इर्द-गिर्द घूमते हुए दिखाया है.

पीपिंगमून 'बमफाड़' को 3 मून्स देता है.

(Transcripted: Nutan Singh)

(Source: Peepingmoon)

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