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‘Season’s Greetings’ review: लिलेट दुबे और सेलिना जेटली स्टारर शॉर्ट फिल्म एक कविता की तरह है जो धीरे-धीरे आपके दिल को छू जाती है

Show: सीजन्स ग्रीटिंग्स
Director: राम कमल मुखर्जी 
Producer: अरित्रा दास और शैलेन्द्र कुमार
Cast: लिलेट दुबे , सेलिना जेटली, अजहर खान और श्री घटक 

इंतजार खत्म हो चुका है, 45 मिनट की शॉर्ट फिल्म 'सीजन्स ग्रीटिंग्स' ओटीटी प्लेटफॉर्म जी5 पर रिलीज हो गई है. फिल्म का पहला सीन आपको महान फिल्मकार रितुपर्णो घोष की याद दिलाएगा. ये एक कोलकाता में बेस्ड कहानी है 'सीजन ग्रीटिंग्स' जो मां-बेटी के रिश्ते के बारे में है. इसमें सेलिना जेटली और लिलेट दुबे लीड रोल में हैं. फिल्ममेकर राम कमल मुखर्जी की हिंदी फीचर फिल्म बंगाली निर्देशक रितुपर्णो घोष के लिए एक श्रद्धांजलि है जो डिफरेंट ह्यूमन इमोंशंस को टच करती है. यह महज 45 मिनट की फिल्म हैं. फिल्म में सुचित्रा बनीं लिलेट दुबे अपने घर ‘Utsab’ में रहतीं हैं, लेकिन वह अपने पति से 15 साल तक अलग रहने के बाद खुद को अकेला महसूस करती है. 

शॉर्ट फिल्म की खास बात यह है की इस फिल्म से अभिनेत्री सेलिना जेटली फिल्मी दुनिया में वापसी करने जा रही है. रोमिता (सेलिना ) और उनके लिव-इन ब्वॉयफ्रेंड उस्मान (अजहर खान) की कहानी है. जैसा कि दोनों प्यार करते हैं, वे बहुत ही मार्मिक रूप से दिखाते हैं कि एक हिंदू महिला को मुस्लिम पुरुष के साथ प्यार में पड़ने के लिए उनकी पृष्ठभूमि पर विचार करना कितना अलग है. उनकी बातचीत सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों के इर्द-गिर्द घूमती है, लेकिन गाने और खूबसूरत बैकग्राउंड स्कोर की दिल खुश हो जाता है. जल्द ही, रोमिता ने अपनी माँ सुचित्रा को उस्मान से मिलाने का फैसला किया और उसकी माँ, जो केवल उसके साथी के रूप में संगीत और नृत्य करती है, अंत में अपनी बेटी के घर जाने के लिए उत्साहित हो जाती है. हर बंगाली घराने की तरह, वह पाँच-स्तरीय बंगाली भोजन और शराब के कुछ गिलास के साथ दोनों का स्वागत करती है. सुचित्रा अपनी बेटी के जीवन के प्यार को समझने की कोशिश करती है.देखने में ऐसा लगता है कि, रोमिता अपनी माँ के लिए आश्चर्यचकित है, लेकिन दोनों  के अंत अपने अपने रहस्य उजागर होते हैं, और सुचित्रा और रोमिता के बीच की द्वंद्वात्मकता को सही ढंग से स्थापित किया जाता है क्योंकि दोनों एक दूसरे के साथ टकराते हैं.


क्लाइमेक्स चौंकाने वाला है क्योंकि जैसा की डारेक्टर राम कमल मुखर्जी ने पूरी फिल्म को एक खूबसूरत कविता की तरह बुना है. जो धीरे-धीरे आपके दिल को छू जाती है. फिल्म एंड तक आते आते आपके दिल को पिघला देगी. फिल्ममेकर राम कमल मुखर्जी 'सीजन्स ग्रीटिंग्स' में ये एहसास दिलाने में कामयाब रहे है कि मानव संबंधों का बंधन कितना नाजुक होता है. ये फिल्म डिफरेंट ह्यूमन इमोंशंस को टच करती है. 

एक्टिंग की बात करें तो, लिलेट दुबे ने हमेशा की तरह संतुलित मां की भूमिका निभाई हैं. हालांकि, आश्चर्य की बात यह है कि सेलिना की एक्टिंग ने सरप्राइज किया है. उनकी आँखें बातें करती नजर आती हैं. ये उनका अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कहा जाये तो गलत नहीं होगा. डेब्यूटेंट अज़हर ने अपने किरजार में छाप छोड़ी है. फिल्म मां-बेटी के रिश्ते और ट्रांसजेंडर चरित्र को संवेदनशील तरीके से दर्शाती है. यह फिल्म संयुक्त राष्ट्र फ्री और इक्वल के साथ सहयोग करने वाली भारत की पहली फिल्म बन गई है. यह फिल्म अनुच्छेद 377 और LGBTQIA समुदाय से संबंधित है. 

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