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Sadak 2 Review: रोमांच की कमी का एहसास दिलाती है आलिया भट्ट, आदित्य रॉय कपूर और संजय दत्त स्टारर यह बदले की कहानी

फिल्म: सड़क 2 
ओटीटी: डिज्नी + हॉटस्टार
कास्ट: आलिया भट्ट, आदित्य रॉय कपूर और संजय दत्त
डायरेक्टर: महेश भट्ट
रेटिंग:  2.5 मून्स

एक बदले की राह है, महेश भट्ट के डायरेक्शन में बनी 'सड़क 2'. फिल्म उनकी 1991 की हिट फिल्म 'सड़क' की सीक्वल है, जो कि एक टैक्सी ड्राइवर रवि (संजय दत्त) और एक सेक्स वर्कर पूजा (पूजा भट्ट) की लव स्टोरी होती है. ऐसे में फिल्म के सीक्वल में संजय के साथ आलिया भट्ट और आदित्य रॉय कपूर भी मौजूद हैं, जो प्यार, बदले और विश्वासघात की यात्रा पर निकले हुए हैं.

(यह भी पढ़ें: 'सड़क 2' का नया गाना 'शुक्रीया' हुआ रिलीज, दिल को छू लेने वाले बोल के साथ दर्द में डूबे दिखे संजय दत्त, आलिया भट्ट और आदित्य रॉय कपूर)

'सड़क 2' की कहानी एक युवा लड़की के इर्द-गिर्द घूमती है, जो अपने साथी और एक अजनबी की मदद से एक ढोंगी का पर्दाफाश करना चाहती है. फिल्म भारत में मौजूद नकली गुरुओं के पीछे की बदसूरत सच्चाई पर प्रकाश डालने की कोशिश करती है. फिल्म में आलिया का किरदार कहानी में आने वाले ट्विस्ट टर्न के कारण अजनबी (संजय) के जिंदा रहने की वजह बन जाती है.

'सड़क 2' की कहानी की शुरुआत रवि (संजय दत्त) से होती है, जो एक टैक्सी ड्राइवर की भूमिका में हैं, जिसकी जीने की इच्छा उसकी पत्नी पूजा (पूजा भट्ट) की दुखद मौत के बाद खत्म हो गयी होती है. लेकिन फिर आर्या (आलिया भट्ट) की एंट्री के बाद उसे एहसास हो जाता है कि उसे किसके लिए जीना है. आर्या और उसका बॉयफ्रेंड विशाल (आदित्य रॉय कपूर) रवि को एक रोड ट्रिप पर ले जाने के लिए मना लेते हैं. इस ट्रिप पर उन्हें आर्या के गुस्से के पीछे की वजह धोखेबाज बाबा ज्ञान प्रकाश (मकरंद देशपांडे) से बदला लेने की बात का पता चलता है, जिसने उसकी मां की हत्या की होती है. 

जल्द ही आर्या, रवि के साथ एक बाप-बेटी का रिश्ता बनाती है जो उसे लड़ाई लड़ने में मदद करता है. लेकिन जब दोनों विशाल के साथ कैलाश पर्वत की यात्रा पर निकलते हैं, तब गुरु के अवतार में कुछ लोग उसे मारने के लिए निकल पड़ते हैं.

फिल्म भावनात्मक पक्ष के साथ एक प्रासंगिक सामाजिक विषय से जुड़ा हुआ है. हालांकि, फिल्म का परिणाम उम्मीद जितना बहुत प्रभावशाली नहीं है. 2 घंटे 13 मिनट की फिल्म कंफ्यूज करने वाली है, फिल्म में संजय द्वारा किये गए एक्शन ही केवल सराहनीय है बाकी कोई भी चीज अपनी खास छाप नहीं छोड़ती.   

दूसरी ओर, एक्टर्स की परफॉरमेंस फिल्म की एक बड़ी ताकत है. रवि के रूप में संजय अपनी भूमिका में सबसे सही लग रहे हैं, और एक रियल हीरो के रूप में उभरते हुए नजर आ रहे हैं. संजय के इमोशनल सीन्स दिल को छू लेने वाले हैं, उनकी एक्टिंग फिल्म में कमाल की होने के साथ बेहद सहज है. पिता महेश के साथ अपने पहले फिल्म में आलिया हर फ्रेम में कमाल की हैं. अपनी A1 एक्टिंग स्किल और सराहनीय एक्सप्रेशंस के साथ एक्ट्रेस ने हम पर अपना हर बार की तरह प्रभाव छोड़ा है. वहीं, आदित्य ने अपने किरादर के साथ न्याय किया है. हालांकि, फिल्म में उनका स्क्रीन स्पेस उम्मीद से कम है.

 

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