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मुकेश खन्ना ने गजेंद्र चौहान को कहा- 'अधर्मराज'; उड़ाया एकता कपूर की 'महाभारत' का मजाक

मुकेश खन्ना और गजेन्द्र चौहान के बीच की लड़ाई अब बड़ी होती नजर आ रही है. जी हां, महाभारत के इन को-स्टार्स के बीच की लड़ाई की शुरुआत कपिल शर्मा शो को मुकेश खन्ना द्वारा 'अश्लील' और 'सबसे खराब' कहे जाने के बाद शुरू हुई. साथ ही एक्टर ने शो के रीयूनियन एपिसोड में भाग लेने से इनकार कर दिया, जबकि गजेंद्र ने उनके विचारों का विरोध करते नजर आये.

अब, गुरुवार के दिन मुकेश ने फिर से चल रहे विवाद पर चुप्पी तोड़ते हुए अपने पॉपुलर सीरियल से एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा है, "कलियुग के धर्मराज का नाम अधर्मराज कर देना चाहिए. द्वापर के धर्मराज सत्य बोलते थे धर्म का साथ देते थे. आज का अधर्मराज बेतुकी, बिना तर्क संगत बातें कहता है. अपने समर्थन में बेमतलब कहावतें सुनाता है. फ़िल्मी डाइयलोग बोलता है.. “जो शीशे के घर में रहते हैं वो दूसरों पर पत्थरनहीं फेंकते.”

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

कलियुग के धर्मराज का नाम अधर्मराज कर देना चाहिए।द्वापर के धर्मराज सत्य बोलते थे धर्म का साथ देते थे।आज का अधर्मराज बेतुकी, बिना तर्क संगत बातें कहता है।अपने समर्थन में बेमतलब कहावतें सुनाता है। फ़िल्मी डाइयलोग बोलता है.. “जो शीशे के घर में रहते हैं वो दूसरों पर पत्थरनहीं फेंकते” पहले राज कुमार जैसी डाइयलोग डिलिवरी बनाओ फिर उनके डाइयलोग बोलो।” मुकेश खन्ना को अंगूर नहीं मिले तो उसे खट्टा कह रहे हैं” लगता है इन्हें अंगूरी पसंद है इसलिए अंगूर मिलने पर ये अति प्रसन्न हो गये। “ जिस FTII में तुम स्टूडेंट थे उसका मैं चेयरमैन रह चुका हूँ”। वाह रे चेयरमैन !!! कैसे चेयरमैन बने, कुर्सी पकड़ कर बैठ गए इसका दर्शन पूरा जग TV पर कर चुका है।एक बार इन्होंने मुझसे कहा था मुकेश मेरे घर के बाहर आठ दस OB वैन खड़े रहते हैं , इंटर्व्यू लेने।कुछ लोग बदनामी को भी नाम मानते हैं। क़सूर आज की राजनीति का है जिसमें घुसने का ये असफल प्रयत्न कर चुके हैं। आज की राजनीति हस्तिनापुर की राजनीति नहीं रही। आज चापलूसी चलती है।जो ये कर रहे है। एक ऐसे फूहड़ शो की जो मुझे हैरानी है इनका भी नहीं। यहाँ सिर्फ़ एक पैसेंजर बन कर आए थे। अंगूर पाकर धन्य हो गये और लगे चापलूसी करने शो के प्रडूसर्ज़ की ताकि फ़्यूचर में इन्हें फ़िल्म्ज़ में काम मिले। वैसे ये इनकी फ़ितरत है। महाभारत की यूनिट जानती है की कैसे ये रवि चोपड़ा की चापलूसी में पूरे घुसे हुए थे। कहते हैं मुकेश खन्ना महाभारत में सिर्फ़ एक ऐक्टर था जैसे मैं हूँ। इन्होंने कोई Phd नहीं की।की थी।अधर्मराज जी ये सच है जितनी महाभारत मैंने पढ़ी थी पूरी यूनिट ने नहीं पढ़ी होगी। गूफ़ी मुझसे पूछता था सात्यकी कौन था। मैंने उसे बताया था बहुत अच्छा वक़्ता था। SO KINDLY DONT QUESTION MY KNOWLEDGE OF MAHABHARAT !!शायद इसीलिए दुनिया कहती है कि मैं न्याय कर पाया भीष्म के रोल के साथ।जो तुम पूरी तरह से नहीं कर पाए। ज़रूरी नहीं हर कलाकार कहानी को पूरी तरह से जाने। एकता कपूर की महाभारत में रोनित राय ने माथे पर बैंड बाँध रखा था।सिकंदर लग रहा था।देव व्रत नहीं। उसने एक इंटर्व्यू में कहा था मैं रोल करते वक़्त किसी का किया हुआ पर्फ़ॉर्मन्स नहीं देखता।मैंने मुकेश का भी नहीं देखा। गुड।मैं इम्प्रेस हुआ उसकी इस बात पर। पर महाभारत ग्रंथ तो पढ़ो पुत्र आज लोग सिर्फ़ अपने डाइयलोग पढ़ते हैं।नई महाभारतों में सब माडल्ज़ लगे, सिक्स पैक लगे।महाभारत सास भी कभी बहु बन गया। इसलिए अधरमराज जी, मत कहो तुम ऐक्टर थे, मैं भी ऐक्टर था। जी नहीं, तुम गजेंद्र चौहान थे मैं मुकेश खन्ना था।

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(यह भी पढ़ें: 'द कपिल शर्मा' शो पर फूटा महाभारत के मुकेश खन्ना का गुस्सा, जज अर्चना पूरन सिंह की भूमिका पर उठाये सवाल )

पहले राज कुमार जैसी डाइयलोग डिलिवरी बनाओ फिर उनके डाइयलोग बोलो.” मुकेश खन्ना को अंगूर नहीं मिले तो उसे खट्टा कह रहे हैं” लगता है इन्हें अंगूरी पसंद है इसलिए अंगूर मिलने पर ये अति प्रसन्न हो गये. “ जिस FTII में तुम स्टूडेंट थे उसका मैं चेयरमैन रह चुका हूं”. वाह रे चेयरमैन !!! कैसे चेयरमैन बने, कुर्सी पकड़ कर बैठ गए इसका दर्शन पूरा जग TV पर कर चुका है. एक बार इन्होंने मुझसे कहा था मुकेश मेरे घर के बाहर आठ दस OB वैन खड़े रहते हैं , इंटर्व्यू लेने. कुछ लोग बदनामी को भी नाम मानते हैं. क़सूर आज की राजनीति का है जिसमें घुसने का ये असफल प्रयत्न कर चुके हैं. आज की राजनीति हस्तिनापुर की राजनीति नहीं रही. आज चापलूसी चलती है.जो ये कर रहे है. एक ऐसे फूहड़ शो की जो मुझे हैरानी है इनका भी नहीं. यहां सिर्फ़ एक पैसेंजर बन कर आए थे. अंगूर पाकर धन्य हो गये और लगे चापलूसी करने शो के प्रडूसर्ज़ की ताकि फ़्यूचर में इन्हें फ़िल्म्ज़ में काम मिले.

वैसे ये इनकी फ़ितरत है. महाभारत की यूनिट जानती है की कैसे ये रवि चोपड़ा की चापलूसी में पूरे घुसे हुए थे. कहते हैं मुकेश खन्ना महाभारत में सिर्फ़ एक ऐक्टर था जैसे मैं हूं. इन्होंने कोई Phd नहीं की.की थी.अधर्मराज जी ये सच है जितनी महाभारत मैंने पढ़ी थी पूरी यूनिट ने नहीं पढ़ी होगी. गूफ़ी मुझसे पूछता था सात्यकी कौन था. मैंने उसे बताया था बहुत अच्छा वक़्ता था. SO KINDLY DONT QUESTION MY KNOWLEDGE OF MAHABHARAT !!शायद इसीलिए दुनिया कहती है कि मैं न्याय कर पाया भीष्म के रोल के साथ. जो तुम पूरी तरह से नहीं कर पाए. ज़रूरी नहीं हर कलाकार कहानी को पूरी तरह से जाने.

एकता कपूर की महाभारत में रोनित राय ने माथे पर बैंड बांध रखा था. सिकंदर लग रहा था. देव व्रत नहीं. उसने एक इंटर्व्यू में कहा था मैं रोल करते वक़्त किसी का किया हुआ परफॉरमेंस नहीं देखता. मैंने मुकेश का भी नहीं देखा. गुड. मैं इम्प्रेस हुआ उसकी इस बात पर. पर महाभारत ग्रंथ तो पढ़ो पुत्र. आज लोग सिर्फ़ अपने डाइयलोग पढ़ते हैं. नई महाभारतों में सब माडल्ज़ लगे, सिक्स पैक लगे. महाभारत सास भी कभी बहु बन गया. इसलिए अधरमराज जी, मत कहो तुम ऐक्टर थे, मैं भी ऐक्टर था. जी नहीं, तुम गजेंद्र चौहान थे मैं मुकेश खन्ना था."

गजेंद्र ने एक इंटरव्यू में मुकेश को कहा था "महाभारत में भी अर्जुन महिलाओं के कपड़े पहनकर डांस करते थे, तब उन्होंने सीरियल क्यों नहीं छोड़ा. उन्होंने कहा कि खुद मुकेश खन्ना ने कई वल्गर फिल्में की हैं, तब उन्होंने ऐसा कुछ क्यों नहीं कहा था. मुकेश पॉप्युलर लोगों पर कमेंट कर सुर्खियों में आना चाहते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि वह महाभारत के पहले फ्लॉप एक्टर थे. वे टीवी पर इसलिए आए थे, क्योंकि उनकी फिल्में फ्लॉप हो रही थीं."

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