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77वें वेनिस फिल्म फेस्टिवल में 'द डिसाइपल' को मिली बड़ी जीत पर बोले डायरेक्टर चैतन्य तम्हाणे, कहा- 'ऐसी कहानी लिखना ज़्यादा चुनौतीपूर्ण और मुश्किल काम'

भारतीय फिल्ममेकर चैतन्य ताम्हणे की फिल्म 'द डिसाइपल' को वेनिस फिल्म फेस्टिवल के 77वें संस्करण में बेस्ट स्क्रीनप्ले का अवॉर्ड मिला है. इससे पहले 'द डिसाइपल' को इसी फेस्टिवल में इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ फिल्म क्रिटिक्स द्वारा 'इंटरनैशनल क्रिटिक्स अवॉर्ड' से सम्मानित किया गया था. फिल्ममेकर चैतन्य ताम्हणे की मराठी फिल्म 'द डिसाइपल' शास्त्रीय संगीत की थीम पर बनी है.  'द डिसाइपल' को वेनिस फिल्म फेस्टिवल में प्रतियोगिता के लिए चुनी गई 18 फिल्मों में से एक है. लगभग 2 दशक के बाद यह पहली भारतीय फिल्म है जो इस प्रतियोगिता में शामिल हुई और अवॉर्ड भी जीती.

फिल्म के डायरेक्टर चैतन्य ताम्हाणे ने एक वक्तव्य में कहा, 'द डिसाइपल को लिखना बहुत चुनौतीपूर्ण और कठिन कार्य था. यह सम्मान मेरे लिए बहुत मायने रखता है और यह मुझे अपनी सीमाएं और बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करेगा. मैं इस पुरस्कार को सभी संगीतकारों, शोधकर्ताओं, लेखकों और इतिहासकारों को समर्पित करता हूं जिन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत के द्वार खोलने में मेरी सहायता की.'  फिल्म के निर्माता विवेक गोम्बर ने वेनिस में मिले पुरस्कार को “अविश्वसनीय” बताया. 

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भारतीय सिनेमा के कम उम्र के प्रतिभाशाली फिल्मकार ताम्हाणे, मीरा नायर के बाद किसी यूरोपीय फिल्म महोत्सव की मुख्य श्रेणी में प्रतिस्पर्धा करने वाले देश के पहले निर्देशक बन गए हैं. 


बता दें कि, फिल्म में एक भारतीय संगीतकार को दिखाया गया है जो अपनी कला में शुद्धता लाने का प्रयास करता है क्योंकि वह अपने पिता और गुरु द्वारा महान कलाकारों की कहानियां सुनते हुए बड़ा हुआ है. फिल्म को पिछले सप्ताह बिनाले में प्रदर्शित किया गया था जहां फिल्म को खूब सराहना मिली थी. ये भी बता दे कि कि, इससे पहले चैतन्य की निर्देशन में बनी पहली फिल्म 'कोर्ट' ने भी इस फेस्टिवल में भाग लिया था और Orizzonti श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार भी जीता था. 

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