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Exclusive: हॉटस्टार प्रेस कॉन्फ्रेंस में 'लूटकेस' को इन्वाइट न करने पर कुणाल केमु के सपोर्ट में बोली को- स्टार रसिका दुगल, 'मैं उनके ट्वीट से सहमत हूं और बहुत खूबसूरती से उन्होंने अपनी बात रखी'

दिल्ली क्राइम, मंटो, हामिद, किस्सा, तहान और मिर्जापुर जैसी वेब सीरीज में काम कर चुकीं रसिका दुगल अपनी अगली फिल्म 'लूटकेस के ई- प्रमोशंस में व्यस्त है. पीपिंगमून के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में उन्होंने ऑनलाइन प्रमोशंस के अनुभव और हॉटस्टार प्रेस कॉन्फ्रेंस के समय लूटकेस को बज न मिलने पर कुणाल केमू के ट्वीट पर अपना रिएक्शन दिया. 

1. ये आपकी पहली कॉमेडी फिल्म है, आप इतने समय से कॉमेडी फिल्म से दूर क्यों थी, कोई खास वजह ?

जवाब: इससे पहले मुझे इस तरह का रोल कभी ऑफर नहीं हुआ था. अगर ऑफर हुआ होता तो मैं खुशी के साथ इसे करती. बहुत बार लोग आपके पिछले काम को देखते हुए आपको उसी तरह के रोल में देखना चाहते हैं. शायद मेरे काम को देखते हुए लोगों को लगता है कि मैं इसी तरह के किरादर करना पसंद करती हूं. मेरे ख्याल से हर एक्टर चाहता है कि उसके काम में जीतनी वराइटी हो सके उतना अच्छा है. कुछ लोग है जो आपको आउट ऑफ़ द बॉक्स जाकर देखते है, जैसे इस फिल्म (लूटकेस) की कास्टिंग अनमोल आहूजा और अभिषेक बनर्जी ने की है, 'मिर्जापुर' की कास्टिंग भी इन्होनें ही की थी और मुझे कास्ट किया था. अगर ये स्टीरियोटिपिकल कास्ट के लिए जाते तो शायद मुझे 'मिर्जापुर' वाले रोल के लिए नहीं कास्ट किया जाता. 

2. 'दिल्ली क्राइम सीजन 1' के बाद आपने 'लूटकेस' की शूटिंग शुरू की तो क्या इंटेंस सीरीज से कॉमेडी फिल्म में स्विच करना मुश्किल था ?

जवाब: 'दिल्ली क्राइम सीजन 1' की शूटिंग के बाद मुझे लगा कि अगर मुझे अगला प्रोजेक्ट भी इसी तरह का इमोशनल मिला तो शायद में ना कर पाती इसलिए मुझे एक लाइट हार्टेड सीरीज करने की जरुरत थी इसलिए ये प्रोजेक्ट बहुत सही समय पर मेरे पास आया. 
 

3. हाल ही में जब हॉटस्टार ने 7 फिल्मों की अनांउसमेंट के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस रखी थी तब लूटकेस को प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए नहीं इन्वाइट किया गया, जिसके लिए को- स्टार कुणाल केमू ने सोशल मीडिया पर नाराजगी जताई, आपका क्या कहना है ?

जवाब: मुझे भी लगता है कि हमें इन्वाइट करना चाहिए था. मैं कुणाल के ट्ववीट से सहमत हूं और बहुत खूबसूरती से उन्होंने अपनी बात रखी. अब ये क्यों ऐसा हुआ ये तो हॉटस्टार वाले आपको बता सकते हैं (हंसते हुए). 

4. आप लॉक डाउन में E- Promotions में ज्यादा कम्फर्टेबल हैं या लॉकडाउन से पहले जिस तरह के प्रोमोशंस होते थे वो ज्यादा कम्फर्टेबल होते थे ? 

जवाब: मुझे लगता है जो जर्नलिस्ट और को- एक्टर्स के साथ मिलने पर इंटरेक्शन होता था वो अलग होता था. ऑनलाइन का ये है कि टाइम बच जाता है, ट्रेवल नहीं करना पड़ता तो उस हिसाब से चीजें थोड़ी सहज हो जाती है लेकिन मिलकर बात करने में और ऑनलाइन बात करने में फर्क तो है. 

5. अब एक्टर्स बायोपिक करने के लिए क्यूरियस होते हैं और अपने कहा था कि आप खुद भी बायोपिक करना चाहती है तो क्या आपको लगता है कि किसी की बायोपिक के बिना एक्टर्स का करियर थोड़ा अधूरा होगा ?

जवाब: अधूरा तो नहीं लेकिन आपकी फिल्मोग्राफी में इंट्रेस्टिंग चीज जुड़ जाती है. जब आप किसी की बायोपिक करते है तो बहुत सारी चीजें लिखी होती है उस इंसान के बारे में. लोगों के दिमाग में पहले से उस इंसान की एक छवि होती है. जैसे जब मैंने 'मंटो' की थी तब मुझे लगा की नवाज का काम बहुत मुश्किल है. क्यूंकि 'मंटो' के जो फैंस है उनके दिमाग में 'मंटो' की एक इमेज है तो आप किसी और चीज से मुकाबला नहीं कर रहे है, आप अपनी इमेजिनेशन से कम्पीट कर रहे हैं. अगर कोई बायोपिक नहीं करता है तो मुझे नहीं लगता कि किसी का करियर इन्कम्प्लीट होगा क्यूंकि जो चीजें मैंने कही है वो किसी और रोल में भी आपको मिल सकती है. 

 

6. कोई ऐसी शख्सियत जिसके जीवन को आप पर्दे पर निभाना चाहती हो ?

जवाब: एक ऐसी शख्सियत है जिनके जीवन को मैं पर्दे पर निभाना चाहती हूं वह है 'अमृता प्रीतम'. बहुत ही दिलचस्प राइटर थी वो और अगर आपने उनकी बायोग्राफी बढ़ी तो वो भी बहुत दिलचस्प है. 

 

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