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Exclusive: महामारी के बीच फिल्म की डिजिटल रिलीज पर बोले 'खुदा हाफिज' निर्देशक फारूक कबीर, 'ऐसे समय में यह सोचना कि हमारी फिल्म चलेगी या नहीं यह गलत है'

डिज्नी प्लस हॉटस्टार ने अगस्त के महीने में अपने दर्शकों को कई फिल्मों की सौगात दी है. निर्देशक फारूक कबीर के निर्देशन में बनीं अभिनेता विद्युत् जामवाल की 'खुदा हाफिज' भी 14 अगस्त को रिलीज हो रही है. फिल्म का ट्रेलर रिलीज हो चुका है और इसमें मंदी से लेकर सेक्स रैकेट तक जैसे संवेदनशील मुद्दे दिखाए गए है. स्टारकास्ट और निर्देशक अब फिल्म को डिजिटली प्रमोट कर रहे हैं. फारूक को यह फिल्म बनाने का आइडिया कहां से आया कैसे उन्होंने इसपर रिसर्च किया और क्यों वो इसे ओटीटी पर रिलीज कर रहे हैं, इन सभी चीजों पर निर्देशक ने पीपिंगमून से बात की. 

फारूक ने बताया फिल्म की कहानी 12 साल पुरानी है और यह एक रियल इवेंट पर बेस्ड है. उन्होंने बताया कहानी के न्यूज़ पेपर्स कटिंग्स कुछ 10 साल पहले काट के अपने पास रखी थे. 2008 की कहानी है और 2010 में उन्होंने इसपर रिसर्च शुरू किया था. फारूक ने यह भी बताया कि सब उनसे यही पूछते हैं कि थिएटर की रिलीज थी लेकिन यहां रिलीज हो रही है तो कैसा लग रहा है तो मैं विद्युत् से कहता था कि अगर हम ये फिल्म ओटीटी के लिए बनाते तो क्या कोई कम मेहनत करते तब भी हम उतनी ही मेहनत करते जीतनी अब की है. लोगों के घरों तक पहुंचेंगी. जहां लोग इतने स्ट्रेस में है ऐसे टाइम पर अगर हम यह सोचे कि हमारी फिल्म चलेगी या नहीं तो हम बहुत मुर्ख और बदनसीब इंसान हैं. हमारे लिए तो यह बड़ी बात है कि लोग हमारी फिल्म को देख पाएंगे.  

1. कहानी को आपने कितना फिक्शन और कितना रियल रखने की कोशिश की है ?

जवाब- फिल्म में कैरेक्टर चॉइसेस जो हैं वो सारे रियल है. स्क्रीनप्ले  का जहां तक सवाल है वो 70% तक असली इवेंट पर बेस्ड हैं और 30% फिक्शन है लेकिन मेरा हमेशा दिल ये कहता है आप कहानी वो कहिये जो आपको कहना है लेकिन जब आप स्क्रीनप्ले लिखें तो आपको ऑडियंस के लिए लिखना है लेकिन 30% जो फिक्शन है उसमें जो कैरेकटर चॉइसेस कर रहे हैं वो रियल है. 

2. क्या स्टार्स को लैंग्वेज पिक करने में प्रॉब्लम आ रही थी ?

जवाब- नहीं परेशानी तो नहीं आयी लेकिन इंसान को प्रेक्टिस तो करना ही होता है डिक्शन पर रियाज करना होता है तो आप उसे कन्सिस्टेंटली नहीं कर पाते हैं. अनु जी ने किया अहाना कुमरा ने भी किया है. उनका किरदार एक अरबी पुलिस कमांडो का है. जब वह हिंदी में या उर्दू में बात कर रही हैं तो वह उर्दू भी अरबी में इंसान की तरह बोल रही हैं. 

3. ट्रेलर में आपने सेंसिटिव मुद्दों को दिखाने की कोशिश की है, एडिटिंग टेबल पर कितना स्ट्रेसफुल था एडिट करना ?

जवाब- दरअसल, ट्रेलर बिलकुल वैसा ही है जैसे फिल्म का नरेटिव है. फिल्म जैसे शुरू होती है फिल्म जहां बीच में पहुंचती है, बस आपको ये नहीं पता है कि फिल्म कहां ख़त्म होती है. मैंने ट्रेलर को बहुत सिंपल रखा है. लोग सोचे की अरे कैसे हुआ क्या हुआ इस कहानी में क्या होनेवाला है. इन्ही सब चीजों ने मुझे कहानी के बारे में आकर्षित किया था जब मैंने कहानी पढ़ी थी. 

4.  कहानी के साथ टेक्निकल पार्ट दिखाने में कितना फोकस था ?

जवाब- जितना मैं राईटर हूं उतना ही मैं एक डायरेक्टर और टेक्नीशियन भी हूं. मुझे लगता है कि इन दोनों का उतना ही मेल होना चाहिए जितना एक रिवर और ओशन का होता है. जब रिवर का पानी ओशन में जाता है तो उससे किसी को नुक्सान नहीं होता लेकिन दोनों को एक- दुसरे के पानी से फायदा होता है. 

5. शिव पंडित को ट्रैन करने के लिए आपने जैकी चैन जी की टीम की मादा डली थी, उसके बारे में कुछ बताइये ?

जवाब- बेसिकली जो एक्शन डायरेक्टर हैं वो एक जर्मनी से है और एक रशिया से है. जर्मनी से जो एक्शन डायरेक्टर हैं एंडी लॉन्ग नाम है उनका. कुछ समय पहले विद्युत् को चाइना में एक अवॉर्ड भी मिला था. विद्युत् ने ही मेरी मुलाकात एंडी लॉन्ग से करवाई थिए और कहा था इनका काम थोड़ा अलग है और तुम्हे जो चाहिए वो थोड़ा अलग है, हो सकता है तुम्हारा मिश्रण हो जाए और एंडी लॉन्ग बहुत अलग किस्म का एक्शन करते है लेकिन इसमें हम लोगों ने बहुत रॉ क़िस्म का एक्शन किया है. उनके लिए भी एक अलग स्पेस था, विद्युत् के लिए भी एक अलग स्पेस था. उम्मीद है कि ऑडियंस को यह यूनिकनेस पसंद आएगी. 
  
 6. विद्युत् जामवाल के लिए ऐसा एक्शन सीक्वेंस सोचना जो पर्दे पर रियल लगे कितना मुश्किल था ?

जवाब- नहीं ऐसा नहीं था, जब मैं विद्युत् से मिला और मैंने उन्हें नरेशन से वो समझ गए थे कि मैं इस फिल्म का रियल और बहुत ऑनेस्ट तरीके से पेश करना चाहता हूं तो हमने एक टर्म डिस्कस किया जिसे हम 'इमोशनल एक्शन' कहते हैं. हमने ये बात साफ़ कर ली थी कि विद्युत् के साथ हाई ओब्टेन एक्शन न करें क्यूंकि बहुत कुछ लोग पहले ही देख चुकें हैं और मेरे ख्याल से एक इंट्रेस्टिंग चीज़ होती कि विद्युत् को लोग रॉ और रियल तरीके से एक्शन करते हुए देखें. एक ऐसे तरीके से देखें जो जब एक आम आदमी प्यार के लिए लड़ना चाहता हैं. जब उसे अपने प्यार के लिए लड़ाई करनी है तो कैसे उसके अंदर से आक्रोश निकलेगा, एक चीख और ऐलान निकलेगा और दिल से वो लड़ाई करेगा. हमने पहले ही डिसाइड कर लिया था और मैं खुश हूं कि विद्युत् ने भी भरोसा दिखाया और इस किस्म के एक्शन को दर्शाने की कोशिश की है फिल्म में जो ऑडिएंसेस को रियल और रॉ लगेगी और जो कैरेक्टर जो कर सकता है उसकी असलियत की हद में है. उसकी असलियत से बाहर नहीं है. 

7.  हॉट स्टार प्रेस कॉन्फ्रेंस में 'खुदा हाफिज' को इन्वाइट नहीं किया गया. बहुत सारे विद्युत् के फैंस और बाकी ऑडियंस को ये चीज अच्छी नहीं लगी, इसपर आप क्या कहना चाहते हैं ?

जवाब- मुझे लगता है कि विद्युत् ने जो ट्वीट लिखा था वो बहुत आदरपूर्वक तरीके से उन्होंने अपनी बात जाहिर की और बड़े अच्छे अल्फाजो का इस्तेमाल किया बिना किसी को दोष देते हुए. मुझे लगता है उनके अंदर एक एहसास था उस वक़्त और उस एहसास को उन्होंने अल्फाजों में बयां किया. बस इतनी सी बात है उसके बाद न उन्होंने वो बात आगे बढ़ाई और न वो बात आगे बढ़ी. अब हम साथ में मिल चुकें है और डिज्नी के प्लेटफॉर्म पर फिल्म लेकर आ रहे हैं, मुझे और विद्युत् दोनों को इस बात की खुशी है क्यूंकि हमें लगता है जब दुनिया बाहर में हालत इतने खराब है ऐसे समय में डिज्नी का हमारी फिल्म को सपोर्ट करना बहुत अच्छी बात है. कभी-  कभी शुरूआती तौर हर रिश्ते में एक एड्जस्मेंट इंसान को करना पड़ता है मेरे ख्याल से सभी चीजें उस समझ का हिस्सा हैं, एक- दुसरे को समझने में वक़्त लगता है. उस बारे में बात करने में कोई जरुरत ही नहीं है क्यूंकि 'छोडो कल की बातें कल की बात पुरानी नए  दौर में लिखेंगे हम मिलकर नयी कहानी.' 

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