By  
on  

PeepingMoon Exclusive: 'सुप्रिया पाठक जी कि परफॉर्मेंस इतनी इंटेंस और रियलिस्टिक होती थी कि सेट पर हर कोई हैरान हो जाता था': Cartel फेम प्रणति राय प्रकाश

मॉडलिंग की दुनिया अपने नाम का दबदबा बनाने वाली प्रणति राय प्रकाश किसी पहचान की मोहताज नहीं. प्रणती साल मिस इंडिया 2015 में सेमीफाइनलिस्ट थीं. वहीं साल 2016 में वह  नेक्स्ट टॉप मॉडल एडिशन की विनर थी. कई टीवी एडवरटाइजमेंट में एक्टिंग कर चुकीं प्रणति धीरे धीरे वेब और फिल्मों की दुनिया में अपनी पहचान बना रहीं है. जी5 ओरिजिनल 'पोइजन' हो या 'फैमिली ऑफ ठाकुरगंज', 'लव आज कल' जैसी फिल्में कर चुकी प्रणति जल्द ही ऑल्ट बालाजी की मोस्ट अवेटेड सीरीज  'Cartel' में अपने दमदार किरदार के साथ नजर आने वाली है. ये सीरीज 20 अगस्त को रिलीज हो रही है. इस सीरीज में एक्ट्रेस ने सुप्रिया पाठक, ऋत्विक धनजानी, तनुज विरवानी समेत कई टैलेंटेड एक्टर्स के साथ स्क्रीन स्पेस शेयर किया है. वहीं पीपिंगमून के साथ खास बातचीत में आर्मी फैमिली से ताल्लुख रखने वाली प्रणति ने अपने किरदार सुमी आंग्रे से लेकर गैंगस्टर फैमिली का हिस्सा होने पर बात की. 

सवाल - 'Cartel' में अपने किरदार के बारे में बताइए ? 
जवाब- सीरीज में मेरा किरदार एक इनोसेंट लड़की सुमी का है. पूरे शो में मारधाड़ खून खराबा यही सब हो रहा है तो इन सब के बीच मेरा कैरेक्टर एक सूरज की रोशनी की तरह है जो बहुत शांत है. Cartel एक आंग्रे फैमिली की कहानी है. इस फैमिली में मैं सबसे छोटी बहन बनी हुई है. वह एक लाड़ प्यार पाने वाली लड़की है जो घर पर अपने परिवार के साथ रहती है. सुमी अपने भाइयों की गैंग में शामिल नहीं है.इसके अपने अलग सपने है. यह कॉलेज खत्म कर चुकी है अब एक्ट्रेस बनना चाहती है. और यह हर वक्त अपने सपनों को पूरा करने में लगी रहती है. वह अपनी फेंटेसी में ही रहती है उसकी अपनी अलग दुनिया है. 

Video: 'मुझे नहीं लगता कि सुप्रिया पाठक जी के साथ मुझे एक अच्छा एक्टर कहा जा सकता है, वह फिनोमिनल हैं: 'Cartel' फेम ऋत्विक धनजानी

सवाल - एक्शम, क्राइम, गैंगस्टर और मुम्बई....इस ड्रामा सीरीज की एक बात जो आपको सबसे ज्यादा अट्ट्रैक करती है ?
जवाब- जैसा कि अभी आपने बोला कि मुंबई, एक्शन, क्राइम, गैंगस्टर, मुझे यह सब बहुत इंटरेस्टिंग लगता है. मैं बहुत सौभाग्यशाली हूं कि मैं सीरीज का हिस्सा हूं. और शो कि कास्ट इतनी धमाकेदार है कि जब भी मैं सेट पर होती थी या अपनी वैनिटी वैन में अपने को-एक्टर के साथ मेकअप ले रही होती थी तो इतना कुछ सीखने को मिलता था, इतनी दिलचस्प बातें जानने का मौका मिलता था. पूरी शूटिंग के दौरान बहुत मजा आया था. एंड जब मैंने फर्स्ट टाइम स्क्रिप्ट पढ़ी थी तो मैंने अपने आप को इमेजिन किया था कि मैं कैसी दिखूंगी. तब मुझे लगा था कि लोग मेरे कैरेक्टर से जरूर कनेक्ट होंगे क्योंकि सीरीज में मेरा पार्ट काफी इमोशनल है.

सवाल- सीरीज में आपने सुप्रिया पाठक, ऋत्विक धनजानी, तनुज विरवानी समेत कई टैलेंटेड एक्टर्स के साथ काम किया है. कैसा एक्सपीरियंस रहा ? 
जवाब- शो मे हर एक आर्टिस्ट बहुत शानदार है. जैसे कि हम किसी फुटबॉल मैच के मैदान पर हो और फुटबॉल खेल रहे हो, अगर आपके टीम के खिलाड़ी बहुत अच्छे हैं तो आप का मैच देखने का मन करता है क्योंकि मैच की टीम शानदार हो तो मजा दोगुना हो जाता है. तो सिमिलरली अगर आपके को-एक्टर अच्छे हैं तो शो करने का मजा दोगुना हो जाता है. जब आप किसी टैलेंटेड कलाकार के साथ स्क्रीन स्पेस शेयर कर रहे होते हैं तो अपने सीन को देखकर भी बहुत मजा आता है. जैसे कि मैं जब मैं फर्स्ट टाइम स्क्रिप्ट रीडिंग सेसन के लिए गई थी, तो एक नॉर्मल सीन की प्रैक्टिस थी और ये सीन मैंने पहले भी पढ़ा था, लेकिन जब मीटिंग के दौरान जब मैं जितेंद्र जोशी सर, सुप्रिया पाठक मैम, ऋत्विक , तनुज से मिली और हमने अपनी सीन को दोबारा पढ़ा और उस पर डिस्कशन किया तो फील हुआ कि एक कैरेक्टर के लिए क्या चीजें कितनी जरूरी है. और शानदार स्टार कास्ट के साथ काम करके रिएक्शन्स, क्लेरिटी,  डिटेलिंग, एक्सप्रेशन सब कुछ क्लियर हो जाता है. यह सब इतने मंजे हुए कलाकार हैं कि अपने सीन मे यह लाइफ ला देते हैं. तो एक न्यूकमर आर्टिस्ट के लिए यह बहुत ब्यूटीफुल तरीके से सीखने का प्रोसेस है. 


सेट पर ऐसा नहीं होता था कि आपने अपने डायलॉग याद कर लिए और शूट हो गया और डायरेक्टर ने ओके बोल दिया ऐसा कुछ नहीं होता था. हम सब बहुत डिस्कशन करते थे डिस्कशन से क्या होता था कि हमें वह कैरेक्टर अपने अंदर फील होता था फिर चाहे वो कोई भी इंटेंस सान हो. चाहे इमोशन हो या गुस्सा हो हर चीज बहुत अच्छे से बाहर निकल कर आती थी. ऋत्विक, तनुज, जितेंद्र सर बहुत शानदार थे और सुप्रिया पाठक जी के बारे में क्या ही कहू. उन्को देख कर तो ऐसा कभी ऐसा लगता ही नहीं था कि वह एक्टिंग कर रही है, जब वह गुस्से का सीन करतीं थी तो मैं सच में सकपका जाती थी. उनकी एक्टिंग इतनी रियलिस्टिक है कि हर कोई हैरान हो जाता है. उनकी परफॉर्मेंस में बहुत इंटेंसिटी और ऑनेस्टी होती है. और सेम ऐसा रित्विक के साथ भी है. एक सीन था जिसमें मैं, ऋत्विक, तनुज, जितेंद्र सर रो रहे थे. वो सीन हमने शूट किया लेकिन उस सीन को करने के बाद भी रो रही थी. इतना इंपैक्ट होता है ना आपके को-स्टार का  कि आप उस सीन में एकदम दुनिया जहान भूल जाते हैं. तो यही फायदा होता है जब आपकी को स्टार इतने अद्भुत होते हैं तो आप अपने सीन में एकदम गुम हो जाते हो. 

सवाल- सीरीज में आप गैंगस्टर फैमिली का हिस्सा है बल्कि रियल में आप आर्मी फैमिली से आती है. अपने आप को कैसे फिट किया इस रोल में ? 
जवाब- हां दोनों बिल्कुल अलग हैं लेकिन एक एक्टर के तौर पर हमें चीजों को बहुत न्यूट्रल तरीके से देखता होता है. मतलब शुरुआत में मैं एक न्यूट्रल कैरेक्टर में रहने की कोशिश करती हूं. जिससे मैं अपने कैरेक्टर के साथ न्याय कर पाऊं. वैसे मैं आपसे यह कहना चाहूंगी कि कुछ चीजें फीलिंग के साथ जुड़ी होती हैं. जैसे कि मैं एक आदमी फैमिली से हूं और मेरे पापा जब भी जंग के मैदान में होते थे तो हम घर में बहुत टेंशन में रहते थे कि पापा ठीक है. वह वापस आएंगे नहीं आएंगे क्या होगा यह बेचैनी मन में हर वक्त रहती थी. तो बचपन से ही आर्मी फैमिली के बच्चे बचपन से ही मेंटली तौर पर बहुत स्ट्रांग हो जाते हैं. तो यह कैरेक्टर मेरी रियल लाइफ से टोटली डिफरेंट है लेकिन हां एक जो कनेक्शन है वह यह है कि रियल और रील में जो इमोशन्स है वह सेम है, क्योंकि मेरे भाई सीरीज में गैंगस्टर बने हुए हैं तो जो वह बाहर निकलते थे तो मन में यही ख्याल आते थे कि वह पता नहीं वापस आएंगे नहीं आएंगे, तो वो डर सेम है तो इमोशनली करैक्टर को समझना मेरे लिए मुश्किल नहीं था.  और मेरे किरदार की खूबसूरती यही है कि वह बहुत सेंसिटिव है बहुत प्यारी है बहुत जल्दी टूट जाती है. लेकिन रियल में ऐसा नहीं है रियल में मैं बहुत स्ट्रांग गर्ल हूं. और मुझे अपने कैरेक्टर के लिए अपनी लैंग्वेज पर बहुत काम करना पड़ा क्योंकि एक बबली गर्ल होती है. 

Author

Recommended

PeepingMoon Exclusive