90 के दशक में फिल्मों से अपने करियर की शुरुआत करने वाले टैलेंटेड एक्टर इमरान खान, आज की तारीख में टीवी की दुनिया का एक पॉपुलर चेहरा हैं. इमरान फिलहाल ज़ी टीवी के पॉपुलर शो 'अपना टाइम भी आएगा' में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. इसके अलावा PeepingMoon.com को दिए अपने इंटरव्यू में उन्होंने शो से लेकर खुद द्वारा लिखें गए मिनी वेब सीरीज 'नैंसी' के बारे में भी खुलकर बात की है.
शो शुरू करने से पहले क्या आपने सोचा था कि दर्शकों द्वारा इसे इतना पसंद किया जाएगा?
-- मैं अपनी तारीफ नहीं करना चाहता लेकिन, डेफिनेटली चीज से तो हमारा पहले से ही प्यार है. जी का जो पहला शो था, 'तारा' मैं उसका यंग लीड था, तो उसी की ऑडियंस से पहले से ही हमारा एक तरह का प्यार है. और जब मुझे के शो मिला, जैसे कि तारा को 28 साल हो चुके हैं, 93 में तारा शुरू हुआ था, तो एक वह कॉन्फिडेंट था कि जो जी है, जो जी की ऑडियंस है वह कहा ना कहां कनेक्ट करती है. इसलिए हम ज्यादा से ज्यादा मेहनत करते हैं. हम और भी अलर्ट हो जाते हैं जब हम जी के लिए काम करते हैं और भी मेहनत करते हैं अपने करैक्टर पर अपने गेटउप पर, इस शो के लिए पहली बार मैंने दाढ़ी बढ़ाई है. आवाज में मैंने बदलाव किया है बेस में बात किया है. वो अंदर थी कि ऑडियंस शो को जरूर पसंद करेंगे , इसलिए हमने इतनी मेहनत करी है.
आपकी मिनीसीरीज नैंसी के बारे में हम जानना चाहेंगे और कैसा होने वाला है आपका किरदार इसमें?
--यह कहानी जब मैंने कंसीव की थी, तो यह एक रियल स्टोरी से इंस्पायर होकर है. यह लॉकडाउन का दौर था जब कोई शूटिंग नहीं हो रही थी. हम सब घर बैठे हुए थे बॉम्बे तो, कोरोना और कोविड का सेंटर बना हुआ था. यह कहानी तो मैंने लिखी नैंसी, लॉकडाउन के दौरान जो लिखी थी. और मेरा एक थिएटर ग्रुप भी है, द थिएट्रो, तो जो लड़की हमारे शो में नैंसी बनी है, वो मेरे साथ थिएटर भी करती है, चारु नाम है और वो देहरादून से है. तो हमने शो के लिए थिएटर की तरह बैठ कर रिहर्सल की रीडिंग की, फिर कहा कि चलो हम इसे शूट करते हैं. इस तरह हमे इसे पहले एक शॉट फ़िल्म की तरह ट्रीट किया था, पहले यह एक मिनी सीरीज नहीं थी. ये ऐसा था कि चलो एक 1 घंटे की फ़िल्म बनाते हैं शॉट फ़िल्म. लेकिन फिर लिखते-लिखते करते-करते हमने इसे एक वेब सीरीज का शेप दे दिया, जिसे हमने 4 एपिसोड्स में कट किया है.
इसके साथ ही हमारे लिए सेंसर का आना अच्छा हो गया. उसमे अच्छा ये हो गया है कि ये जो सी ग्रेड मेकर्स हैं, जो बहुत गंदी-गंदी चीजे बना रहे हैं. एक तो बन रही है नेटफ्लिक्स और अमेज़न की, वो लोग तो फरहान अख्तर और करण जौहर के नीचे बात ही नहीं करते हैं. उनको सिर्फ वो टॉप बॉलीवुड चाहिए. और एक आ गया आपके छोटे चैनल्स, जो छोटे वाले होते थे, उन्हें बस गंदगी चाहिए थी. सेक्स बेस्ड फिल्म्स, जिनमें न कोई एक्टिंग है और न परफॉरमेंस है और न कोई स्टोरी है. इसमें क्या है तो सिर्फ बैडरूम सीन्स हैं. तो हम जैसे मेकर्स, जैसे मैं कुछ बनाना चाहूंगा या फिर डायरेक्ट करना चाहूंगा तो ये हम कर नहीं सकते थे गंदगी और वहां हमें दूसरी जगह पर वेलकम नहीं है. क्योंकि वहां उन्हें फरहान अख्तर और करण जौहर चाहिए. तो ये नैंसी बनकर पूरी हुई, जो मैंने अपने हिसाब से बनाई है और ये सेंसर का आ गया,तो ये मेरे लिए बहुत अच्छा हो गया है. अब जो प्लेटफार्म है, जैसे उल्लू हो गया , अब वो खुद उस तरह की चीजें नहीं चाहते हैं.क्योंकि इसमें राज कुंद्रा का भी एपिसोड हो गया अरेस्ट होने वाला. तो ये हमारे लिए बहुत अच्छा हो गया, हम जैसे एक्टर्स के लिए जो ईमानदारी से अच्छे सब्जेक्ट्स बनाना चाहते है, या फिर लिखना चाहते हैं, डायरेक्ट करना चाहते हैं या फिर इसमें काम करना चाहते हैं. आपको मैं बता दूं कि मेरे कितने ही ऐसे टीवी के दोस्त हैं, जो किसिंग सीन नहीं करना चाहते, क्योंकि वह शादीशुदा हैं. तो उन्हें काम ही नहीं मिलता इन छोटे छोटे वेब सीरीज में.
क्या है इस मिनी सीरीज की कहानी?
-- यह कहानी एक लड़की की है जो एक स्पा में काम करती है. अपना घर चलाने के लिए जिसमें कोई बुरी बात नहीं है. लेकिन इसमें कोई ऐसी गंदगी नहीं है, जैसे लव मेकिंग सीन या फिर किसिंग सीन नहीं है इसमें, क्योंकि जरूरत नहीं है हमको. इसे अपनी फैमिली के साथ देखा जा सकता है.
आने वाले कुछ साल में आप अपने इंडस्ट्री में 3 दशक पूरे करने वाले हैं ऐसे में यह एहसास आपके लिए कैसा है?
-- ऐसा कुछ भी नहीं है ऐसा लगता है कि कल ही ज्वाइन किया है. बल्कि अभी जाकर हम समझे हैं कि यह इंडस्ट्री असल में क्या है. एक्टिंग क्या होती है आपका डायरेक्टर आपके लिए कितना इंपॉर्टेंट है, बैकग्राउंड म्यूजिक इतना इंपॉर्टेंट होता है, ऑडियंस से कनेक्ट करना कितना जरूरी है. ऐसे लगता है कि अभी तो हम सब समझ रहे हैं.
क्या आप ने अपने करियर के दौरान स्ट्रगल का सामना किया है?
--नहीं ऐसा कभी नहीं हुआ मैंने फिल्मों में बतौर हीरो अपने करियर की शुरुआत की थी. 20 से 21 साल की उम्र में मेरे पास चार फिल्में थी. शुरुआत मेरी जल्दी हुई थी लेकिन मेरी फिल्म 'इंतेहा प्यार की' कुछ चली नहीं शुरुआत में. उसकी वजह से मेरा एक सेट बैक हो गया और उसके बाद मुझे टेलीविजन पर आना पड़ा. तो उसे एक स्ट्रगल नहीं कह सकते लेकिन घर चलाना था घर की जरूरतें थी, तो मैं इंतजार नहीं कर सका कि मेरे पास तीन चार और फिल्में हैं. और फिर एक-दो साल में ही 93 में मैं टीवी पर आ गया और उस जमाने में आप जब एक बार टीवी पर आ गए तो आपको फिल्मों में बतौर लीड काम नहीं मिलता था.
आने वाले दिनों में हम आपको किन फिल्मों में देख सकते हैं ?
--यह भोपाल पर वन शेड्यूल सोशल ड्रामा फिल्म है. जिसकी कहानी उन लड़कों की कहानी पर रोशनी डालती है जिनके साथ कम उम्र में गलत काम (फिजिकल एब्यूज) किया गया होता है. इसके अलावा में एक 9 एपिसोड वाला एक वेब शो भी कर रहा हूं, जिसमे मेरा सेंट्रल किरदार है.