'तलवार', 'बरेली की बर्फी', 'राजी' जैसी फिल्मों को प्रोड्यूस करने वाली प्रोडक्शन कंपनी जंगली पिक्चर्स की प्रेजिडेंट प्रीति शाहनी से पीपिंग मून ने एक्सक्लूसिव बातचीत की है, आप भी पढ़िए.
कैसा फील होता है जब फिल्म राजी 120 करोड़ की कमाई कर जाती है ?
कभी सोचा नहीं था, कि ऐसा भी हो सकता है . हम जब भी फिल्म बनाते हैं तो पैसा कमाने से पहले इज्जत कमाना चाहते हैं. इज्जत आ जाती है तो पैसे तो आ ही जाते हैं. बॉक्स ऑफिस हमेशा कहानी को मिली रिस्पेक्ट पर बेस्ड होता है , जो पूरी टीम के लिए बड़ी बात होती है . इसी वजह से हम बिजनेस में होते हैं.
क्या ब्रीफ आप अपनी टीम को देते हैं ?
हमें सिर्फ कहानियों में पहले से जुड़ जाना पसंद है. डायरेक्टर की सोच को पूरी तरह से बैक करते हैं. हम अपनी फिल्मों को पैकेज की तरह नहीं देखते . हम जब भी राइटर के साथ बैठते हैं तो पहले 10 पेज की तैयारी करते हैं , और उसके बाद धीरे धीरे आगे बढ़ते हैं. ये सबकुछ आर्ट और कॉमर्स का कॉम्बो होता है .
तलवार कैसे बनी ?
हम खुद को लकी समझते है कि इन कहानियों ने हमें चुना है. तलवार के टाइम हमें विशाल भारद्वाज मिले और जब उनकी कहानी हमने पढ़ी तो पता चला की हमें तो उस विषय में कुछ पता ही नहीं था. उस समय हमें ये नहीं पता था की कैसे बनाना है, सभी एक्टर्स जिम्मेदार थे. बस हमें ये डर था की कहीं हम गलत न हो जाएँ. लेकिन सबकी मेहनत रंग लायी.
बरेली की बर्फी के बारे में बताएं ?
बरेलो की बर्फी स्टोरी जब हमने सुनी थी तो शाम के चार बजे कहानी पूरी सुनाई गयी, हम जोर जोर से हंस रहे थे, कहानी को श्रेयस ने सुनाई थी. ऐसी कहानी थी जो सबको पसंद जरूर आती .
राजी कैसे हुयी ?
मुझे किसी ने मुझे हरिंदर सिक्का जी की किताब दी थी तो मुझे पढ़ते हुए ही एहसास हो गया था की ये स्टोरी तो बननी ही चाहिए. तलवार फिल्म के बाद मैं और मेघना गुलज़ार बैठे थे, मैंने उन्हें बताया की मैं ये कहानी पढ़ी है और क्या वो ऐसी फिल्म बनाना चाहेंगी, उन्होंने हाँ कहा. उनको भी ये कहानी पता थी. ये किताब भी आसानी से उपलब्ध नहीं थी. कहानी के राइट्स हमारे पास नहीं थे , बाद में हमारे पास आये. मेघना और भवानी ने किताब को फिल्म में तब्दील किया. ह्यूमन को टच करती है .
मेघना के साथ अगली फिल्म ?
हमारी बातचीत चलती रहती है . जोड़ी बन जाती है . देखिये आगे क्या होता है . अभी तो वो मानेकशॉ कर रही हैं. उसके बाद आशा है हम वापसी करें.
आप जंगली फिल्म भी बना रहे हैं ?
भारत में एक्शन बहुत चलता है. और हमने एक्शन के साथ साथ कहानी भी मिक्स करना चाहा. उस समय हाथियों को बचाने के लिए तरह तरह की खबरें आया करती थी. वहीँ से कहानी सामने आयी. फिल्म के रूप में तब्दील की, फिल्म बनकर रेडी है.
उसके बाद 'बधाई हो' फिल्म भी कर रहे हैं ?
मैं काफी खुश हूँ की ये स्टोरी बेहतरीन कास्ट के साथ आने वाली है. गजराज राव, नीना गुप्ता, सुरेखा सीकरी , आयुष्मान खुराना और सान्या मल्होत्रा . दिल्ली के बैकड्रॉप पर फैमिली फिल्म है. मिडल क्लास परिवार में एक घटना घटती है , जिसकी वजह से पूरा परिवार हिल जाता है ,मनोरंजन के साथ साथ कुछ तो कहती है , परिवार सबसे आगे होता है.
दोनों फिल्में तैयार हैं ?
दोनों फिल्में रेडी हैं , लगता है बधाई हो पहले रिलीज होगी. और जंगली थोड़ी आगे बढ़ सकती है .
और क्या आगे आने वाला है ?
हम अनुराग सिंह की अगली फिल्म को प्रोड्यूस कर रहे हैं, जो अभी केसरी की शूटिंग कर रहे हैं, पिछले ढाई साल से हम लोग एक सुपरहीरो फिल्म बनाने की तैयारी में जुटे हुए हैं. अनुराग जो कहानी लेकर आये थे वो एक मैथोलॉजी से प्रेरित थी, लेकिन हमने काफी बदलाव किये हैं. बढ़िया सुपरहीरो फिल्म बनाने की तैयारी है . उसके बाद विशाल भारद्वाज के साथ तलवार 2 की तैयारी है जो कई सारे केसेस को उजागर करेगी. सच्ची घटनाएं जिन्होंने कई साड़ी चीजों को बदला है, उसी पर बेस्ड फिल्म बनाने की कोशिश है . विशाल जी को समय सिर्फ रिसर्च पर लगता है, उसी के दौरान वो किरदारों को खोज लेते हैं.