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नरगिस जी के किरदार को लेकर मैं बहुत नर्वस हो गई थी - मनीषा कोइराला

संजू फिल्म में मनीषा कोइराला संजय दत्त की मां यानी नरगिस का किरदार निभाती हुई नजर आने वाली हैं. ऐसे में हालही में हुए एक इंटरव्यू में मनीषा ने फिल्म से जुड़े जय सवालों के जवाब दिए. तो आइए सवाल और उनके जवाब पर डालते हैं एक नजर.

आपका क्या रिएक्शन था जब आपको यह किरादर ऑफर हुआ था ?

पहले तो मैं बहुत नर्वस हो गई थी कि क्या मैं यह रोल कर पाऊंगी कि नहीं. लेकिन जब राजू सर ने मुझे इस फिल्म की कहानी और मुझे पूरी फिल्म के बारे में अच्छे से समझाया तब मैं फिल्म करने के लिए बेहद उत्साहित हो चुकी थी. और अब मैं बहुत खुश हूं कि मैंने यह फिल्म की है.

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आपने कैसे नरगिस जी के लाइफ और इमोशंस को मैच किया इस फिल्म में?

देखिए फिल्म मेकर्स ने इस पर बहुत रिसर्च किया है और उन्होंने इस पर इतनी अच्छी तरह से मेहनत की है. आपको वह बताएंगे कि आप के कैरेक्टर का क्या ग्रेड है. जिस वजह से काम करना बेहद आसान हो गया था. मैं इस चीज के लिए पूरा क्रेडिट राजू सर को देती हूं. मुझे इस फिल्म का गाना (कर हर मैदान फतेह) बेहद पसंद आया है. मुझे पता था कि इस फिल्म का यह गाना जरूर सभी को पसंद आएगा.

आप नरगिस जी के बारे में फिल्म करने से पहले कितना जानती थी?

मैं सच कहूं तो मैं उनको बिल्कुल भी नहीं जानती थी. मुझे उनके बारे में तब पता चला अच्छी तरह से जब मैंने फिल्म करने से पहले उनके बारे में जानने के लिए रिसर्च करना शुरू किया. राजू जी ने मुझे उनकी कुछ डॉक्यूमेंट्री दिखाई थी. इसके अलावा प्रिया दत्त भी मुझसे मिली थीं, उन्होंने मुझे एक डायरी भी दी थी. लेकिन उसके पहले मुझे उनके बारे में ज्यादा कुछ नहीं पता था.

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आप कैंसर जैसी बीमारी से जूझ चुकी हैं और अचानक से आपको उसी बीमारी से गुजर चुके किरदार को निभाने का मौका मिला है?

मैं इस किरदार को बहुत नजदीक से महसूस कर पा रही थी और मैं थोड़ी डरी हुई भी थी कि क्या मैं उनके किरदार को अच्छे से निभा पाऊंगी. लेकिन जब राजू जी ने यह समझाया कि फिल्म की पूरी कहानी नरगिस जी की बीमारी के आस-पास नहीं है तब मुझे थोड़ा आराम महसूस हुआ.

आपने इतने सालों में अपनी एक्टिंग स्टाइल को कैसे बदला है?

अपने काम को लेकर सही फिल्म और डायरेक्टर को चुनने को लेकर यह सब है. जैसे कि मैं अपने काम को बहुत पसंद करती हूं उसकी तहत मुझे इस पर भी ध्यान देना जरूरी था कि आजकल ट्रेंड में क्या चल रहा है. मुझे पुराने दौर में रहना नहीं था. मैं वह काम फिर नहीं कर सकती जो मैंने 20 साल की उम्र में किया था. इस तरह से मुझे देखना जरूरी था कि आजकल की जनरेशन क्या कर रही है. किस तरह की एक्टिंग, फिल्म और स्क्रिप्ट वह पसंद कर रही है. इस तरह से मुझे महसूस होता है कि बदलते वक्त के साथ आपको भी बदलना चाहिए. क्योंकि हर एक चीज समय के हिसाब से चलती रहती है ना कि वह कभी रूकती है. अगर आपको मार्केट में काम करते रहना है तो आप को उसके हिसाब से खुद को बदलना पड़ेगा. मैं भी खुद को बदल रही हूं. बता दूं कि सौ प्रतिशत अब तक नहीं हो पाया है. लेकिन मैं कोशिश कर रही हूं.

क्या इंडस्ट्री पहले से ज्यादा प्रोफेशनल हो चुकी है?

जी हां इंडस्ट्री पहले से काफी ज्यादा प्रोफेशनल हो चुकी है. और यह एक बहुत अच्छा चेंज है इस दौर की अच्छाइयों की बात करें तो यह बहुत फोकस्ड, डिसिप्लिन, प्रोफेशनल और हाय कंपटीशन से भरी पड़ी है. जैसे कि सभी आजकल अपना बेस्ट देने की कोशिश करते हैं. जैसे कि आपकी फिगर हो गई जिसके लिए सभी आज कल जिम में ज्यादा से ज्यादा समय बिताते हैं. हर तरफ आप देख सकते हैं कि लोग कितनी मेहनत कर रहे हैं. वहीं हमारे वक्त में सारी चीजें बहुत रिलैक्स्ड हुआ करती थी तब लोग चीजों की ज्यादा टेंशन नहीं लिया करते थे. जैसे कि कभी अगर कोई फिल्म फ्लॉप हो गई तो वह यह कह कर भूल जाते थे कि चलो एक बुरी फिल्म की दूसरी फिल्में अच्छा करेगी. लेकिन आज की तारीख में ऐसा कुछ नहीं है क्योंकि इस वक्त मैं बुरी फिल्म करने का चांस ही नहीं है. क्योंकि इंडस्ट्री में कंपटीशन काफी बढ़ गया है.

ऐसी कोई चीज है 90s की जिसे आप मिस करती हैं?

नहीं ऐसा कुछ नहीं है. मैं ऐसी इंसान नहीं हूं जो कि अपने पिछले दिनों में जिए मैं आज के साथ जीना पसंद करती हूं और मैं बहुत खुश हूं.

रणबीर कपूर आपसे सिर्फ 10 या 12 साल छोटे हैं, तो क्या आपको उनकी मां का किरदार निभाना मुश्किल नहीं लगा?

हां, शुरू में मैंने इस बारे में सोचा जरूर था. लेकिन बाद में मैंने यह महसूस किया कि मैं अपना किरदार नहीं बल्कि मैं किसी और के किरदार को इस फिल्म में निभाने जा रही हूं. इस फिल्म में मैं नरगिस दत्त जी के किरदार में हूं और रणबीर उनके बेटे यानी संजय दत्त के किरदार में है.

सनम फिल्म के दौरान संजय दत्त अपने बुरे दौर से गुजर रहे थे, तब क्या उन्होंने आपसे कभी उस बारे में बात की थी?

आपको सच बोलू तो कभी मैंने उनसे पर्सनली बात नहीं की है. बल्कि जब भी हम बात करते थे तो वह फिल्म के सेट पर फिल्म को लेकर ही हुआ करती थी. लेकिन यह बात भी सच है कि संजय दत्त बहुत अच्छे दिल के इंसान हैं वह मस्ती करना खुश रहना पसंद करते हैं. राजकुमार हिरानी तक को उनके बारे में पता नहीं था जब की उन्होंने उनके साथ बहुत सारी फिल्में बनाई है. तो मुझे इन सब के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं था.

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संजय दत्त की असल जिंदगी की कहानी ने आपको किस तरह महसूस कराया है?

सच कहूं तो मैंने फिल्म नहीं देखी है, मेरे पास वक्त नहीं है कि मैं जाकर देखूं आप लोगों की तरह. इसलिए मुझे फिल्म से जुड़ी सारी बातें पता नहीं है. लेकिन सच कहूं तो जब मैंने फिल्म का ट्रेलर देखा तब मैं सच में बहुत शौक थी क्योंकि तब मुझे समझ में आया कि वह किन किन परिस्थितियों से गुजर चुके हैं. सच कहूं तो मैं भी आप सभी की तरह ही इस फिल्म को देखने का बेसब्री से इंतजार कर रही हूं. क्योंकि मुझे भी संजय दत्त की जिंदगी के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं है.

क्या आपको कभी ऐसा महसूस हुआ कि आप नरगिस जी की तरह दिखती है?

जी ऐसा बहुत पहले बॉम्बे फिल्म के रिलीज के समय हुआ था. जब सुनील दत्त जी ने खुद मुझे फोन करके कहा था कि उन्होंने मुझ में नरगिस जी की झलक देखी. तब मैं यह सुनकर बहुत खुश हुई थी क्योंकि वह एक लेजेंड है. उस उम्र में उनके साथ मेरी तुलना कर इतना अच्छा कॉन्प्लीमेंट मिलना मेरे लिए बहुत बड़ी चीज थी. मैंने कभी सोचा नहीं था कि इतने सालों बाद मैं उनका किरदार फिल्म में निभाऊंगी.

नरगिस जी की तरह दिखने के लिए लुक टेस्ट के दौरान आपने क्या उसमें भूमिका निभाई थी?

देखिए मैं ऐसे लोगों में से हूं जिन्हें जब तक किसी और से फीडबैक नहीं मिलता है तब तक उन्हें पता नहीं चलता है कि वह सही कर रहे हैं या गलत. मैंने उस दौरान अपना हंड्रेड परसेंट दिया था कि मैं उनकी तरह सारी चीजे अच्छे से कर सकूं. नहीं मुझे पता नहीं था कि मैं उनकी तरह कितनी दिख पा रही हूं, लेकिन जैसे-जैसे मुझे लोगों की प्रतिक्रिया मिलनी शुरु हुई मुझे बहुत अच्छा महसूस हुआ.

आप जैसे कि नेपाल की एक पॉलिटिकल फैमिली से बिलॉन्ग करती हैं, तो क्या वो खुश थे आप की फिल्मी दुनिया में आने को लेकर?

उस वक्त में आज की तरह इतनी मीडिया एक्टिव नहीं थी. तब कुछ मैगजीन हुआ करती थी जो कि गलत इंफॉर्मेशन बॉलीवुड से जुड़ी हुई देती थीं. जैसे की कास्टिंग काउच और बहुत सारी चीजें. इस वजह से मेरे माता पिता मेरे बॉलीवुड में जाने को लेकर बिल्कुल खुश नहीं थे. लेकिन मेरी दादी मां जोकि घर की हेड थी उन्होंने मुझे हर तरह से सपोर्ट किया.

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मनीषा आप के दौर में आप माधुरी, जूही चावला सभी लेजेंड थी, तो क्या आपको लगता है कि आजकल की एक्ट्रेस में से कोई है जो उस लेवल को छुपा रही है?

आजकल की सभी एक्टरों अच्छी हैं, जैसे कंगना, आलिया और दीपिका यह सभी बहुत मेहनती हैं और इनकी एक्टिंग और उनके साथ काम करना सभी बहुत एंजॉय करते हैं. यह सभी एक्ट्रेस बहुत टैलेंटेड है और मुझे उनका काम बहुत पसंद आता है.

नरगिस जी के किरदार को करते हुए क्या कभी आप को लगा कि उनको इस जगह ऐसा कोई डिसीजन लेना चाहिए था?

देखिए मैं इतनी समझदार हो चुकी हूं कि मैं जजमेंटल ना बनू. मुझे किसी और की गलती सुधारने से पहले अपनी खुद की गलतियां देखकर सुधारनी चाहिए. मैं अपनी खामियां को ठीक करने से पहले सामने वाले को कैसे बोल सकती हूं.

संजय दत्त ने क्या आपको उनकी बायोपिक में निभाए गए किरदार को लेकर कुछ कहा है?

हां, जब हम प्रस्थानम फिल्म की शूटिंग शुरू कर रहे थे. तब संजू का नया पोस्टर रिलीज हुआ था. संजय दत्त ने तब मेरे पास आकर कहा था कि तुम बिल्कुल मेरी मां की तरह दिख रही हो. वह उस पोस्टर को देखकर बहुत खुश थे. उनके साथ काम करना बहुत अच्छा अनुभव है. वह अपने जीवन में बहुत सारे उतार-चढ़ाव देख चुके हैं. भले मैं उनके बारे में अच्छे से नहीं जानती हूं लेकिन उनके जीवन के बारे में यह सारी बातें पता है.

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आप रणबीर कपूर के बारे में क्या कहना चाहेंगी?

आपको बता दूं कि वह कमाल के एक्टर हैं. आज की तारीख में वह बेहतरीन एक्ट्रेस में से एक हैं. उनके साथ फिल्म में मैंने कुछ सींस भी शेयर किए हैं.

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