बॉलीवुड के बेहतरीन अदाकार नसीरुद्दीन शाह का आज जन्मदिन है. दिग्गज एक्टर नसीरुद्दीन शाह का जन्म 20 जुलाई 1949 को हुआ था. नसीरुद्दीन तीन नेशनल अवॉर्ड्स और फिल्मफेयर अवॉर्ड्स के साथ ही पद्म श्री और पद्म भूषण से भी सम्मानित हो चुके हैं. उनके जन्मदिन पर पढ़ें उनसे हुई खास बातचीत के अंश...
नेगेटिव किरदार -
मुझे लगता है नेगेटिव किरदार ज्यादा दिलचस्प होते हैं, मुझे याद है मैंने उतने नेगेटिव रोल्स नहीं निभाए हैं, जितने निभाने चाहिए थे. मेरी खुद की फेवरिट फिल्में बॉम्बे बॉयज़, मिर्च मसाला हैं. मुझे ऐसी फिल्में ज्यादा पसंद हैं. मुझे लगता है मैंने उस तरह के किरदार ज्यादा नहीं निभाए हैं , हमेशा एक सम्मानजनक इंसान का किरदार दिया जाता था, जो बहुत अच्छा इंसान है. मुझे और भी नेगेटिव किरदार निभाएं हैं.
शेक्सपीयर -
शेक्सपीयर मेरे लिए बचपन से ख़ास थे, मैं उनके बारे में किताबों में पढ़ा करता था. मैंने शेक्सपीयर के ज्यादा प्ले थिएटर में नहीं किये हैं, स्कूल में कुछ नाटकों में किया करता था, बहुत कम ऐसे एक्टर्स हैं जो शेक्सपीयर की बातें सही तरीके से बोल पाते हैं. शेक्सपीयर की कहानियों के ऊपर सोहराब मोदी, पारसी थिएटर ने बहुत सारी फिल्में बनाये हैं. शेक्सपीयर को कभी ऐसा नहीं लगा होगा की 600 साल के बाद उनकी कहानियों के ऊपर प्ले बनाया जाएगा, और फिल्में भी निर्माण की जाएंगी. तो शेक्सपीयर को थिएटर में और फिल्मों में निभाना, दोनों अलग अलग बातें हैं.
फिल्मों का चयन :
मैंने शेक्सपीयर की वजह से कभी फिल्मों को नहीं चुना. फिल्मों का चयन मैंने सच्ची कहानियों को दर्शाने के लिए किया. काम की भूख समय समय पर बदलती रही , पहले मुझे काम सीखने की भूख थी, उसके बाद नाम कमाने और काम की सराहना की भूख थी, और अब महान किरदारों को निभाने की भूख है. यादगार प्रोजेक्ट्स से जुड़ने की मनसा है.
मनोज बाजपेयी आपको आइडल मानते हैं ?
भाई, ये उसका बड़प्पन है की वो इस तरह की बात कहता है. मैं खुद उसका फैन हूँ. जबसे मनोज ने 'बैंडिट क्वीन' में काम किया है, मैं उसे बहुत ही बेहतरीन एक्टर मानता हूं.
आपने बैंडिट क्वीन का रोल मना कर दिया था ?
(हंसते हुए) हां वो मेरी बदनसीबी और मनोज की खुशनसीबी थी.
तो आपको लगता है की आपकी वजह से मनोज को 'बैंडिट क्वीन' मिली थी ?
नहीं नहीं, ये उनकी काबिलियत के आधार पर उन्हें मिली थी, उसमें मेरा कोई योगदान नहीं है.